अतीक और अशरफ़ सुपुर्दे खाक,पत्नी न पहुंची, दोनों अव्यस्क बेटों ने दी मिट्टी

Prayagraj Atiq Ahamd Ashram Buried In Kasari Masari Kabristan

दफन हुए अतीक अहमद और अशरफ, 40 साल के माफिया राज का अंत

अतीक अहमद को प्रयागराज के कब्रिस्‍तान में दफना दिया गया। उनके बेटों ने उन्‍हें कंधा दिया। अशरफ की बेटियां भी मौके पर मौजूद थीं। पूरे समय अटकलें रहीं कि अतीक की पत्‍नी शाइस्‍ता भी सरेंडर कर वहां आएंगी। इस पर दफन करते समय तो बार बार खबरें बदलती रहीं।

हाइलाइट्स
1-अतीक अहमद और अशरफ को दफन कर दिया गया
2-दोनों को ही शनिवार को तीन लोगों ने हमला कर मार दिया था
3-दोनों वारदात के समय में पुलिस कस्‍टडी में थे

प्रयागराज16 अप्रैल: माफिया डॉन अतीक अहमद (Atique Ahmad buried) और उनके भाई अशरफ (Atiq Ahmed Ashraf Ahmad buried) को उनके पैतृक कसारी मसारी कब्रिस्‍तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। दोनों को ही शनिवार शाम को अस्‍पताल के सामने गोलियां चलाकर मार डाला गया था। मारने वाले तीन युवक थे। तीनों को अरेस्‍ट कर जेल भेज दिया गया है। शाम को अतीक और अशरफ के शव को कब्रिस्‍तान लाए जाने के बाद अतीक के दोनों नाबालिग बेटों अहजम और एबान को भी वहां एंबुलेंस से लाया गया। उसके कुछ देर बाद अशरफ की दोनों बेटियों को वहां लाया गया। अतीक की पत्‍नी शाइस्‍ता परवीन पति अतीक को आखिरी व‍िदाई देने पहुंचेंगी कि नहीं इस पर अंत तक अटकलें चलती रहीं।

इससे पहले अतीक के शव का पोस्‍टमॉर्टम करीब साढे़ पांच बजे हो गया था। उसके आधे घंटे बाद अशरफ का शव आया था। इसके बाद दोनों शवों को सुपुर्दे खाक करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस बीच कई बार ऐसी खबर आई कि अतीक की पत्‍नी शाइस्‍ता ने सरेंडर कर दिया और वह पत्‍नी को अंतिम विदाई देने आई हैं।

 

अतीक अहमद, अशरफ

अतीक अहमद और अशरफ को शनिवार को उस समय मार दिया गया जब पुलिस उन्‍हें मेडिकल चेकअप के लिए अस्‍पताल लेकर पहुंची थी। तीन लोग मीडियाकर्मियों के रूप में आए और पॉइंट ब्‍लैंक रेंज से गोली मार दी। पोस्‍टमॉर्टम रिर्पोट में पता चला कि अतीक को 8 और अशरफ को 5 गोलियां लगी थीं। कुल 22 राउंड गोलियां चली थीं।

रविवार रात को अतीक और अशरफ को जिस कसारी मसारी कब्रिस्‍तान में दफनाया गया, उससे एक दिन पहले अतीक के बेटे असद को दफनाया गया था। असद उमेश पाल मर्डर में मुख्‍य आरोपित था और गुरुवार को झांसी में एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया था।

 

सुपुर्द-ए-खाक हुए अतीक-अशरफ, लेकिन खून और खाली खोखों के बीच बिखरे पड़े हैं ये 10 सवाल

उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. अतीक के दोनों नाबालिग बेटों ने अंतिम विदाई दी. इस हत्याकांड को अब 24 घंटे से अधिक हो चुके हैं, लेकिन कुछ सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिले हैं.
अतीक हत्याकांड में कई सवाल उठ रहे है।

अतीक अहमद… एक माफिया जो 40 साल तक जुर्म की दुनिया को पालता पोषता रहा, जो देश की संवैधानिक प्रक्रिया और इसके नीति निर्माताओं में 6 बार शामिल तो हुआ, लेकिन कभी संविधान और कानून का सम्मान नहीं कर पाया. जिसने डर के राज को ही सच समझ लिया, त्रासदी है कि वही अतीक अहमद उस समय अपने भाई के साथ ही जान से हाथ धो बैठा, जब उसके हाथों में हथकड़ी थी और वह खुद कानून के शिकंजे में था.

