बांग्लादेश हिंसा तीसरा दिन: इस्कॉन के दो साधुओं की हत्या, मंदिर के पास मिले 18 जिंदा बम
बांग्लादेश में जुमे की नमाज के बाद हिंदुओं के खिलाफ फिर भड़की हिंसा: इस्कॉन के दो साधुओं की हत्या, मंदिर के पास मिले 18 जिंदा बम
कथित कुरान के अपमान को लेकर बांग्लादेश में फैली हिंसा के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा भारत को दी गई नसीहत के बाद हिंदुओं के खिलाफ नए सिरे से हिंसा भड़क गई है। नोआखली सहित कई जिलों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है। शुक्रवार की नमाज के बाद हिंदुओं के खिलाफ फैली हिंसा में नोआखली के इस्कॉन मंदिर के दो साधुओं, निताई दास प्रभु और जतन दास प्रभु की हत्या कर दी गई है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद भारत सरकार द्वारा चिंता जताए जाने पर शेख हसीना ने गुरुवार को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन था। इसके साथ ही सधे शब्दों में भारत को भी चेतावनी देते हुए कहा था कि भारत में भी ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए, जिसका असर बांग्लादेश पर हो और वहाँ के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को नुकसान पहुँचे। हसीना के बयान के बाद हबीबगंज में हिंसा फैल गई और अगले दिन शुक्रवार को नोआखली जलने लगा। हबीबगंज में एक दुर्गा पूजास्थल पर मदरसा के छात्रों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी सहित 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
दरअसल, सोशल मीडिया पर बुधवार (13 अक्टूबर) की रात हिंदुओं द्वारा कथित रूप से कुरान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए एक फेसबुक पोस्ट वायरल किया गया। इसके बाद हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बड़े पैमाने पर और लगभग पूरे बांग्लादेश में फैल गई, जो अभी भी जारी है। इस हिंसा के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कई दुर्गा पंडालों में तोड़फोड़ की और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित कर दिया। कट्टरपंथी यहीं नहीं रूके, उन्होंने इलाके के मंदिरों के साथ-साथ हिंदुओं के घरों और दुकानों में भी लूटपाट की और उसके बाद आग के हवाले कर दिया। आज तीन दिन बाद शुक्रवार (15 अक्टूबर) को भी हिंदुओं के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसा जारी है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के मानवाधिकारों को लेकर मुखर संस्था ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’ ने बताया कि नोआखली में हिंदुओं के खिलाफ फिर से हिंसा भड़क उठी है। काउंसिल ने अपने हैंडल से शुक्रवार को ट्वीट किया, “नोआखली एक बार फिर जल रहा है।
‘इतिहास दोहराया जा रहा है’ लिखकर बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने अपने ट्वीट में एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि चरमपंथी मुस्लिमों की भीड़ एक मंदिर में घुसकर दुर्गा पूजा के पंडाल को ध्वस्त कर रही है और सहमे हिंदू अपने घरों में दुबके हैं।
वहीं, बांग्लादेश का अंग्रेजी अखबार ‘द डेली स्टार’ ने लिखा है कि बांग्लादेश के खुलना के रुपसा उपजिले में एक मंदिर के पास से 18 बम बरामद किये गए हैं। हालाँकि, पुलिस ने मौके पर पहुँचकर बम को निष्क्रिय कर दिया। इस रिपोर्ट को साझा करते हुए बांग्लादेश काउंसिल ने कहा, “हमें अभी भी नहीं पता है कि पिछले तीन दिनों में कितने हिंदू मारे गए।”
हालाँकि, 13 अक्टूबर को कुरान के कथित अपमान की घटना से पहले ही दुर्गा पूजा को लेकर बांग्लादेश के हिंदुओं को धमकाया जा रहा था। इससे स्पष्ट है कि हिंदुओं के खिलाफ यह हिंसा सोची-समझी साजिश है और कुरान का इस्तेमाल सिर्फ उन्हें बदनाम और हिंसा को जायज ठहराने के लिए किया जा रहा है।
10 अक्टूबर 2021 को बांग्लादेश के चटगाँव के फिरंगी बाजार इलाके में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने एक मंदिर पर हमला कर उसमें तोड़फोड़ की थी। इस्लामी चरमपंथियों ने श्री श्मशानेश्वर शिव विग्रह मंदिर की दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया था। बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद ने घटना की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, “हमला सड़क पर उस समय हुआ जब चटगाँव के कोतवाली में पूजा मंडप में माँ दुर्गा की मूर्ति को प्रवेश कराया जा रहा था। पुलिस ने एक को गिरफ्तार किया है। चटगाँव में कोतवाली की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।”
इसके बाद, राजधानी ढाका के टीपू सुल्तान रोड स्थित दुर्गा मंदिर में हिन्दुओं को स्थानीय मुस्लिमों द्वारा नवरात्रि की पूजा करने से रोक दिया गया। बताया गया है कि स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों ने नवरात्रि के दौरान शंखनिधि मंदिर में हिन्दुओं को माँ दुर्गा की पूजा नहीं करने दी।