बघेल सरकार की दो सुपर वूमेन IAS जेल में,भ्रष्टाचार से कमायें 40 करोड़
Ias Ranu Sahu And Soumya Chaurasia Once Upon A Time Super Lady Of Power Today Situation Like This
Chhattisgarh News: IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया… छत्तीसगढ़ में कभी थी पावर की ‘सुपर लेडी’, आज ऐसी है ऐसी हालत
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ताकतवर अफसर रहीं रानू साहू और सौम्या चौरसिया अब सलाखों के पीछे हैं। एसीबी और ईओडब्ल्यू ने दोनों को फिर से चार दिनों की रिमांड पर ली है। इस दौरान घोटालों से जुड़े तथ्यों के बारे में पूछताछ करेगी। कोर्ट में गुरुवार को दोनों को लाया गया तो चेहरे की रंगत उड़ी हुई थी।
रायपुर: छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भूपेश सरकार में कुछ अफसरों का भौकाल था। पावर कॉरिडोर की उनकी अलग धमक थी। कोयला घोटाला सामने आने के बाद इन अफसरों की हालत पतली हो गई है। ऐसे दो महिला अफसर के बारे में आप आपको बताने जा रहे हैं, जो एक समय में छत्तीसगढ़ में सुपर वुमन कही जाती हैं। अब घोटालों के आरोपों में दोनों महिला अफसर जेल में बंद हैं। गुरुवार को कोर्ट में पेशी के लिए आई थीं तब दोनों के चेहरे की रंगत उड़ी हुई थी। कोर्ट परिसर में कैमरे से चेहरे छुपा रही थीं। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर रानू साहू और सौम्या चौरसिया की है।
दो महिला अफसरों से ईडी फिर करेगी पूछताछ
दरअसल, छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोयला घोटाले को लेकर जांच तेज हो गई है। 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले में सौम्या चौरसिया और रानू साहू से फिर से पूछताछ होगी। पूछताछ इस बार एसीबी ईओडब्ल्यूए के अधिकारी करेंगे। ये पूछताछ पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया और रानू साहू से होगी। इनकी गिनती पूर्ववर्ती सरकार में पावरफुल लेडी के रूप में होती थी। जेल जाने के बाद दोनों निलंबित हैं और इनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं।
चार दिन की रिमांड पर दोनों
सौम्या चौरसिया पूर्ववर्ती सरकार में सीएम हाउस में तैनात थीं। एक समय में इनकी गिनती सरकार के पावरफुल अधिकारियों में होती थी। गुरुवार को एसीबी ईओडब्ल्यू की टीम ने दोनों निलंबित अधिकारियों की गिरफ्तारी दिखाकर रिमांड पर ले लिया है। एसीबी ईओडब्ल्यू की ओर से 15 दिन की रिमांड मांगी गई थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ चार दिन की पुलिस रिमांड सौंपी है।
सौम्या से मिलती थी असीमित ताकत
ईडी के अनुसार यह काम गिरोह बनाकर किया जाता था। इस गिरोह का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी था। सूर्यकांत तिवारी को असीमित ताक़त तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया (अब निलंबित) से हासिल होती थी। सौम्या चौरसिया के प्रभाव की वजह से राज्य में पुलिस हो या प्रशासन कोई भी सूर्यकांत तिवारी को रोकने की हैसियत नहीं रखता था। ईडी ने इस घोटाले को पांच सौ करोड़ रुपए का बताया था। इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर बिश्नोई समेत कई लोग क़रीब सत्रह महीनों से भी ज़्यादा समय से जेल में बंद हैं। कोयला घोटाला मामले में ईडी के अनुसार कोयले के परिवहन में 25 रुपए टन की अवैध वसूली होती थी।
दोनों थे दमदार
सौम्या चौरसिया और रानू साहू दोनों ही अधिकारी अब भले ही निलंबित हो लेकिन पिछले सरकार के समय इनके एक-एक शब्द बेहद प्रभावशील रहते थे। साल 2010 बैच की आईएएस अधिकारी रानू साहू (निलंबित) को ईडी ने पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया, वहीं उप सचिव सौम्या चौरसिया (निलंबित) को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया। पिछली कांग्रेस सरकार की दोनों ताकतवर अधिकारी तब से जेल में ही हैं। एसीबी/ईओडब्ल्यू ने पांच जून तक उनकी हिरासत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने 27 मई तक की हिरासत दी है।
रानू साहू ने गड़बड़ियों को नहीं रोका
कोरबा कलेक्टर रहते रानू साहू को कोयला परिवहन की सारी गड़बड़ियों के बारे में पता था। बतौर कलेक्टर गड़बड़ियों को नहीं रोकने का भी आरोप रानू साहू के ऊपर लगता रहा है। पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड माने जाने वाले सूर्यकांत तिवारी को रानू साहू का भी सपोर्ट था। तब के समय में मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठकर सौम्या चौरसिया तंत्र को लीड कर रही थी। आईएएस समीर विश्नोई ने तंत्र के लिए बड़ा काम किया। समीर ने कोयला परिवहन के लिए जरूरी नियमों में बदलाव किया। परिवहन के लिए इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों से मंजूरी के बजाय मैन्युअली काम को आधिकारिक वैधानिक किया। ED के मुताबिक कलेक्टर के संकेतों के बाद पिट पास जारी होता था।
17 जनवरी को नया केस दर्ज हुआ
कोयला घोटाले के इस मामले में ईओडब्लू में ईडी की ओर से बीते 17 जनवरी 2024 को अपराध दर्ज कराया गया है। अपराध क्रमांक 3 / 2024 में दर्ज एफ़आईआर में धारा 420,120 बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7,7ए और 12 प्रभावी है। एफआइआर में उल्लेख है कि, सूर्यकांत तिवारी के साथ सौम्या चौरसिया और रानू साहू कोयला लेवी के षड्यंत्र में पूरी तरह शामिल है। ईडी के अधिकारी संदीप आहूजा की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर में सौम्या चौरसिया को 35 करोड़ जबकि रानू साहू को 5 करोड़ 52 लाख रुपये मिलने की बात दर्ज है।