बंगाल शिक्षा बोर्ड टॉपर में भी हिंदू-मुसलमान, बोर्ड अध्यक्ष महुआ दास के इस्तीफे की मांग

पश्चिम बंगाल: टॉपर की धार्मिक पहचान जाहिर कर विवादों में घिरीं शिक्षा बोर्ड की प्रमुख, विपक्ष के निशाने पर ममता बनर्जी
प्रख्यात शिक्षाविदों ने भी ‘योग्यता के साथ धर्म को जोड़ने’ के लिए दास की आलोचना की.
West Bengal 12th Exam Result: कांग्रेस की छात्र शाखा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सौरभ प्रसाद ने कहा कि अपनी टिप्पणी के लिये माफी नहीं मांगने पर महुआ दास को जिम्मेदारियों से मुक्त कर देना चाहिए

कोलकाता 23 जुलाई. पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (डब्ल्यूबीसीएचएसई) की अध्यक्ष महुआ दास 12वीं कक्षा के नतीजों की घोषणा के दौरान टॉपर की धार्मिक पहचान को उजागर करने को लेकर विवादों में घिर गई हैं. राजनीतिक नेताओं ने दावा किया कि टीएमसी की तुष्टिकरण की नीति को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया. हालांकि, परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दास सिर्फ इस तथ्य को रेखांकित करना चाहतीं थीं कि अल्पसंख्यक समुदाय की एक लड़की ने ‘सामाजिक और आर्थिक बाधाओं से संघर्ष’ कर टॉप किया है.

दास ने लड़की का नाम लिए बिना गुरुवार को कहा था कि मुर्शिदाबाद जिले की एक मुस्लिम लड़की ने 500 में से 499 अंक हासिल किए और 12वीं कक्षा के परिणाम में टॉपर रही. उन्होंने कहा कि इस साल मेरिट सूची तैयार नहीं की गई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उनके बयान पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘ममता बनर्जी के बंगाल में, तुष्टिकरण की राजनीति उस समय एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई, जब बोर्ड की एक अधिकारी ने कक्षा 12वीं की छात्रा की शैक्षणिक उपलब्धि को उसकी धार्मिक पहचान से कम कर दिया …उन्होंने बार-बार बताया कि लड़की मुस्लिम है.

इसी तरह, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब परिषद ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि एक मुस्लिम लड़की टॉपर रही है, तो उन्हें उचित नहीं लगा. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी छात्रा की धार्मिक पहचान को उजागर करने का कोई प्रयास नहीं किया गया होता, तो हमें खुशी होती. यह प्रशंसनीय है कि एक छात्रा ने लड़कों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया.’’

कांग्रेस की छात्र शाखा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सौरभ प्रसाद ने कहा कि अपनी टिप्पणी के लिये माफी नहीं मांगने पर दास को जिम्मेदारियों से मुक्त कर देना चाहिये. उन्होंने कहा कि ‘अफसोस की बात है कि” ”माननीय परिषद अध्यक्ष टॉपर की धार्मिक पहचान पर जोर देती रहीं, लेकिन उसका नाम नहीं बताया.’ प्रसाद ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि वह या तो अपनी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें या उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाए.

प्रख्यात शिक्षाविदों ने भी ‘योग्यता के साथ धर्म को जोड़ने’ के लिए दास की आलोचना की. तत्कालीन प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अमल मुखोपाध्याय ने कहा, ‘दास ने लड़की की कामयाबी से भावुक होकर टिप्पणी की, लेकिन अनजाने में योग्यता के साथ धर्म को जोड़कर उन्होंने बड़ी गलती कर दी.’ पश्चिम बंगाल इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि परिषद प्रमुख ने ‘छात्रा को अपमानित किया और उसकी उपलब्धियों को कम किया.’

याहिया ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि उन्हें उनकी छोटी मानसिकता के लिए तुरंत पद से हटा दिया जाए. अन्यथा, हमें यह मान लेना होगा कि मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणियों का समर्थन करती हैं, जैसा कि परिषद अध्यक्ष ने कहा है कि वह ममता बनर्जी से प्रेरणा लेती हैं.’ परिषद प्रमुख से प्रतिक्रिया लेने के लिये कई बार संपर्क कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

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 बीजेपी ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप

पश्चिम बंगाल में बोर्ड टॉपर को लेकर बीजेपी और टीएमसी आमने सामने आ गई हैं. बीजेपी ने सवाल उठाया है कि अगर किसी ने परीक्षा में टॉप किया है, तो उसकी योग्यता पर जोर दिया जाना चाहिए, न कि उसके धर्म पर.
पश्चिम बंगाल: बोर्ड टॉपर को मुस्लिम बताने पर निशाने पर टीएमसी, बीजेपी ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप

