लव जिहाद जनसांख्यिकी बदलने का षड्यंत्र: बरेली फास्ट ट्रैक कोर्ट
हिंदू लड़कियों को ‘प्रेम’ में फँसाओ, मुस्लिम आबादी बढ़ाओ, भारत को बनाओ पाकिस्तान-बांग्लादेश: जिस ‘लव जिहाद’ को ठुकराते हैं लिबरल, अदालत ने उसे माना ‘अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र’
लव जिहाद के खतरे से अदालत ने किया आगाह (प्रतीकात्मक तस्वीर/ फोटो साभार: AI/Dall-e)
बरेली 01 अक्टूबर 2024.लव जिहाद से जुड़े एक मामले में बरेली की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मोहम्मद आलिम नाम के आरोपित को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस दौरान कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणिया कीं। उन्होंने ऐसे मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य हिंदुस्तान के खिलाफ एक मजहब विशेष के कुछ अराजक तत्वों का जनसंख्यायिक युद्ध एवं अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र में वर्चस्व स्थापित करना है। जज ने कहा कि लव जिहाद में हिंदू लड़कियों को फँसाया जा रहा है और उनका धर्मांतरण होता है ताकि पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हालात पैदा किए जा सके। इस षड्यंत्र में विदेशी फंडिंग न हो, इससे भी मना नहीं किया जा सकता। ये केवल और केवल देश में मुस्लिम जनसंख्या बढ़ाने को किया जा रहा है।
‘लव जिहाद से धर्मांतरण पर कोर्ट की गंभीर टिप्पणी
बरेली में एडीजे रवि कुमार दिवाकर ने धर्म छिपाकर यौन शोषण करने व गर्भपात कराने के दोषी को उम्रकैद सजा सुनाई है। साथ ही अवैध धर्मांतरण को लेकर गंभीर टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने आदेश की प्रति मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजने का निर्देश दिया है।
Court gave order on illegal conversion and love jihad case in Bareilly
धर्मांतरण मामले में कोर्ट ने की गंभीर टिप्पणी
बरेली में पहचान छिपाकर शादी करने, संबंध बनाने और गर्भपात कराने मामले में फैसला सुनाते हुए एडीजे रवि कुमार दिवाकर ने गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि प्रश्नगत प्रकरण लव जिहाद से अवैध धर्मांतरण का है। इसके तहत मुस्लिम पुरुष शादी के माध्यम से इस्लाम में धर्मांतरण के लिए हिंदू महिलाओं को निशाना बनाते हैं। इसके जरिये देश में पाकिस्तान-बांग्लादेश जैसे हालात पैदा करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
एडीजे (फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम) ने आरोपी देवरनिया इलाके के जादौपुर निवासी मोहम्मद आलिम को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। आलिम ने आनंद बनकर एक छात्रा के साथ कुकृत्य किया था। मामले के दोषी आलिम को एडीजे ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। छात्रा को धमकाने और पीटने के दोषी उसके पिता को भी दो वर्ष कैद की सजा सुनाई है।
धर्मांतरण में विदेशी फंडिंग की जताई आशंका
आदेश की प्रति मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजने का निर्देश दिया है। इस आदेश में कहा है कि मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर, लालच, शादी, नौकरी आदि का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। इसमें विदेशी फंडिंग की भी आशंका है। यह देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
प्रश्नगत मामले में मोहम्मद आलिम ने अपनी पहचान छिपाकर पीड़िता को धोखे में रखा। उससे शादी और यौन शोषण किया। कोर्ट ने कहा कि लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए ही प्रदेश सरकार ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 पारित किया है। संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म को मानने, उसका प्रचार-प्रसार करने का मौलिक अधिकार देता है। धर्म की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण के रूप में नहीं बदला जा सकता।
कोर्ट की यह टिप्पणी उन लिबरल-वामपंथियों को शायद न पचे जो ‘लव जिहाद’ शब्द के अस्तित्व को हमेशा से नकारते आए हैं… जबकि सच तो ये है कि ये लव जिहाद इस्लामी कट्टरपंथियो की ही देन है। इसको बाकायदा ब्रेनवॉश होता है। बताया जाता है कि अगर हिंदू लड़की को इस तरह फँसाकर मुस्लिम संबंध बना निकाह कर ले जाएँगे तो उन्हें जन्नत मिलेगी।
लव जिहाद करने पर ‘जन्नत’ की 72 हूरें
अगर इस बात पर यकीन नहीं, तो 2022 का एक पुराना मामला पढ़िए। मोहम्मद आलम ने अनुज प्रताप सिंह बनकर हिंदू लड़की फँसा लड़की को यकीन दिलाया कि वो हिंदू है और उससे शादी कर ली।
राज खुला तो मोहम्मद आलम युवती की अश्लील वीडियो वायरल करने, उसको गोली मारने की धमकियाँ देने लगा। वो हिंदुओं को अपशब्द भी खुलकर कहने लगा। एक बार तो उसने युवती को गोली भी मारी, लेकिन लड़की बच निकली।
आलम ने ये सब करने के बाद अपने स्टेटस पर जो अपडेट किया वो ध्यान से पढ़िए। उसने अमर्यादित शब्दों में लिखा है-“मैंने जो किया है, इससे जन्नत मिलती है।”
जाहिर है कि उसे किसी ने ये बताया होगा कि हिंदू लड़की फँसाना, उसका रेप, इस्लाम कबूल करवाना ये सब जन्नत जाने के रास्ते हैं तभी उसने ऐसा किया…?
