बंगाल चुनाव पश्चात हिंसा पर मानवाधिकार आयोग की रपट हाको को
चुनाव पश्चात हिंसा पर एनएचआरसी समिति ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी
कोलकाता, 30 जून । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष द्वारा गठित समिति ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के मामलों पर अपनी रिपोर्ट बुधवारको कलकत्ता उच्च न्यायालय को सौंप दी। अदालत आगामी शुक्रवार को इस पर विचार करेगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का आरोप लगाने वाली कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने निर्देश दिया था कि समिति सभी मामलों की जांच करेगी जिनकी शिकायतें पहले ही एनएचआरसी को मिल गयी है या मिल सकती हैं
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष द्वारा गठित समिति ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के मामलों पर अपनी रिपोर्ट बुधवारको कलकत्ता उच्च न्यायालय को सौंप दी। अदालत आगामी शुक्रवार को इस पर विचार करेगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का आरोप लगाने वाली कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने निर्देश दिया था कि समिति सभी मामलों की जांच करेगी जिनकी शिकायतें पहले ही एनएचआरसी को मिल गयी है या मिल सकती है और ‘‘वह प्रभावित इलाकों का दौरा भी कर सकती है’’ और मौजूदा हालात के बारे में उसे एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की समिति ने सीलबंद लिफाफे में अदालत को रिपोर्ट सौंपी। पीठ इस मामले में अब दो जुलाई को सुनवाई करेगी। इस पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार शामिल हैं।
उच्च न्यायालय ने 18 जून को एनएचआरसी अध्यक्ष को समिति गठित करने के निर्देश दिए थे। समिति के सदस्यों को सॉल्ट लेक में मंगलवार तक लगातार तीन दिन शिकायतों का प्रतिवेदन मिला।
एक अधिकारी ने बताया कि राजीव जैन की अध्यक्षता वाली समिति और एनएचआरसी के कई दलों ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों का दौरा किया और शिकायतों की सच्चाई का पता लगाया
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच करने गई मानवाधिकार आयोग द्वारा गठित टीम पर मंगलवार को हमला हुआ। इस समिति के सदस्य ने वीडियो और फोटो पोस्ट कर हमले का दावा किया
बंगाल हिंसा की जांच करने गई मानवाधिकार समिति की टीम पर हमला
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच करने गई मानवाधिकार आयोग की ओर से गठित समिति के सदस्यों पर मंगलवार को हमला हुआ। बता दें कि बंगाल हिंसा के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा गठित समिति बंगाल दौरे पर थी।
इस समिति के सदस्य और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने मंगलवार को दावा किया कि कोलकाता में बदमाशों ने उन पर और उनकी टीम के अन्य सदस्यों पर हमला किया। भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना की निंदा करते हुए दावा किया है कि ‘‘बंगाल में लोकतंत्र बर्बाद हो रहा है’’, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि घटना में सत्तारूढ़ पार्टी से कोई शामिल नहीं था।
रशीद ने कहा कि जादवपुर इलाके में तथ्य का पता लगाने के दौरान टीम ने पाया कि 40 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और इन मकानों के निवासी अब उसमें नहीं रहते हैं। उन्होंने पत्रकारों को बताया, ‘‘कुछ बदमाशों ने हमलोगों और पुलिस पर हमला किया। उन्होंने हमें पीटने की कोशिश की और हमें वहां से खदेड़ना चाहा। अगर यह हमारी स्थिति है तो आम लोगों की क्या दुर्दशा होती होगी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस यहां आई टीम को बचाने तक नहीं आई।
वहीं एक वीडियो में रशीद लोगों को समझाते हुए नजर आए कि आप गलत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किस तरह ये दंगाई सीआईएसएफ के जवानों के साथ मारपीट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सीआईएसएफ के जवानों के सामने इनकी ये हिम्मत है तो मान लीजिए कि आम जनता का यहां क्या हाल होगा।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने जादवपुर में नारे लगाए लेकिन उन्हें मौके से हटा दिया गया। राज्य के दौरे पर आई समिति का गठन राष्ट्रीय मनावाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर किया है। उच्च न्यायालय ने राज्य में चुनाव बाद हिंसा के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एनएचआरसी को समिति के गठन का निर्देश दिया था।
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य का तंत्र पश्चिम बंगाल में तानाशाही स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।