बंगाल में बीजेपी और टीएमसी की लड़ाई अब राज्य के बोर्ड टॉपर पर आ गई है. बीजेपी ने बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट में तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया है. दरअसल राज्य उच्च माध्यमिक बोर्ड की टॉप मुर्शिदाबाद की एक लड़की रुमाना सुल्ताना है. इसी को लेकर अब बीजेपी और टीएमसी आमने सामने आ गई हैं. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने सवाल उठाया है कि अगर किसी ने परीक्षा में टॉप किया है, तो उसकी योग्यता पर जोर दिया जाना चाहिए, न कि उसके धर्म पर.

मुर्शिदाबाद कंडी के राजा मनिंद्र चंद्र गर्ल्स हाई स्कूल की छात्रा रुमाना सुल्ताना ने WBCHSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं. वह कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय की पहली लड़की है, जिसने हाल के दिनों में परीक्षा में टॉप की है.

पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन की अध्यक्ष डॉ. महुआ दास ने लड़की के धर्म पर जोर देते हुए कहा, “मैं उसका नाम नहीं बताऊंगी लेकिन मुझे लगता है कि एक मुस्लिम लड़की के तौर पर इतिहास बनाया गया है, मुर्शिदाबाद जिले से, उसे अकेले 499 अंक मिले हैं.”

इस पर हमला करते हुए आसनसोल बीजेपी विधायक और बीजेपी महिला मोर्चा अध्यक्ष अग्निमित्र पॉल ने ट्वीट किया, ‘परिणामों का खुलासा करते हुए एचएस काउंसिल के अध्यक्ष महुआ दास का कहना है कि एक मुस्लिम छात्रा ने पहला स्थान हासिल किया है लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने छात्रा को मुस्लिम क्यों बताया? अगर कोई हिंदू छात्रा प्रथम आती तो क्या वह हिंदू कहती? इतनी क्षुद्र सोच देखकर स्तब्ध हूं.”

बता दें कि WBCHSE ने इस साल मेरिट सूची जारी नहीं की है. क्योंकि इस साल कोविड -19 महामारी के कारण कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी. रुमाना ने मूल्यांकन पैटर्न के आधार पर प्राप्त अंकों के आधार पर अनौपचारिक रूप से परीक्षा में टॉप किया है.

विवाद सिर्फ बंगाल तक ही सीमित नहीं रहा और राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दो को उठाया. बीजेपी आईटी के राष्ट्रीय प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर कहा, “ममता बनर्जी के बंगाल में, तुष्टिकरण की राजनीति एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई, जब बोर्ड के एक अधिकारी ने 12 वीं कक्षा की छात्रा की शैक्षणिक उपलब्धि को उसकी धार्मिक पहचान से कम कर दिया. उन्होंने बार-बार जिक्र किया कि लड़की मुस्लिम है! किसी को हैरानी है कि इन छात्रों को और क्या सहना होगा?”

 

 

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘छात्र छात्र होता है. पश्चिम बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति के संस्थानीकरण की कड़ी निंदा करते हैं.”

बीजेपी की ओर से हो रहे हमले का जवाब पूर्व कैबिनेट मंत्री और टीएमसी नेता मदन मित्रा ने दिया. उन्होंने कहा, मैं महुआ दास को लंबे समय से जानता हूं. बंगाल की परंपरा है “न मैं हिंदू हूं और न ही मैं मुस्लिम हूं”. किसी मंदिर से गुजरते समय अक्सर हमारी जुबान फिसल जाती है कि यह काली मंदिर है जहां हिंदू प्रार्थना करते हैं, या किसी मस्जिद से गुजरते समय हम अक्सर कहते हैं कि ‘मुसलमान नमाज़ पढ़ रहे हैं. ये संवेदनशील मुद्दे हैं. मुझे गर्व है कि चाहें वह मुस्लिम हों या हिंदू और मैं उन्हें बधाई दूंगा.”

भाजपा नेता सौरव सिकदर ने भी टीएमसी सरकार की कड़ी निंदा की और कहा, “मुझे लगता है कि छात्रों का कोई धर्म नहीं होता है; उनका धर्म शिक्षा है. ममता और उनके साथियों ने बंगाल और बंगाली संस्कृति को इतना नीचे गिरा दिया है कि यह इसका प्रमाण है. वह शिक्षा प्रशासन, जो भविष्य में अनगिनत छात्रों को रास्ता दिखाएगी, छात्रों के धर्म की व्याख्या कर रही है. यह शर्मनाक है. मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूं. वे टीएमसी की तुष्टिकरण की राजनीति के लिए युवाओं या छात्रों में जहर घोलने की कोशिश कर रहे हैं.”