पत्रकार बनकर आए तीन युवकों पर आरोप

शनिवार की रात जब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में अतीक और अशरफ को पुलिस मेडिकल चेकअप के लिए लेकर आई थी तो तीन युवक पत्रकार बनकर आए और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर अतीक और अशरफ की हत्या कर दी. इस हत्याकांड के ठीक बाद तीनों हमलावरों ने सरेंडर कर दिया. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके ले गई. रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया और यहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तीनों भेज दिए गए.

10 सवाल जिनके जवाब बाकी

ये उन 24 घंटों की एक ब्रीफिंग है कि शनिवार रात से रविवार के इस समय तक क्या क्या हुआ है. कसारी मसारी कब्रिस्तान में अतीक अशरफ दफन हो चुके हैं, लेकिन जमीन कॉल्विन अस्पताल के पास जिस जगह बुलेट्स के खाली खोखे, अतीक अशरफ के शव और उनके आस पास खून बिखरा पड़ा था, वहीं पर बिखरे पड़े हैं 10 ऐसे सवाल जो अब इस कांड के 24 घंटे बाद और अधिक गहराते जा रहे हैं. इन पर डालते हैं एक नजर

पहला सवाल – तीन हमलावर, तीन शहर तो हत्याकांड के लिए साथ कैसे आए?

हत्याकांड के बाद तीनों हमलावरों को सरेंडर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी शामिल हैं. अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है. सवाल है कि ये तीनों, जब अलग अलग शहर के रहने वाले हैं तो अतीक हत्याकांड के लिए कब मिले और उन्होंने किस तरह इसकी प्लानिंग की.

दूसरा सवाल – हत्या के लिए कब की प्लानिंग?

इस मामले में जो FIR दर्ज है, उसके मुताबिक, ‘आरोपियों ने बताया कि वो अतीक और अशरफ को मारने की फिराक में पत्रकार बनकर प्रयागराज आए थे, लेकिन सही समय और मौका नहीं मिल पा रहा था. लेकिन आज मौका मिला तो हमने उसकी हत्या कर दी. हालांकि इसमें भी ये साफ नहीं हुआ है कि क्या तीनों ने ही इस हत्याकांड के लिए प्लानिंग की थी और कब?

तीसरा सवाल- कमाना चाहते थे नाम और इतनी कमजोर तैयारी

एफआईआर के मुताबिक तीनों आरोपियों ने प्रदेश में अपना नाम कमाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि तीनों आरोपी माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे ताकि प्रदेश में उनका नाम हो और भविष्य में लाभ हो. FIR के ही अनुसार, आरोपितों ने बताया कि हम लोग पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए थे और हत्या करके भाग नहीं पाए, क्योंकि पुलिस की तेज कार्रवाई से हम लोग पकड़े गए. अब सवाल उठता है कि क्या आरोपित इसका भी अनुमान नहीं लगा पाए कि वह अतीक अहमद जैसे बड़े माफिया पर हमला करने वाले हैं? उनका तर्क कहीं से संतुष्टकारी नहीं है. वहीं, FIR में आरोपित, पुलिस से पकड़े जाने की बात कह रहे हैं, जबकि लाइव टीवी पर सभी ने देखा कि आरोपितों ने खुद सरेंडर कर दिया.

चौथा सवाल- कौन है मास्टर माइंड?

