पीपीपी मोड पर अस्पताल चला रहे डॉक्टर की मंत्री के सामने अकड़,कार्मिक और सिर चढ़े
उत्तराखंड : शहरी विकास एवं कोविड-19 के प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत से अस्पताल संचालक की नोकझोंक
रामनगर (नैनीताल) 19 मई। लाइसेंस मिलने के बावजूद अस्पताल में ब्लड बैंक शुरू नहीं कराने पर मंत्री ने किया था सवाल, इसी पर बिफर पड़े संचालक, मंत्री से बोले कि वह उनसे इस तरह बात नहीं कर सकते।
शहरी विकास एवं कोविड-19 के प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत की पीपीपी मोड पर संचालित रामनगर अस्पताल के संचालक डॉक्टर दीपक गोयल के साथ तीखी नोकझोंक हो गई। भगत के संचालक से यह पूछने पर कि लाइसेंस मिलने के बावजूद अब तक ब्लड बैंक क्यों शुरू नहीं किया गया, अस्पताल संचालक भड़क गए और भगत से कह दिया कि वह कोई अपराधी नहीं है कि मंत्री जी उससे इस तरह से बात करें। यह सुन भगत का भी पारा चढ़ गया और उन्होंने अस्पताल संचालक से कह दिया कि वह अपराधी ही हैं। इस बीच, एसडीएम ने अस्पताल संचालक को शांत कराते हुए स्थिति को समान्य किया। बाद में अस्पताल संचालक ने एक सप्ताह के भीतर ब्लड बैंक को शुरू कराने की बात कही है। दरअसल, शहरी विकास एवं कोविड-19 प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत मंगलवार को विधायक दीवान सिंह बिष्ट के साथ रामनगर के सरकारी अस्पताल पहुंचे। पीपीपी मोड पर संचालित अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर मंत्री नाखुश दिखे और अस्पताल संचालक को बुलाने के लिए कहा। सीएमएस कार्यालय में काफी देर इंतजार के बाद अस्पताल संचालक डॉक्टर दीपक गोयल पहुंचे तो मंत्री ने उनसे पूछा कि तीन महीने पहले ही ब्लड बैंक का लाइसेंस मिल चुका है लेकिन अब तक ब्लड बैंक शुरू क्यों नहीं हुआ। मंत्री के तल्ख अंदाज पर अस्पताल संचालक आवेश में आ गए और मंत्री से बोले कि वह कोई अपराधी नहीं हैं कि वह (मंत्री) उससे इस तरह बात करें। संचालक ने मंत्री से कहा, ‘आप कुर्सी पर बैठे हैं जबकि मैं खड़ा होकर बात कर रहा हूं। यहां पर मैं आपसे इस माहौल में कोई बात नहीं करूंगा’
इस पर भगत का पारा चढ़ गया और उन्होंने भी संचालक से कह दिया कि वह अपराधी से कम नहीं है। भगत से इस तरह का व्यवहार करने पर भाजपाइयों की भी अस्पताल संचालक से नोकझोंक हुई। स्थिति को बिगड़ता देख एसडीएम विजयनाथ शुक्ल ने अस्पताल संचालक को समझाते हुए शांत किया। स्थिति सामान्य होने पर अस्पताल संचालक ने एक सप्ताह के भीतर ब्लड बैंक को शुरू करने की बात कही है।
अस्पताल में ब्लड बैंक शुरू करने की मंजूरी 2007 में मिल गई थी लेकिन आज तक यह चालू नहीं हो पाया है, जबकि इसका लाइसेंस भी तीन माह पूर्व मिल चुका है। अब तक ब्लड बैंक शुरू हो जाना चाहिए था। मरीज एवं क्षेत्रवासी उचित स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ न मिलने की शिकायत आए दिन करते हैं। अस्पताल में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के कारण मरीज निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर इलाज कराने के लिए मजबूर है। अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के निर्देश अस्पताल प्रबंधक को दिए हैं।
-बंशीधर भगत, शहरी विकास एवं कोविड-19 प्रभारी मंत्री
कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि अस्पताल में यदि किसी का सीटी स्कैन नहीं होता है तो उन्हें बताएं। भगत ने कहा कि रामनगर के इस अस्पताल को शीघ्र ही 100 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है। इसकी अनुमति सरकार से जल्द मिल जाएगी। अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी किया जा रहा है। सरकार की प्राथमिकता है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार मिलना चाहिए। रामनगर के सरकारी अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे मंत्री बंशीधर भगत सख्त नजर आए। अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं की उन्हें पहले से ही जानकारी थी और कोविड काल में अस्पताल प्रशासन पर लग रहे मनमानी के आरोपों से भी वह वाकिफ थे।
पिछले एक वर्ष से सरकारी अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा है। अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलें, इसके लिए प्रदेश सरकार ने अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया था। जबसे अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा है, तब से विपक्ष या फिर सत्ता पक्ष के लोग आए दिन अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें कर रहे हैं। सत्ता पक्ष के कार्यकर्ता मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक अस्पताल प्रशासन की मनमानी की शिकायत करते रहे हैं। विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तो अस्पताल प्रशासन व बेहतर सुविधा देने की मांग को लेकर आंदोलन भी किया था। इतना सब होने के बाद भी अस्पताल में न बेहतर इलाज मिला और न ही अस्पताल स्टाफ का मरीजों के प्रति व्यवहार सुधरा।
