देवबंद में एटीएस सैंटर का भाजपा के पक्ष में राजनीति पक्का करेगी सपा

इन वजहों से देवबंद में ATS कमांड सेंटर को किया जा रहा ऐक्टिव… 15 तेज तर्रार अफसर रखेंगे निगरानी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश बहुत ही सेंसिटिव एरिया माना जाता है। जहां रोहिंग्या और आतंकी गतिविधियां भी सामने आती रही हैं। रोहिंग्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी संख्या में शरण लिए हुए हैं। यही वजह है कि सहारनपुर का देवबंद एटीएस कमांडो सेंटर के लिए चुना गया है।

हाइलाइट्स
देवबंद में ‘दारुल उलूम’ है, जिसमें अफगानिस्तान समेत दुनियाभर से आए युवक रहते हैं
तालिबान की बर्बरता के बीच योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया
कुछ दिन पहले ही अलकायदा मॉड्यूल के आतंकी लखनऊ में पकड़े गए थे

लखनऊ18 अगस्त।देवबंद में यूपी सरकार एटीएस कमांडो सेंटर बना रही है। तालिबान की बर्बरता के बीच योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। प्रदेश से चुने हुए 15 तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी। देवबंद को लेकर केंद्र और राज्य की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहती हैं। देवबंद में ‘दारुल उलूम’ है। जिसमें अफगानिस्तान समेत दुनियाभर से आए युवक रहते हैं।

देवबंद में सरकार बनाएगी ATS कमांडो सेंटर, सपा को क्यों लगता है मुसलमानों को डराने की साजिश
सहारनपुर के देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर के लिए दो हजार वर्ग मीटर जमीन भी सरकार ने अलॉट कर दी है. देवबंद में एटीएस सेंटर बनाने को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रही हैै।

देवबंद में यूपी एटीएस कामंडो सेंटर के लिए जमीन आवंटित
सपा ने कहा कि मुसलमानों को डराने की साजिश है
पश्चिम यूपी का पूरा इलाका मुस्लिम बहुल माना जाता है
उत्तर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए योगी सरकार ने सूबे में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) कमांडो सेंटर बनाने का फैसला किया है. सहारनपुर के देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर के लिए दो हजार वर्ग मीटर जमीन भी सरकार ने अलॉट कर दी है. देवबंद में एटीएस सेंटर बनाने को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रही है.

यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर प्रशान्त कुमार ने कहा कि यूपी में एटीएस को और मजबूत करने के लिए मेरठ, इंडो नेपाल बॉर्डर बहराईच, श्रावस्ती, जेवर एयरपोर्ट और देवबंद में नई यूनिट बनने जा रही है. यूपी सरकार ने देवबंद में 2000 हजार वर्ग मीटर जमीन भी एटीएस को ट्रांसफर कर दी गई है. देवबंद उत्तराखंड और हरियाणा की सीमा के करीब होने की वजह से भी एटीएस की यह यूनिट बेहद अहम है. एडीजी ने कहा कि पश्चिम यूपी में हम अपने डेप्थ और मौजूदगी के अलावा ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने में कामयाब होंगे.

समाजवादी पार्टी ने देवबंद में एटीएस के कमांडो सेंटर बनाए जाने की कड़ी आलोचना की है. सपा के विधायक दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि देवबंद में इस्लामिक शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है, जो पूरी दुनिया में धार्मिक और सामाजिक शिक्षा के लिए जाना जाता है. ऐसे में देवबंद में एटीएस सेंटर खोलकर यूपी सरकार सिर्फ मुसलमानों को डराने की कोशिश है, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी तादाद ज्यादा है. इसलिए यह किया जा रहा है जबकि एटीएस और एसटीएफ का दफ्तर लखनऊ में है तो लखनऊ में कमांडो सेंटर क्यों नहीं है?

वहीं, उत्तर प्रदेश क मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा कि तालीबान की बर्बरता के बीच यूपी की योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से ‘देवबंद’ में एटीएस कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है. प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी. साथ ही विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देवबंद में यूपी एटीएस की यूनिट अभी खुली भी नहीं कि इसी बीच आतंकियों के पैरोकारों और उनके मुकदमे वापस लेने वालों के पेट में भीषण दर्द शुरू हो गया है.

