केजरीवाल की जमानत: तो क्या विदेशी दबाव में भी फैसला लेता है SC?

वह दिल्ली के CM…अरविंद केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट में जज के खिलाफ हो गए तुषार मेहता, कहा- आप अपवाद मत बनाइए

Arvind Kejriwal Supreme Court News: अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, इस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट और तुषार मेहता में काफी गर्मागर्म बहस हुई. जब जस्टिस खन्ना ने कहा कि चुनाव का मौसम है और यह असाधारण स्थिति है. वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. जस्टिस खन्ना की इस टिप्पणी का भरी अदालत में तुषार मेहता ने विरोध किया.

अरविंद केजरीवाल को लेकर तुषार मेहता ने भरी अदालत में जस्टिस खन्ना की टिप्पणी का विरोध किया.

नई दिल्ली 11 मई 2024: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े आबकारी नीति संबंधी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत को लेकर सुनवाई की. अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, इस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट और एसजी तुषार मेहता के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिली. जब जस्टिस खन्ना ने कहा कि चुनाव का मौसम है और यह असाधारण स्थिति है. वह दिल्ली के सीएम हैं. जस्टिस खन्ना की इस टिप्पणी का भरी अदालत में तुषार मेहता ने विरोध किया.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना के बयान पर विरोध जताते हुए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केवल इसलिए कि क्या कोई मुख्यमंत्री है, ऐसा नहीं हो सकता. क्या हम राजनेताओं के लिए अपवाद बना रहे हैं? क्या चुनाव के लिए प्रचार करना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा? इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह अलग बात है. चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं. हमें यह पसंद नहीं है. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि वो मेडिकेशन में गए…6 महीने तक समन टालते रहे. अगर पहले सहयोग करते तो हो सकता था कि गिरफ्तारी ही ना होती. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक लोगों के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता और हम सहमत हैं.

इसी बीच ईडी की ओर से पेश एएसजी राजू ने कहा कि लेकिन देखें तो अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सही थी. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यह आप देखिए, हम सर्वोच्च न्यायालय में हैं. हम कह सकते हैं कि गिरफ्तारी सही थी और फिर भी अंतरिम जमानत दे सकते हैं और फिर खुद को सुधार सकते हैं. हम कर सकते हैं. इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत से कोई गलत संदेश नही जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण होगा.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कोई कमेंट नही करना चाहते. हम आपकी आपत्तियों को समझते हैं. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि आप इसको अपवाद मत बनाइए. इससे आम आदमी को हतोत्साहित करेंगे. यानी अगर आप मुख्यमंत्री हैं तो आपको अलग ट्रीटमेंट मिलेगा. अगर ऐसा हुआ तो देश का हर नागरिक जमानत मांगते हुए याचिका दाखिल करेगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मान लीजिए अगर हम फैसला सुरक्षित रखते हैं, वो हमें सुनाना होगा. लेकिन ये भी देखना होगा कि ये पीरियड वापस नहीं होगा. हम असाधारण मामले में अंतरिम जमानत देते रहे हैं. अरविंद कोई आदतन अपराधी नहीं हैं.

इसके बाद तुषार मेहता ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास मिनिस्ट्री होती है,लेकिन इनके पास कुछ भी नहीं है.आप असाधारण से भी असाधारण परिस्थिति की बात कर रहे हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से चार सवाल पूछा- 1. तुषार मेहता ने कहा है कि साधारण आदमी और सीएम में फर्क नहीं कर सकते. 2. आप 9 समन के बाद भी पेश नहीं हुए. 3. आपकी भूमिका को लेकर ED ने बताया है. 4. 5 हजार नेता जेल में हैं.
सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि क्या अरविंद केजरीवाल से समाज को खतरा है? मेरा मानना है कि बिल्कुल नहीं.

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच में ‘देरी’ के लिए मंगलवार को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय से सवाल किया और मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पहले की केस फाइल पेश करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी से मामले में आरोपित पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और बाद की केस फाइलों को भी पेश करने को कहा. पीठ मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दलीलें सुन रही थी.

अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वे न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरुद्ध उनकी याचिका पर जवाब मांगा था. दिल्ली हाईकोर्ट ने नौ अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है और केजरीवाल के बार-बार समन की अवहेलना करने के बाद ईडी के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं.

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दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने का पुरजोर तरीके से विरोध किया. उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मुन सिंघवी की तरफ से दायर मुख्यमंत्री केजरीवाल की जमानत याचिका के खिलाफ ऐसे तर्क दिये कि सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला सुरक्षित रखना पड़ गया.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने का पुरजोर तरीके से विरोध किया.
आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को जमानत दिए जाने का पुरजोर तरीके से विरोध किया. उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मुन सिंघवी की तरफ से दायर सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका के विरुद्ध ऐसे तर्क दिये  कि सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला सुरक्षित रखना पड़ गया.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच के सामने सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी की तरफ से बहस की शुरुआत की तो सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा कि ‘हम अक्सर अंतरिम आदेश जारी करते हैं. फाइनल आदेश देने से पहले.’ इस पर मेहता ने कहा, ‘इन लोगों ने (मुख्यमंत्री केजरीवाल) बड़ी चतुरता से याचिका दाखिल की है. ये गिरफ्तारी को चुनौती वाली याचिका है, लेकिन इसमें जमानत भी मांगी है.’
तुषार मेहता की इस दलील पर जस्टिस खन्ना ने कहा, कि अगर हम अंतिम आदेश जारी कर सकते हैं तो फिर अंतरिम आदेश भी जारी कर सकते हैं. हम इस बात पर नहीं जा रहे है कि वो राजनीतिक व्यक्ति है या नहीं, बल्कि यह देख रहे हैं कि केस सही हैं या नहीं. इसमें असाधारण मामले में जमानत पर विचार की जा सकती है या नहीं.’

सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, कि ‘अगर याचिकाकर्ता राहत चाहता है तो हम क्या राहत पर विचार न करें?’ इस पर सोलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, कि ‘लेकिन फिर आपको हर किसी की याचिका पर विचार करना होगा. चाहे वो किसी भी समूह से हो. अरविंद केजरीवाल ने किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए, क्योंकि इसके पास मंत्रालय नहीं है. केवल नियुक्ति पर हस्ताक्षर करते थे, मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है,वहीं ये करते हैं,लेकिन बाद मैं हम कानून ले आए,इनके पास कुछ भी नहीं है.’

सुप्रीम कोर्ट ने फिर तुषार मेहता से कहा कि ED के पास अपनी बात रखने को अब केवल 15 मिनट बचे हैं. इसके बाद दोपहर ढाई बजे के करीब सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

सोशल मीडिया रेस्पॉन्स 

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Tags:Arvind kejriwal, Supreme Court, Tushar mehta

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