जिस तरह से मंत्री बंशीधर भगत से अस्पताल संचालक डॉक्टर दीपक गोयल ने बात की, उससे साबित हो गया कि अस्पताल में आमजन से कैसा व्यवहार होता होगा। जनता की ओर से आए दिन अभद्र व्यवहार की शिकायत की जाती रही थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मंत्री से ऐसा व्यवहार हुआ है तो क्या अब कार्रवाई होगी। निरीक्षण के दौरान मंत्री बंशीधर भगत ने अस्पताल में बन रहे ऑक्सीजन प्लांट और पाइप लाइन के कार्य को भी देखा। कहा कि कोविड के संक्रमण को देखते हुए रामनगर अस्पताल को शीघ्र ही 100 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की कार्यवाही गतिमान है, शीघ्र ही सरकार द्वारा इसकी स्वीकृत दे दी जाएगी। जल्द ही ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद मंत्री ने ऑर्चिड होटल में संचालित कोविड वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण किया।
रामनगर में मंत्री बंशीधर के खिलाफ अस्पताल-स्टाफ ने खोला मोर्चा
पीपीपी मोड पर संचालित रामनगर अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने कोविड प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत और भाजपाइयों पर संचालक से गलत व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को सभी ने अस्पताल परिसर में काली पट्टी बांधी और हाथों में पोस्टर लेकर धरना दिया। आक्रोशित स्टाफ ने अस्पताल परिसर में एकजुट होकर अस्पताल के बेहतर कामों में दखलअंदाजी नहीं करने की अपील की है।
रामनगर अस्पताल में बुधवार को अस्पताल के करीब 12 से अधिक स्टाफ और डॉक्टर ओपीडी करने के बाद काली पट्टी बांधकर बैनर लेकर एकत्रित हुए। उन्होंने कहा कि मंगलवार कोविड प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत और भाजपाई अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लेने आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के एक डॉक्टर को खड़े रखकर मंत्री और भाजपाइयों ने सवाल किए। आरोप लगाया कि यह व्यवहार एक डॉक्टर के साथ कतई नहीं होना चाहिए था। ऐसे में कोरोना काल में लगे डॉक्टर को खड़े होकर मंत्री को जवाब देना पड़ा। यहां डॉक्टर संदीप सोनी, डॉक्टर निधि पांडे, डॉक्टर प्रवीन गुप्ता,अविनव कटारिया,विशु,रश्मि,डॉक्टर गौरव, डॉक्टर सतीश चंद्र आदि मौजूद थे। अस्पताल सीएमएस डॉक्टर मणि भूषण ने संपर्क करने पर फोन नहीं उठाया।
कर्मचारियों ने दी आंदोलन की धमकी
कर्मचारियों ने कहा कि अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ लगातार कोरोना संकट में जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कई घंटे तक ड्यूटी के बावजूद मरीजों की सेवा में स्टाफ तत्पर है। मगर मंत्री और भाजपाइयों के व्यवहार से अस्पताल के डॉक्टर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने भविष्य में डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ के साथ गलत तरीके से पेश नहीं आने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन का अहित हुआ तो वह सड़कों पर भी उतरने को बाध्य होंगे।
विधायक ने विरोध पर उठाए सवाल
रामनगर विधायक दीवान बिष्ट ने अस्पताल स्टाफ का विरोध गलत बताया। उन्होंने कहा कि अस्पताल संचालक डॉ. दीपक गोयल को मंत्री बंशीधर कई बार बुलाते रहे। मगर संचालक काफी देर बाद आए। स्टाफ पीपीपी किट पहनकर विरोध कर रहा था, जब कोविड अस्पताल ही नहीं है तो पीपीपी किट पहनकर विरोध करना ठीक नहीं है। विधायक ने चेतावनी दी कि वह सरकार से मामले की शिकायत करेंगे।
व्यवस्थाएं ठीक नहीं कर सकें तो हट जाएं : भगत
कोविड प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत ने अस्पताल स्टाफ के विरोध पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी डॉक्टर से गलत व्यवहार नहीं किया है। अस्पताल की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। व्यवस्थाएं ठीक नहीं कर पा रहे हैं तो खुद अस्पताल संचालन छोड़ देना चाहिए। एक सप्ताह के अंदर व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो सरकार अस्पताल का संचालन अपने हाथों में लेने की तैयारी शुरू कर दी है। पीपीपी मोड पर गए अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है।