पश्चिमी यूपी में होंगे दो कमांडो सेंटर

देवबंद के इस कमांडो सेंटर से देवबंद, सहारनपुर, मेरठ तक का एरिया कवर हो सकेगा. मेरठ में भी एटीएस की स्वात टीम पहले से तैनात है. इसके अलावा एटीएस की एक टीम नोएडा में हर वक्त रहती है, लेकिन नोएडा के जेवर और देवबंद में एटीएस के दो कमांडो सेंटर बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पूरा एरिया कवर हो जाएगा. इस तरह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासकर संदिग्ध आतंकियों पर नजर रखने और उनके छानबीन में एटीएस को आसानी होगी. देवबंद के बाद जेवर एयरपोर्ट के सामने एटीएस का दूसरा बड़ा ट्रेनिंग सेंटर के लिए करीब साढ़े तीन एकड़ भूमि भी चयनित की गई है.

कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि हमारे सहारनपुर जिले के देवबंद में एटीएस की यूनिट को अपग्रेडेशन के लिए काम किया जा रहा है. हिंदुस्तान के नियम और कानून संविधान और पुलिस के ग्रेडेशन के लिए बनते रहते हैं, कुछ लोग क्या कहते हैं क्या करते हैं, हमें मतलब नहीं है. देबवंद में एटीएस कामंडो सेंटर खोला जा रहा है अच्छी बात है. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस के काम का श्रेय ना लें. हालांकि, इसके साथ-साथ बेहतर होता कि सरकार देवबंद और पश्चिम यूपी के गन्ने का भुगतान कर देते.

तालिबान से देवबंद का क्या है रिश्ता? UP सरकार को यहां ATS सेंटर बनाने की क्या है जल्दी

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के साथ ही देश में भी उसके समर्थन में कुछ लोग खड़े दिखें. चाहे सपा सांसद शफीकुर्रहमान हों या फिर AIMPLB के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी. यहां तक की अब तालिबान और देवबंद का रिश्ता भी खोज निकाला गया है. तालिबान पर हो रही राजनीति ने यूपी में सियासत तेज कर दी है।

तालिबान से देवबंद का क्या है रिश्ता? UP सरकार को यहां ATS सेंटर बनाने की क्या है जल्दी

इतिहास में दर्ज है देवबंद और तालिबान का रिश्ता.
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के साथ ही हिंदुस्तान में तमाम तरह की बातें चलने लगी हैं. कोई तालिबान की जीत को भारत की आजादी से जोड़ रहा है, तो कोई तालिबान से बातचीत करने का मशविरा दे रहा है. लेकिन इन सबके बीच जो सबसे दिलचस्प बात निकल कर सामने आई है, वह है तालिबान और देवबंद (Deoband) के बीच संबंध. दरअसल इस मामले ने तूल तब पकड़ लिया जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 अगस्त को देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर बनाने का आदेश दे दिया. हालांकि तालिबान से देवबंद का रिश्ता जोड़ना हवा हवाई बात नहीं है. इतिहास पर अगर नजर डालें तो तालिबान से देवबंद का रिश्ता बिल्कुल साफ दिखाई देता है.

1857 के बाद जब हिंदुस्तान से मुगल शासन का अंत शुरू हुआ और अंग्रेजी हुकूमत की शुरुआत हुई, तब 1866 में मोहम्मद कासिम और राशिद अहमद गानगोही ने इस्लाम की फिर से हिंदुस्तान में स्थापना करने के लिए देवबंद के दारुल उलूम मदरसे की शुरुआत की. आज अफगानिस्तान में जितने भी मदरसे चलते हैं उनमें ज्यादातर मदरसे देवबंदी विचारधारा को मानने वाले हैं. इसे आप ऐसे समझिए कि तालिबान, जिसमें तालिब शब्द है जो तलबा से निकला है जिसका अर्थ होता है ‘छात्र’ आज ज्यादातर अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाके इन्हीं मदरसों के छात्र हैं.

