अतीक और अशरफ़ की हत्या की पूरी कहानी, पुलिस एफआईआर,
AllahabadHow Atiq Ahmed And Ashraf Were Killed Read Full Story Of Murder Fir Of Prayagraj Police
ऐसे मारा गया अतीक अहमद और अशरफ… हत्या की पूरी कहानी, Prayagraj Police के FIR को पढ़िए
Atiq Ahmad and Ashraf Murder Case: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस एफआईआर में घटना के दौरान की पूरी कहानी को बयां किया गया है। हत्याकांड में मीडियाकर्मियों के वेश में हत्यारों के आने का दावा किया गया है।
प्रयागराज 16 अप्रैल: उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस रिमांड पर भेजे गए माफिया डॉन से नेता बने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या ने प्रदेश में सनसनी मचा दी है। उमेश पाल हत्याकांड के दोनों नामांकित आरोपितों से पूछताछ चल रही थी और इसी दौरान हत्याकांड हो गया। प्रयागराज पुलिस की ओर से धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस एफआईआर में उमेश पाल हत्याकांड में नामांकित अभियुक्तों के जेल से लाए जाने से लेकर मौत की जानकारी दी गई है। 15 अप्रैल को हुई पूरी घटना का विवरण दिया गया है। प्रयागराज कमिश्नरेट के धूमनगंज थाना के हेड कॉन्स्टेबल राजेश कुमार मौर्य की ओर से एफआईआर दर्ज की गई। इस एफआईआर में 15 अप्रैल की घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि 14 अप्रैल को सही प्रकार से पूछताछ नहीं होने के बाद 15 को दोनों अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ की गई। दोनों अभियुक्तों के बताए 45 बोर का एक पिस्टल, 32 बोर का एक पिस्टल, 58 जिंदा कारतूस, भिन्न-भिन्न बोर के पांच कारतूस 9 एमएम पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के बरामद किए गए।
एफआईआर में कहा गया है कि ये देश में प्रतिबंधित बोर के कारतूस हैं। बरामद पिस्टल और कारतूस उमेश पाल और सहयोगियों की हत्या में प्रयोग में लाए गए थे। इस बरामदगी के बारे में 15 अप्रैल को अभियुक्त अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ धारा 3/25/27/35 आर्म्स एक्ट में केस लिखा गया। 15 अप्रैल की शाम दोनों अभियुक्तों ने बताया कि उन्हें काफी घबराहट हो रही है। अभियुक्तों की दशा बिगड़ती देख कर मेडिकल जांच के लिए हाजा थाना के प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार मौर्य, उप निरीक्षक विजय सिंह, उप निरीक्षक सौरभ पांडे, उप निरीक्षक सुभाष सिंह, उप निरीक्षक विवेक कुमार सिंह, उप निरीक्षक प्रदीप पांडे, उप निरीक्षक विपिन यादव, उप निरीक्षक शिव प्रसाद वर्मा, हेड कांस्टेबल विजय शंकर और कॉन्स्टेबल सुजीत यादव, गोविंद कुशवाहा, दिनेश कुमार, धनंजय शर्मा, राजेश कुमार, रविंद्र सिंह, संजय कुमार प्रजापति, जयमेश कुमार, हरि मोहन और मान सिंह के साथ बोलेरो वाहन से रात 10:19 बजे अस्पताल भेजा गया। आरक्षी चालक महावीर सिंह गाड़ी चला रहे थे।अतीक अहमद और अरशद को मोतीलाल नेहरू मंडल चिकित्सालय भेजा गया। इस काफिले के साथ एक सरकारी जीप भी गई।
10:35 में अस्पताल पहुंची थी गाड़ी, हुआ कांड
रात 10:35 बजे अतीक और अशरफ को लेकर पुलिस टीम मोतीलाल नेहरू मंडल चिकित्सालय पहुंची। अस्पताल के गेट पर गाड़ी खड़ी करके तमाम पुलिसकर्मी अतीक और अशरफ को लेकर अस्पताल की ओर बढ़े। वाहन चालक महावीर सिंह और सतेंद्र कुमार को वाहनों की सुरक्षा को रखा गया था। हॉस्पिटल गेट से 10-15 कदम आगे बढ़ते ही मीडिया कर्मियों का समूह सुरक्षा घेरे में चल रहे अतीक और अशरफ की बाइट और वर्जन लेने अपने कैमरों और माइकों के साथ पहुंच गया। सुरक्षा घेरा को तोड़कर मीडियाकर्मी अतीक और अशरफ के निकट पहुंच गए। मीडियाकर्मियों को देखकर दोनों बाइट देने रुक गए। इस दौरान पुलिस टीम पीछे से उन्हें आगे बढ़ने को कह रही थी। तभी मीडियाकर्मियों की भीड़ से दो मीडिया कर्मियों ने अपनी माइक और आईडी को नीचे फेंक हथियार निकाल कर अतीक और अशरफ को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू कर दी। उनके पास अत्याधुनिक सेमी-ऑटोमेटिक हथियार थे।
