बिहार के अशफ़ाक को केरल में 110 दिन में फांसी
बिहार के अशफाक आलम ने केरल में 5 साल की बच्ची का किया रेप, हत्या कर नाले में फेंका: 110 दिन में कोर्ट ने सुनाई फाँसी की सजा
एर्नाकुलम 14 नवंबर। केरल के एक कोर्ट ने अशफाक आलम नाम के एक व्यक्ति को एक पाँच साल की बच्ची का अपहरण करके उसके बलात्कार और हत्या करने के दोष में फाँसी की सजा सुनाई है। 28 वर्षीय अशफाक ने 28 जुलाई, 2023 को एर्नाकुलम के अलुवा से एक बच्ची का अपहरण किया था और उसका बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी।
अशफाक ने बच्ची की टीशर्ट से ही उसका गला कस दिया था और उसकी लाश को फेंक दिया था। बच्ची के शरीर पर चोट के गंभीर निशान मिले थे। अब इस मामले में कोर्ट ने अशफाक को दोषी ठहराते हुए फाँसी की सजा सुनाई है और ₹7.7 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
CRIME POCSO COURT WILL SENTENCE TODAY IN CASE OF RAPE AND MURDER OF A 5 YEAR OLD GIRL FROM BIHAR IN KERALA
बिहार की 5 साल की मासूम के साथ केरल में रेप के बाद हत्या मामले में अदालत आज सजा का ऐलान करेगी. अलुवा रेप केस में अदालत के फैसले पर सभी की नजर है. कोच्चि की एक पॉक्सो अदालत में अभियोजन पक्ष ने
बचाव पक्ष ने 4 नवंबर को ही दलील दी थी कि आरोपित में सुधार की गुंजाइश है. POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कोर्ट के जज के. सोमन ने इस मामले की सुनवाई कर आरोपित प्रवासी मजदूर पर लगे 16 अपराधों में दोषी पाया था जिसमें 5 में मौत की सजा का प्रावधान है. 28 जुलाई 2023 को बच्ची को उसके किराए के मकान से जूस पिलाने के बहाने अपहरण करके ले जाया गया जहां अलुवा बाजार के कूड़े के ढेर और दलदली इलाके में उसके शव को फेंक दिया गया. जांच के बाद यौनाचार और क्रूरता की पुष्टि हुई.
बता दें कि बच्ची के बलात्कार और हत्या का दोषी अशफाक आलम बिहार का रहने वाला है। उसने जिस बच्ची की हत्या की उसके माता-पिता भी बिहार से ही केरल काम करने के लिए गए हुए थे। बच्ची के पिता यहाँ जिप्सम बोर्ड लगाने का काम करते हैं।
28 जुलाई की शाम को अशफाक आलम बच्ची को अपने साथ ले गया और उसका बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी। अशफाक आलम ने बच्ची के शव पर पत्थर रख कर उसे एक नाले में डाल दिया। पुलिस ने जब अशफाक को पकड़ा तो वह उन्हें गुमराह करने लगा।
एर्नाकुलम POCSO कोर्ट ने अशफाक आलम नाबालिग हिंदू बच्ची के रेप में दोषी ठहराया
केरल के एर्नाकुलम POCSO कोर्ट ने शनिवार (4 नवंबर,2023) को अलुवा में एक नाबालिग हिन्दू बच्ची के अपहरण और हत्या के मामले में प्रवासी मजदूर अशफाक आलम को दोषी ठहराया है। आरोपित सभी 16 आरोपों में दोषी पाया गया।
इस केस में ये फैसला वारदात के 100 दिनों बाद आया। गौरतलब है कि बिहार के रहने वाले आपराधिक पृष्ठभूमि वाले आलम ने बिहार के ही दंपत्ति की 5 साल की बच्ची का 28 जुलाई, 2023 को अपहरण कर लिया था। बच्ची की लाश 29 जुलाई 2023 को कूड़े के ढेर से एक बोरे के अंदर मिली थी। इसके बाद ही आलम को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
अशफाक आलम की सजा को लेकर खास सरकारी वकील मोहन राज ने कहा कि आरोपित पर लगाए गए सभी 16 आरोप कोर्ट में साबित हो गए हैं। इनमें से 5 आरोपों में उसे मौत की सजा दी जानी चाहिए।
अभियोगी पक्ष दोषी ठहराए गए अशफाक आलम के लिए अधिकतम सजा की माँग की।
इस खौफनाक दिल को झकझोर कर रख देने वाली घटना के बाद पूरा केरल सकते में आ गया था। 28 जुलाई को हुई घटना से जुड़े केस में 35वें दिन आरोप पत्र जारी किया गया था। दो महीने बाद मुकदमा शुरू हुआ और अदालती कार्यवाही 26 दिन में पूरी हुई।
पुलिस के मुताबिक, नशे के आदी आरोपित अशफाक ने नाबालिग बच्ची को जूस की बोतल में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया था। इसके बाद उसके साथ बलात्कार किया। इस दौरान अशफाक ने बच्ची के बेहोश होने के बाद उसकी हत्या कर दी।
इस केस मामले में कुल 41 गवाहों से पूछताछ की गई। केवल हिंदी जानने वाले आरोपित अशफाक को मुकदमे के दौरान एक दुभाषिया मुहैया कराया गया था। वारदात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तेजी से जाँच पूरी की और घटना के 30 दिनों के अंदर केस दर्ज कर डाला।
हालाँकि, पुलिस ने इस मामले में जल्द से जल्द प्रमाण एकत्र करके अशफाक को सजा दिलवा दी।
यह निर्णय अपराध के 110 दिनों के भीतर आया है। हालाँकि, अशफाक की दोषसिद्धि 100वें दिन ही हो गई थी। मामले का निर्णय सुनाए जाने के समय अशफाक आलम के अब्बा और अम्मी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के कृत्य के लिए फाँसी से कम कुछ भी नहीं होना चाहिए।
केरल के एडीजीपी एम अजीतकुमार ने कहा कि पुलिस का इस मामले को गंभीरतम सिद्ध करना अशफाक को फाँसी दिलाने में सहायक रहा। उन्होंने इस मामले की जाँच को 30 दिनों में पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों की भी प्रशंसा की।
अजीत कुमार ने यह भी बताया कि अशफाक का यह कोई पहला ऐसा अपराध नहीं था बल्कि वह दिल्ली और बिहार में ऐसा ही कर चुका था। हालाँकि, यहाँ वह बचा रहा था लेकिन केरल में उसे गिरफ्तार करके सजा दिलवाई गई है। अलुवा बाजार में काम करने वाले एक व्यक्ति ने जो इस मामले का गवाह भी था,अशफाक को फाँसी मिलने पर मिठाई बाँटी।
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि ऐसे मामलों में फाँसी की सजा इस तरह के अपराध करने वालों के लिए चेतावनी का काम करेंगी। विजयन ने कहा है कि बच्ची के माता पिता के दुख को कम नहीं किया जा सकता लेकिन राज्य सरकार उनकी पूरी तरीके से सहायता करेगी।
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