हालांकि देवबंद फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहा है. उसका कहना है कि हम हिंदुस्तान में रहते हैं और यहीं के कानून को मानते हैं. लेकिन सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक इस पर राजनीति तेज हो गई है. दरअसल 2022 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव है और बीजेपी को एक नया मुद्दा मिल गया है, यूपी में हिंदुत्व की राजनीति को तेज करने का. सोमवार को ही समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अफगानिस्तान में तालिबान की जीत को भारत की आजादी की लड़ाई से जोड़ दिया और कहा कि भारत ने जैसे अंग्रेजों से युद्ध जीता था उसी तरह से तालिबान ने भी अफगानिस्तान से युद्ध जीता.

सपा सांसद के बयान की खूब किरकिरी हुई. बीजेपी ने इस पर पलटवार किया. यहां तक की पश्चिमी यूपी के बीजेपी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने सपा सांसद शफीकुर्रहमान पर मुकदमा भी दर्ज करा दिया. वहीं यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने भी सपा सांसद पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोग नौजवानों को आईएसआईएस की तरफ ले जाना चाहते हैं. यह उन्हें आतंक की आग में झोंकना चाहते हैं. जिस तरह से यह तालिबान से इंप्रेस होकर तालिबान को अपना आदर्श मान रहे हैं, इनसे देश को बहुत खतरा है.

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जिस तरह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवबंद में एटीएस के कमांडो सेंटर बनाने का आदेश दिया है. उसने यूपी की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है. दरअसल सीएम योगी का यह फैसला दो मायनों में सटीक बैठता है. पहला सुरक्षा दृष्टिकोण से क्योंकि, देवबंद में दारुल उलूम मदरसा चलता है. जहां दुनिया भर से मुस्लिम छात्र इस्लाम की शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और इस जिले की आबादी भी मुस्लिम बाहुल्य है. तालिबान के जीत के बाद से जिस तरह से सोशल मीडिया पर एक खास समुदाय के लोगों में खुशी देखी जा रही है, उसे देखते हुए देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर बनाकर बीजेपी ने प्रदेश भर में यह संदेश दे दिया है कि सूबे में इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.

हालांकि ऐसा नहीं है कि उत्तर प्रदेश सरकार देवबंद में ही एटीएस कमांडो सेंटर बना रही है. नोएडा और लखनऊ में भी एटीएस कमांडो सेंटर खोलने की तैयारी शुरू हो चुकी है. लेकिन देवबंद में इस काम को तेजी से किया जा रहा है. प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश से करीब डेढ़ दर्जन तेजतर्रार एटीएस अफसरों को देवबंद में तैनात करेगी.

बीजेपी के फायदे में जाएंगे तालिबान समर्थित बयान
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही हिंदुस्तान में जिस तरह के जश्न का माहौल कुछ लोगों में देखा गया, वह सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाएगा. आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस मुद्दे को उठाकर हिंदुत्व वोट बटोरने की पूरी कोशिश करेगी. सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने जिस तरह का बयान तालिबान की जीत को लेकर दिया है और उस पर समाजवादी पार्टी की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया. यह पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में जाएगा. यही नहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने भी जिस तरह से तालिबान की जीत का समर्थन किया और उस पर बीजेपी नेताओं ने पलटवार किया वह भी बीजेपी के खाते में जीत की लकीर साबित होगी.

तालिबान की जीत पर हिंदुस्तान का एक धड़ा बिल्कुल चुप है. वह इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. सोशल मीडिया पर तमाम लोग अब सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर क्यों हिंदुस्तान का सेकुलर धड़ा अफगानिस्तान में हो रहे इस अमानवीय कृत्य पर खामोश है. अब तक तालिबान के विरोध में न तो कांग्रेस पार्टी की तरफ से ना ही समाजवादी पार्टी की तरफ से ना ही बहुजन समाज पार्टी की तरफ से और नाही वामपंथी धड़े से विरोध की आवाज सुनाई दी है. दरअसल यह राजनीतिक पार्टियां मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते तालिबान के विरोध में कुछ नहीं कह रही हैं और यहीं बीजेपी को बढ़त मिल जाती है. क्योंकि इसे दिखाकर बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे को भुनाने में कामयाब हो जाती है.