FIR में जो भी बातें दर्ज हैं, वह किसी के लिए भी पचा पाना आसान नहीं है. आरोपित प्रसिद्धि चाहते थे, लेकिन प्रसिद्धि को कोई ये तरीका अख्तियार क्यों करेगा. समृद्धि को अतीक अहमद को ही निशाना क्यों बनाया? आरोपितों की आड़ में कोई अन्य तो मास्टरमाइंड नहीं?

पांचवां सवाल- भाटी का नाम क्यों? क्या कोई दुश्मनी थी?

इस हत्याकांड का एक सिरा संदिग्ध रुप में गैंगस्टर सुंदर भाटी से भी जुड़ गया है. इस पर उंगलियां उठने की वजह जिगाना पिस्टल है, जिससे अतीक पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं. सूत्रों के अनुसार अतीक अहमद और अशरफ के हत्यारे सनी सिंह का पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी से कनेक्शन था. हमीरपुर जेल में रहे सनी सिंह सुंदर भाटी का करीबी हो गया था और जेल से छूटने पर सुंदर भाटी के लिए काम करने लगा था. अतीक और अशरफ की हत्या में इस्तेमाल ज़िगाना पिस्टल सुंदर भाटी से मिलने का शक है. सवाल है कि अगर सनी का भाटी से संपर्क था तो क्या भाटी और अतीक की कोई दुश्मनी थी?

छठवां सवाल- भाटी का संपर्क सनी सिंह से, बाकी दो कैसे बने हमलावर

अब फिर घूमफिर कर वही सवाल है, कि तीनों हमलावर मिले कैसे? माना कि सनी का कनेक्शन भाटी से है, लेकिन वह तो अकेला हमीरपुर जेल में था. ऐसे में सवाल है कि लवलेश और अरुण मौर्य कैसे भाटी या फिर सनी के संपर्क में आए? आखिर तीन लोगों की तिकड़ी हत्याकांड को कैसे राजी हो गई? ध्यान देने की बात है कि FIR में इसका जिक्र नहीं है कि तीनों में पहले से कोई आपसी परिचय था.

सातवां सवाल- क्या हत्या करने के लिए पैसे मिले?

जब ये छह सवालों के जवाब नहीं मिलते हैं तो सातवां सवाल खुद ब खुद उनके बीच से निकलता है कि कहीं ऐसा तो नहीं अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को पैसे दिए गए हों? अगर ऐसा है तो ये सुपारी किसने दी? कौन है इस पूरे हत्याकांड के पीछे असली मास्टरमाइंड? क्या वह कोई सफेदपोश है, जो अतीक अहमद को हमेशा को खामोश कर अपने राज राज ही रहने देना चाहता था.

आठवां सवाल- गुड्डू मुस्लिम पर क्या बोलना चाहता था अशरफ?

शनिवार की रात जब मीडिया ने अतीक अशरफ से असद के जनाजे में जाने को लेकर सवाल पूछा था, तो इसके बाद अशरफ ने बोलना शुरू किया था. उसके आखिरी कुछ शब्द थे कि ‘ मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…’ और इतना कहते ही फायरिंग हो गई, जिसके बाद दोनों मारे गए. अब ये सवाल भी बिना जवाब रह गया कि आखिर गुड्डडू मुस्लिम पर अशरफ क्या खुलासा करने वाला था?

नौवां- सवाल पुलिस ने रिमांड क्यों नहीं मांगी

पूरे मामले में सबसे अहम सवाल यह कि आखिर पुलिस ने इतने संगीन जुर्म और लाइव  हत्याकांड के बावजूद तीनों ही हमलावरों की रिमांड क्यों नहीं मांगी? आरोपितों को न्यायिक हिरासत में क्यों जाने दिया? पुलिस का इस पूरे मामले में क्या रुख है?

दसवां सवाल- आरोपितों को कैसे मिले महंगे आधुनिक हथियार?