बांग्लादेश में भी चल रहा लव जिहाद का खेल
जानकर हैरानी होगी कि लव जिहादी सिर्फ भारत में नहीं बल्कि बांग्लादेश में भी अपना खेल खेल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट सामने है जहाँ कट्टरपंथी संगठनों के समूह में शामिल मुस्लिम युवकों को इनाम देते दिखाया गया था ताकि वो उसका इस्तेमाल हिंदुओं को इस्लाम कबूल करवाने को करें।
ऐसे फतवे वायरल हुए थे जिसमें कहा गया था कि हिंदू युवतियां लव जिहाद में फँसा उनका धर्मांतरण कराओ। फतवे में 50 हजार से लेकर 50 लाख बांग्लादेशी करंसी इनाम देने की भी बात है। इस फतवे की कॉपी संगठन के हर जिला अध्यक्ष और महासचिवों को भेजी गयी है।
लव जिहाद शब्द गलत तो कहाँ से हर साल आ रहे मामले
इन प्रमाणों के बाद भी यदि संदेह उठे तो उदाहरण देने को सैकड़ों मामले हैं। अकेले 2023 में हमने 153 लड़कियों के लव जिहाद में शिकार होने की सूचना रिपोर्ट की थी। जाहिर है हम भी हर मामला नहीं उठा पाये होंगें, फिर भी सोचिए संख्या 153 तक पहुँच गई थी। इसी तरह साल 2022 में भी हमने लव जिहाद के लगभग 150 मामले रिपोर्ट किए थे…। हर रिपोर्ट में खबरों के लिंक और उनका सोर्स जोड़ा गया था जिसका मतलब साफ है कि वो घटनाएँ हकीकत थीं, उन्हें किसी ने खुद से शब्दों में गढ़कर नहीं पेश कर दिया था।
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं इस्लामी कट्टरपंथियों की मंशा का खुलासा
केरल के मुख्यमंत्री रहे वीएस अच्युतानंदन भी लव जिहाद का सच स्वीकार कर चुके। साल 2010 में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि कैसे इस्लामी कट्टरपंथियों की योजना अगले 20 साल में केरल को मुस्लिम राज्य बनाने की है। इसको वे युवाओं का माइंडवाश कर रहे हैं। उन्हें पैसे दे रहे हैं। मुस्लिम आबादी बढ़ाने को युवाओं को हिंदू लड़कियों से शादी करने को उकसाया जा रहा है। कम्युनिस्ट नेता ने बताया था कि इस्लामी कट्टरपंथियों की तरकीबें काम भी कर रही और राज्य में उनकी आबादी भी बढ़ रही है।
सर्वे में भी सामने आया था लव जिहाद का सच
लव जिहाद के काले सच को आम लोग भी धीरे-धीरे अच्छे से जान-समझ रहे हैं। कुछ समय पहले लव जिहाद (Love Jehad) की बढ़ती घटनाओं के बीच एक सर्वे रिपोर्ट सामने आई थी। इस सर्वे में देश भर के 1.40 लाख से अधिक लोगों से राय ली गई थी और नतीजे ये निकलेो थे कि देश के 53% लोगों का मानना था कि मुस्लिम पुरुष लव जिहाद में लिप्त रहते हैं।
अगर लव जिहाद झूठ तो क्या है इन सवालों के जवाब
इतने प्रमाणों के बावजूद जो ये मानते हैं कि लव जिहाद जैसा कुछ नहीं है और दक्षिणपंथी केवल प्रेम के बीच मजहब को लाकर नफरत फैलाते हैं… उनसे सवाल किया जाना चाहिए कि ऐसे मामलों में अगर दो लोगों के बीच रिश्ता प्रेम का ही होता है तो फिर उसकी शुरुआत झूठ से ही क्यों होती है? क्या जरूरत होती है नाम छिपाकर किसी दूसरे धर्म की लड़की फँसाने की? क्या जरूरत होती है उससे शादी करने से पहले उसका धर्म बदलवाने की? उस पर नमाज पढ़ने का दबाव बनाने की, इस्लामी रीति-रिवाज मनवाने की? सिर्फ प्रेम की बात होती तो क्या ऐसे मामले सामने आते…? नहीं।
ये मामले लव जिहाद के ही होते हैं जिनमें केवल एक तरह का पैटर्न देखने को मिलते हैं। दिल्ली हो या केरल, बंगाल हो या कश्मीर…आप जहाँ से लव जिहाद के मामले सुनेंगे तब आपको पता चलेगा कि कैसे सिर्फ पीड़ित और आरोपित अलग हैं लेकिन बाकी सारी बातें एक जैसी। कई बार लव जिहाद की पीड़िताओं को भागकर अपनी आपबीती बताने का मौका मिलता है मगर कई ऐसी भी होती हैं जो एक बार जाल में फँसने के बाद इससे कभी निकल ही नहीं पातीं। फिर या तो उनकी लाश मिलती है या फिर लाश के टुकड़े…।
TOPICS:Love Jihad Radical Islam इस्लामी कट्टरपंथ लव जिहाद