‘हिज्ब-उत-तहरीर’ के बंदी 16 में से आधे बने थे नये-नये मुल्ला
सौरभ राजवैद्य से बना मोहम्मद सलीम, फिर पत्नी को बनाया मुस्लिम; ओवैसी के कॉलेज में नौकरी पा बन गया ‘जहर का प्रोफेसर’
सौरभ राजवैद्य, मोहम्मद सलीम, ओवैसी की यूनिवर्सिटी
सौरभ राजवैद्य से सलीम बना था HuT का आतंकी
मध्य प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए हिज्ब-उत-तहरीर संगठन के 16 आतंकियों से पूछताछ में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। हाल की जाँच में यह सामने आया था कि इनमें से आधे आतंकी कुछ समय पहले ही मुसलमान बनाए गए थे। बाद में इन्होंने अपनी हिंदू बीवियों को भी इस्लाम कबूल करवा दिया। इनमें से एक इस संगठन का सरगना मोहम्मज सलीम भी है।
एटीएस की पूछताछ में पता चला कि सलीम पहले सौरभ हुआ करता था। उसका पूरा नाम सौरभ राजवैद्य था। वह भोपाल का बैरसिया के पास का रहने वाला है। साल 2010 में उसने पहले खुद इस्लाम कबूला और 2012 में अपनी हिंदू बीवी को इस्लाम कबूल करवाया। इसके बाद दोनों हैदराबाद शिफ्ट हो गए।
चूँकि सलीम मध्य प्रदेश से था इसलिए उसे पूरे एमपी में हिज्ब-उत-तहरीर संगठन का एजेंडा फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई और ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा गया। संगठन से जुड़ने के बाद उसने कम समय में ही अपने साथ 100 लोगों को जोड़ लिया।
हैरानी की बात यह है कि सौरभ राजवैद्य से सलीम बनने के बाद उसे हैदराबद में डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के बायोटेक्निकल डिपार्टमेंट में प्रोफेसर की नौकरी मिल गई और यहाँ वह कॉलेज में पढ़ाने के नाम पर मजहबी जहर फैलाने लगा।
जिस यूनिवर्सिटी ने उसके कट्टरपंथी विचारों को पनपने का मौका दिया उसकी वेबसाइट बताती है कि इसके चेयरमैन एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी है। कॉलेज की स्थापना सुल्तान सलाहाउद्दीन ओवैसी ने की थी।
मध्य प्रदेश ATS ने उसे डेक्कन कॉलेज गोलकुंडा से गिरफ्तार किया है। सौरभ के अलावा ओडिशा के देवी प्रसाद पांडा ने और हैदराबाद के वेणु कुमार ने इस्लाम कबूल कर के अपने नाम क्रमशः अब्दुल रहमान व मोहम्मद अब्बास रख लिए थे।
पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि भोपाल के जिम ट्रेनर यासिर खान ने भी एक हिंदू लड़की से शादी कर के उसका धर्म परिवर्तन करवा दिया था। इन सभी के अलावा गिरफ्तार लोगों में 2 अन्य ऐसे हैं जिनकी पत्नियाँ पहले हिंदू थीं और बाद में उन्हें इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया गया।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश ATS ने मंगलवार (10 मई 2023) को दबिश मार कर HUT (हिज्ब उत् तहरीर) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े 16 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। ये छापेमारी भोपाल, छिंदवाड़ा और हैदराबाद से हुई थीं। UAPA की धाराओं में गिरफ्तार इन आरोपितों के पास से तकनीकी उपकरण, देश विरोधी दस्तावेज, कट्टरपंथी साहित्य और हथियार भी बरामद हुए थे। इस संगठन के लोग आम लोगों के बीच कंप्यूटर इंजीनियर, टेक्नीशियन, टीचर, व्यवसायी, जिम ट्रेनर, कोचिंग सेंटर संचालक, ऑटो ड्राइवर, दर्जी आदि रूपों में घुल-मिल कर अपनी हरकतों को अंजाम देते हैं।
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