आज़म खां को 2019 की हेट स्पीच में भी दो साल की सज़ा, वाई श्रेणी सुरक्षा छिनी

Uttar Pradesh RampurAzam Khan Gets 2 Year Jail Term In 2019 Election Hate Speech Case Know Reason

सजा हो गई, क्या परेशानी है?… अब Azam Khan को किस केस में हुई 2 साल जेल की सजा, 4 साल पहले का वो मामला समझिए

अब आजम खान को हेट स्पीच के एक पुराने केस में 2 साल कैद की सजा सुनाई गई है। यह आजम के लिए दूसरी सजा है जो वे पाए हैं। पहली सजा की घोषणा भी 2019 में हुई थी जब उनके खिलाफ दोषी करार दिया गया था। आजम खान के ऊपर अब फिर से जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। उनकी वाई श्रेणी सुरक्षा भी वापस ली गई है।

एमपी एमएलए कोर्ट में आजम खान को बड़ा झटका, फिर हुई 2 साल की सजा

रामपुर15 जुलाई: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) को एक बार फिर से निराशा का सामना करना पड़ा है। हाल ही में वाई कैटिगरी की सुरक्षा वापस लेने के बाद अब उन्हें हेट स्पीच के एक पुराने केस में 2 साल कैद की सजा तय हुई है। एक के बाद एक कई सारे मुकदमों का सामना करने वाले आजम को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। सजा मिलने के बाद कोर्ट से बाहर निकले आजम ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए इतना ही कहा- क्यों परेशान हो? सजा हो गई है, क्या परेशानी है?

आजम के ऊपर अब फिर से जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। चार साल पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में हेट स्पीच देने के मामले में आजम खान को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। रामपुर के शहजादनगर थाने में आजम खान के खिलाफ नफरती भाषण देने का मुकदमा दर्ज किया गया था।
दरअसल, साल 2019 लोकभा चुनाव के दौरान आजम खान ने विरोधियों पर हमला बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी, रामपुर के तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन आयोग को निशाना बनाया था। इसका वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन वीडियो निगरानी टीम प्रभारी अनिल कुमार चौहान ने सपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले एमपी-एमएलए को कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता वापस ले ली गई थी। उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी।

इससे पहले रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी आजम को मामले में दोषी करार दिया था। सजा के ऐलान के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता चली गई थी।

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बसपा गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी और आजम खान रामपुर से गठबंधन प्रत्याशी थे. उस दौरान शहजाद नगर थाना क्षेत्र के धमोरा में आजम खान की एक जनसभा थी. इस जनसभा में आजम खान के दिए भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वायरल वीडियो में आजम खान ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और तत्कालीन जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों को लेकर आपत्तिजनक बात कही थी. वायरल वीडियो के आधार पर ADO पंचायत अनिल कुमार ने शहजादनगर थाने में आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था.

आजम खान को दोषी करार दिए जाने के बाद भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि यह तो होना ही था. हमने हमेशा सत्य का साथ दिया हैं. मुझे विश्वास था कि सत्य की जीत होगी. अब इस फैसले के बाद आजम खान की जुबान पर ताला लगेगा और कोर्ट उन्हें सख्त से सख्त सजा देगी. बता दें कि इससे पहले अक्टूबर 2022 में भी एक हेट स्पीच के मामले में आजम खान को दो साल की सजा हुई थी, जिसकी वजह से उन्हें विधायकी गंवानी पड़ी थी. हालांकि उस मामले में सेशन कोर्ट ने उन्हें बड़ी कर दिया था. इसके अलावा आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला भी कोर्ट में फाइनल स्टेज पर है. उसमें भी फैसला आने वाला है।

वाई श्रेणी सुरक्षा भी वापस

फिलहाल, आजम खान वाई श्रेणी की सुरक्षा हटाए जाने को लेकर भी चर्चा में हैं। आजम अब न तो विधायक हैं और न ही सांसद। ऐसे में राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति ने उनकी सिक्योरिटी शुक्रवार को वापस ले ली। इसे लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक वातावरण गर्म है।

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