आरोपितों के पास जो हथियार मिले, वे हैं.
1 एक 30 पिस्टल ( 7.62) कंट्रीमेड
2 एक 9 MM पिस्टल गिरसान ,मेड इन टर्की
3 एक 9 MM पिस्टल , जिगाना ,मेड इन टकी
सवाल है कि नौसिखिए से दिख रहे लो प्रोफाइल आरोपितों के पास ये आधुनिक हथियार कैसे पहुंचे. अगर सनी का सुंदर भाटी से कनेक्शन मान भी लें तो मेड इन टर्की गिरसान पिस्टल कैसे हाथ लगी. इन हथियारों की कीमत भी 5 – 6 लाख से कम नहीं है. तो फिर ये तीनों तक पहुंचे कैसे?

अतीक अहमद ने किसे किया था इशारा? कई सवालों के जवाब बाकी

अतीक अशरफ हत्याकांड में कई सवाल और भी हैं. पुलिस वाहन से उतरते ही अतीक ने किसी को इशारा किया था, कौन था वह, और क्यों उसे इशारा किया गया.  वो कौन है जिसने अतीक को इतनी बुरी तरह खामोश किया. क्या इसके पीछे वो नेता हैं, जिनके राज अतीक के पास थे या फिर वो पाकिस्तानी हथियारों के सौदागर जिन्होंने, हमलावरों को खतरनाक और बैन पिस्टल दी. या फिर किसी पुराने दुश्मन ने हत्या करवाई ? क्योंकि माफिया अतीक अहमद के खिलाफ जबरन वसूली, जमीन हड़पने, अपहरण और हत्या समेत 100 से अधिक मामले  थे. कोई ऐसा भी हो सकता है, जिसने मौका देख दुश्मनी निकाल ली हो.

क्या राजनीतिक सफेदपोश ने कराई हत्या?

अतीक अहमद माफिया होने के साथ सत्ता से भी जुड़ा था. ऐसे में हर दल में उसके साझीदार भी थे. प्रापर्टी के धंधे में अतीक के गैंग की पूरी पकड़ थी. अतीक अहमदाबाद की जेल में रहते हुए भी फोन से धमकियां देकर अपना राज चला रहा था. अतीक ने एक प्रॉपर्टी डीलर की पिटाई की थी और इसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. क्या , जो सफेदपोश अतीक से अपना कालेधन सफेद करवा रहे थे. उससे जमीन हथियाने में मदद लेते थे, वही उसके दुश्मन बन गए और राज खुलने के डर से अतीक को मरवा डाला?

खुद के साथियों ने ही तो नहीं करवाया काम तमाम?

पिछले 30 सालों से अतीक गैंग के लिए काम कर रहा गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही फरार है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में एसटीएफ को उसकी लोकेशन मिली है. आखिरी बार मेरठ में वो दिखा था. राजू पाल मामले में गवाह उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को प्रयागराज में 7 शूटर्स ने की थी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनमें से 4 का एनकाउंटर कर दिया है, वहीं 3 शूटर्स  गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान कभी भी भागे हुए हैं. अतीक अहमद और उसके भाई ने पूछताछ में पुलिस के सामने कई राज खोले थे. माना जा रहा है कि पूछताछ में दोनों ने फरार शूटर गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान और शाइस्ता के बारे में भी जानकारियां दीं. ये भी बताया है कि ये तीनों किस लोकेशन पर मिल सकते हैं ? सवाल है कि क्या इन तीनों ने ही अतीक को खामोश कर दिया जो उन्हें पकड़वा सकता था. अतीक कबूल कर चुका कि उसकी बॉर्डर पार से आते हथियारों तक आसान पहुंच थी. यही नहीं, उसने ISI के साथ लश्कर ए तैय्यबा से भी रिश्ते स्वीकारे थे. आशंका जताई जा रही है कि दोनों की हत्या के पीछे विदेशी हथियारों को खरीदने वाला नेटवर्क भी हो सकता है, जिसने पाकिस्तान और आईएसआई कनेक्शन की कड़ियां खुलने के डर से अतीक और उसके भाई की हत्या करवा दी है. सवाल कई हैं, जवाब एक भी नहीं. देखते हैं कि इस मामले में कब क्या नया खुलासा होता है.

 

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