पर्यवेक्षकों की रपट पर शाह-नड्ढा-संतोषी ने किया मंथन, त्रिवेन्द्र दून में ही करेंगे कल शक्ति प्रदर्शन
देहरादून/नई दिल्ली 08 मार्च । उत्तराखंड में चल रही सियासी उठापटक के बीच आज सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड में अपने निर्धारित कार्यक्रमों को छोड़ अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए। आज उनका गैरसैंण जाने का कार्यक्रम प्रस्तावित था. खबर थी कि आज ही दिल्ली में पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक है जिसमें राज्य के नेतृत्व पर फैसला लिया जाएगा.उधर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कल देहरादून में भाजपा विधायक दल की बैठक बुला शक्तिप्रदर्शन का इरादा बना लिया है। हालांकि भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के ऐसी किसी बैठक बुलाने जाने के अधिकार को चुनौती दी है। उन्होंने पार्टी के विधान मंडल दल की बैठक को लेकर सोशल मीडिया और मीडिया में चल रहे समाचारों को निराधार बताया है । उनके अनुसार विधान मंडल दल की बैठक आयोजित होने पर सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से सूचना दी जाएगी ।
यहां ध्यान रखने की बात यह है कि चौहान को मुख्यमंत्री पद के दावेदार केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का लेफ्टिनेंट माना जाता है।
उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से चल रहे राजनीतिक भूचाल के बीच आज सोमवार देर शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक की। दोनों नेताओं ने बैठक में मुख्य तौर पर उत्तराखंड की राजनीति को लेकर जमकर चर्चा की। चूंकि, प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं,इसलिए पार्टी हाईकमान कोई भी गलत कदम उठाने से बच रही है। हालांकि, उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से समय मांगने के बावजूद भी वह बैठक में शामिल नहीं हो पाए। दिल्ली से विशेषतौर से भेजे गए पर्यवेक्षक व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बैठक में संगठन मंत्री बीएल गौतम भी मौजूद रहे थे। सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड में असंतुष्ट नेताओं सहित बेलगाम होती ब्यूरोक्रेसी सहित मंत्रिमंडल विस्तार में देरी बातों का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के भाग्य का फैसला होना तय है।
फिलहाल, सूत्रों की मानें तो अगर उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो भाजपा के कई नेताओं के नाम हवाओं में तैर रहे हैं। इनमें, सांसद अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल सांसद अजय भट्ट प्रमुख तौर से शामिल बताए गए हैं। हालांकि, बैठक को लेकर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है पर सूत्रों का कहना है पार्टी हाईकमान तक त्रिवेंद्र की कार्यशैली को लेकर शिकायतें पहुंची और कहा गया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के बीच पार्टी विधायक दल में विद्रोह होता है तो सरकार को तो कोई खतरा नहीं होगा लेकिन देशभर में इससे गलत संदेश जाएगा और पार्टी की चुनावी संभावनायें प्रभावित होंगी। इस तरह प्रदेश में प्रचंड बहुमत के बाद भी भाजपा में आपसी मतभेद हाईकमान को रास नहीं आ रही है। चूंकि, अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में भाजपा मुख्यमंत्री चेहरे में कोई भी लापरवाही करने के मूड में नहीं है। उत्तराखंड में शनिवार से चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच कल भाजपा विधान मंडल की बैठक बुलाई गई है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित होने वाली बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर सहित भाजपा के विधायक व नेता शामिल होंगे। सूत्रों की मानें तो बैठक की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करेंगे। बता दें कि गैरसैंण में चल रहे बजट सत्र- 2021 के दौरान ही रमन सिंह सहित प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम को देहरादून में कोर कमेटी की बैठक लेने के लिए भेजा गया था। कोर कमेटी की बैठक को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सदन को स्थगित कर दून पहुंचे थे तो भाजपा के कई प्रमुख नेताओं को भी दून पहुंचने का आदेश दिया गया था। प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार बंगाल से देहरादून के लिए उड़े तो केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लखनऊ से देहरादून भेजा गया।देहरादून में मचे सियासी बवंडर के बीच, भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को देश के अलग-अलग शहरों से देहरादून पहुंचने का हुक्म दिया गया था। बैठक खत्म होने के बाद सभी नेतृत्व परिवर्तन पर खुलकर बोलने से बच रहे थे.
उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से चल रहे राजनीतिक भूचाल के बीच आज सोमवार देर शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक की। बैठक में महामंत्री संगठन बीएल संतोषी भी शामिल हुये।
तीन दिन से उत्तराखंड में गर्म राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र अब दिल्ली बना रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आज गैरसैंण का कार्यक्रम था,लेकिन वह अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के इस तरह दिल्ली जाने के बाद एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर राजनीतिक चर्चाएं गर्म हो गई थी.मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जौलीग्रांट एयरपोर्ट से चार्टर प्लेन से दिल्ली पहुंचे.उनके साथ विधायक मुन्ना चौहान,मेयर सुनील उनियाल गामा व कई विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली दौरे को नियमित प्रवास बताया.लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार आज शाम दिल्ली में पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक थी जिसमे इस बात पर फैसला होना था कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन किया जाए या फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही चुनाव तक बनाये रखा जाए.
आपको बता दें कि दो दिन पहले शनिवार को ही केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का प्रदेश दौरा था.एकाएक बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री,मंत्री,सांसद, प्रभारी सभी लोग मौजूद थे. इस बैठक के कारण मुख्यमंत्री और अन्य लोगों को गैरसैंण सत्र बीच में ही छोड़कर आना पड़ा था. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड भेजे गए ऑब्जर्वरों ने शनिवार को हुई बैठक और अपने स्तर पर लिए गये रिव्यू के बाद बीजेपी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिस पर निर्णय लिया जाएगा.केंद्रीय पर्यवेक्षकों के इस दौरे के बाद विधायकों की परेड से लेकर मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी को लेकर कई तरह की अटकलें सामने आई थी. यही नहीं,इस पूरे घटनाक्रम के बाद नेतृत्व परिवर्तन की भी जबरदस्त आशंका जताई जा रही थी।
मजे की बात यह है कि जिन कुछ विधायकों के दिल्ली में होने की बात की जा रही थी,वे सब उत्तराखंड में ही पाते ग्रे।