मुर्शिदाबाद के कंडी की रहने वाली रुमाना ने पहले 2019 की माध्यमिक परीक्षा में 500 में से 687 अंक हासिल किए थे. एक प्रधानाध्यापक और एक शिक्षिका की बेटी होने के नाते रुमाना अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं. उसके पिता भरतपुर गयासाबाद अचल विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं. रुमाना बड़े होकर वैज्ञानिक बनना चाहती है. उसने कहा, “मुझे अब भी विश्वास है कि अगर परीक्षा होती तो यह बेहतर होता, लेकिन फिर भी संतुष्ट हूं.”

 

मुर्शिदाबाद की बेटी ने किया टॉप

पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (डब्ल्यूबीसी एचएसई) की ओर से आयोजित कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में मुर्शिदाबाद जिले की रुमाना सुल्ताना ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। उसने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं

नतीजे: उच्च माध्यमिक में 97.69 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण
रुमाना सुल्ताना ने 500 में से 499 अंक हासिल किए

 

पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (डब्ल्यूबी सीएचएसई) की ओर से आयोजित कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में मुर्शिदाबाद जिले की रुमाना सुल्ताना ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। उसने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं। परिषद की अध्यक्ष महुआ दास ने  साल्टलेक स्थित बोर्ड ऑफिस में नतीजे घोषित किए। उन्होंने कहा कि इस साल कुल 8,19,202 विद्यार्थी थे, जिनमें 7,99088 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। इस साल कुल पास प्रतिशत 97.69 प्रतिशत रहा। लड़कों और लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 97.70 है जो लगभग समान है। कुल 3,19,327 छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए।

टॉप 10 में कुल 86 विद्यार्थी

दास ने कहा कि 9,019 छात्रों ने 90-100 अंकों के बीच स्कोर किया है। ए प्लस ग्रेड वाले छात्रों की संख्या 49,370 है। कुल 1,65,186 छात्रों को बी प्लस ग्रेड मिला है। इसके साथ ही टॉप 10 में कुल 86 विद्यार्थियों ने स्थान हासिल किया। उन्होंने कहा कि इस साल मेधा सूची जारी नहीं की गई क्योंकि इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण परीक्षाएं नहीं हुई थीं।

पहले के प्रदर्शन पर अंक

दास ने कहा कि इस बार अंक छात्रों के पहले के अकादमिक प्रदर्शन के आधार पर दिए गए। विद्यार्थियों को जिस आधार पर अंक मिले हैं उनको पूर्ण रूप से संरक्षित किया जाएगा। इस मामले में किसी तरह की शिकायत आने या इससे संबंधित स्कूल प्रबंधन की तरफ से कहीं कोई गड़बड़ी हुई तो उसकी गंभीरता पूर्वक जांच की जाएगी।

किस स्ट्रीम में किितने उत्तीर्ण

साइंस स्ट्रीम में कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 99.28 प्रतिशत, वाणिज्य के लिए 99.8 प्रतिशत और कला के लिए पास प्रतिशत 97.39 प्रतिशत रहा।

-26 तक रिव्यू के लिए आवेदन

दास ने कहा कि अगर किसी भी विद्यार्थी को ऐसा लगता है कि उसे अपेक्षाकृत कम अंक मिले हैं तो वह आगामी 26 जुलाई को 3 बजे तक आवेदन कर सकता है। इसके लिए विद्यार्थी को अपने हेड मास्टर को बताना होगा। हेडमास्टर उस छात्र की प्रतियां लेकर परिषद भवन में आ सकते हैं। फिर विशेष परीक्षक उन्हें चेक करेंगे और उसके बाद जो भी अंक होंगे उसे ही छात्र को रिव्यू अंक के रूप में स्वीकार करना होगा।

मुख्यमंत्री ने दी छात्रों को बधाई

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्च माध्यमिक के विद्यार्थियों को शानदार रिजल्ट की बधाई देते हुए कहा कि सभी छात्रों को हार्दिक बधाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जीवन में आगे बढ़ते रहें। मैं आपके सफलता की कामना करती हूं। इसके अलावा मैं सभी माता-पिता, स्पोर्ट सिस्टम और शिक्षकों को उनके अमूल्य योगदान के लिए बधाई देती हूं

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