गोलीबारी में तीसरे मीडियाकर्मी ने भी अतीक और अशरफ को लक्ष्य करके फायर करना शुरू कर दिया। जब तक कोई कुछ समझ पाता, तब तक मीडियाकर्मियों का रूप धरे हत्यारों ने अतीक और अशरफ को गोली मार दी। हमलावरों की घातक फायरिंग के कारण कॉन्स्टेबल मान सिंह के दाहिने हाथ में गोली लग गई। गोलीबारी के बीच पुलिसकर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मौके पर ही तीनों हमलावरों को लोडेड हथियारों के साथ पकड़ लिया। हमलावरों को भागने का अवसर नहीं मिला। हमलावरों का एक साथी अपने साथियों की क्रॉस फायरिंग में घायल हुआ।
अस्पताल में डेड घोषित किया गया अतीक
हमलावरों की गोली से गंभीर रूप से घायल अतीक और अशरफ को इलाज को अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। हमलावरों को हाथों में लोडेड हथियारों के साथ पकड़ा गया। पुलिसकर्मियों ने जब तीनों को पकड़ा तो उनके हाथों से लोडेड हथियार छिटक कर गिए। घटनास्थल पर मीडिया के कैमरों में आए हथियार यही थे। फायरिंग के दौरान भगदड़ में कुछ पत्रकार चोटिल भी हुए हैं। घटनास्थल को सेलो टेप से सुरक्षित कराकर फील्ड यूनिट से फॉरेंसिक जांच कराई गई है। कॉन्स्टेबल मान सिंह को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
तीनों आरोपितों की हुई है पहचान
मौके से पकड़े गए अपराधियों की पहचान हो गई हे। एक ने अपना नाम लवलेश तिवारी (पुत्र यज्ञ कुमार तिवारी, निवासी केवतरा क्रॉसिंग, थाना कोतवाली, बांदा उम्र 22 साल) बताया है। दूसरे ने अपना नाम मोहित उर्फ सनी,( पुत्र स्वर्गीय जगत सिंह, निवासी कुरारा, थाना कुरारा, जिला हमीरपुर उम्र 23 साल) बताया है। तीसरे आरोपित ने अपना नाम अरुण कुमार मौर्य, (पुत्र दीपक कुमार, निवासी कातर बारी, थाना सोरों, जिला कासगंज उम्र 18 साल) बताया है। हत्या के उद्देश्य के बारे में पूछने पर तीनों अभियुक्तों ने कहा कि हम लोग अतीक अहमद गैंग का सफाया करके प्रदेश में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। इसका लाभ भविष्य में निश्चित रूप से मिलता। हत्यारों ने कहा कि हम लोग पुलिस के पहरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या कर भागने में सफल नहीं हो पाए।
धूमनगंज थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, मौके से एक देसी पिस्टल लोडिड ( 7.62), एक 9 एमएम की पिस्टल मेड इन टर्की, एक 9 एमएम पिस्टल गिरसान मेड इन टर्की, एक 9 एमएम पिस्टल जिगाना मेड इन टर्की मिली हैं, घटना के संबंध में थाना धूमनगंज में धारा-302, 307 और आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है. जांच थानाध्यक्ष शाहगंज को सौंपी गई है.
मीडिया के वेश में रह रहे थे हत्यारे
एफआईआर में अतीक और अरशद के हत्यारों के हवाले से कहा गया है कि पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई के कारण हम लोग पकड़े गए। पकड़े गए आरोपितों ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा है कि अतीक और अरशद की पुलिस कस्टडी रिमांड की सूचना जब से हमें मिली थी, तब से हम लोग मीडियाकर्मी बनकर यहां के स्थानीय मीडियाकर्मियों की भीड़ में रह रहे थे। दोनों को मारने की फिराक में थे, लेकिन सही समय और मौका नहीं मिल पाया। आज मौका मिला तो हम लोगों ने हत्या कर दी । मौके पर हत्या की घटना के बाद काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। इस घटना की सूचना पर पुलिस बल भी भारी संख्या में पहुंची। घटना मीडियाकर्मियों के अलावा अन्य लोगों ने भी देखी है। अभियुक्त लवलेश को क्रॉस फायरिंग में गोली लगी है। उसका इलाज स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।