देवबंद और तालिबान का इतिहास

देवबंद में दारुल उलूम मदरसे की स्थापना मोहम्मद कासिम नानौतवी और राशिद अहमद गानगोही ने की थी. इस मदरसे में दुनिया भर के मुसलमान इस्लाम की शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. पाकिस्तान के लगभग 15 से 25 फ़ीसदी सुन्नी मुसलमान खुद को देवबंदी मानते हैं. वहीं अफगानिस्तान के ज्यादातर तालिबानी लड़ाके इसी देवबंदी विचारधारा से प्रेरित हैं और उन्होंने भी अफगानिस्तान के देवबंदी मदरसों से शिक्षा ग्रहण की है. इस मदरसे की स्थापना का उद्देश्य था, इस्लाम धर्म की अच्छाइयों को दूसरे धर्म के लोगों को बताना और इस्लाम धर्म से उन्हें प्रभावित करना.

देवबंद और तालिबान में अगर आपको समानता देखनी है तो एक मामूली से चीज में भी आपको यह समानता दिख जाएगी. देवबंद की औरतें जिस तरह का बुर्का पहनती हैं उसी तरह का बुर्का तालिबानी अपने शासनकाल में औरतों को पहनाते थे. यह बुर्का आम बुर्के से बेहद अलग होता है और इसमें औरतें सर से लेकर पैर तक पूरी तरह से ढकी होती हैं और आंखों के सामने एक जाली नुमा पट्टी लगी होती है. इस बुर्के का रंग हल्के नीले रंग का होता है. जबकि बरेलवी और सूफी मुसलमान औरतें इस तरह के बुर्के का इस्तेमाल नहीं करती हैं.

दरअसल उत्तर प्रदेश के इस जिले में मुस्लिमों की बाहुल्य आबादी है और इसी आबादी को अपने पाले में रखने के लिए राजनीतिक पार्टियां शुरू से ही देवबंदी विचारधारा को नहीं छेड़ती हैं. आज भी जब इस तरह की बात सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं तब भी देवबंद दारुल उलूम मदरसे से जुड़े लोग इस पर कुछ कहने से बच रहे हैं.

तालिबान से देवबंद का क्या है रिश्ता? UP सरकार को यहां ATS सेंटर बनाने की क्या है जल्दी

अफसरों के मुताबिक, जिस तरह प्रदेश में लगातार आतंकी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में धर्मांतरण के भी कई मामले सामने आए हैं। साथ ही अलकायदा मॉड्यूल के आतंकी भी लखनऊ में पकड़े गए थे। इसकी जांच एटीएस कर रही है। फर्जी आईडी से सिम लेकर चाइना में ऑपरेट करने के मामले में भी एटीएस जांच कर रही है।

दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश बहुत ही सेंसिटिव एरिया माना जाता है। जहां रोहिंग्या और आतंकी गतिविधियां भी सामने आती रहती हैं। जानकरी के मुताबिक, रोहिंग्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शरण लिए हुए हैं। यही वजह है कि सहारनपुर का देवबंद एटीएस कमांडो सेंटर के लिए चुना गया है।

जमीन की गई आवंटित

यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर प्रशान्त कुमार ने कहा कि प्रदेश में एटीएस को और मजबूत करने के लिए मेरठ, इंडो नेपाल बॉर्डर बहराइच, श्रावस्ती, जेवर एयरपोर्ट और देवबंद में नई यूनिटें बनने जा रही हैं। यूपी सरकार ने देवबंद में 2000 हजार वर्ग मीटर जमीन भी एटीएस को ट्रांसफर कर दी गई है। देवबंद उत्तराखंड और हरियाणा की सीमा के करीब होने की वजह से भी एटीएस की यह यूनिट बेहद अहम है। एडीजी ने कहा कि पश्चिम यूपी में हम अपने डेप्थ और मौजूदगी के अलावा ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने में कामयाब होंगे

12 जगहों पर खुलेंगी नई यूनिट

यूपी में अलग-अलग जगहों पर यूपी एटीएस की 12 नई यूनिट खोली जाएंगी। इसमें मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, ग्रेटर नोएडा, आजमगढ़, कानपुर, और मिर्जापुर में एटीएस यूनिट के लिए जमीन दे दी गई है। वाराणसी और झांसी के लिए भी जल्द ही जमीन का आवंटन कर दिया जाएगा।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *