कर्नल राज्यवर्धन ने एम्नेस्टी इंटरनेशनल को बताया झूठा
कर्नल राज्यवर्धन ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के आरोपों को बताया निराधार, कहा…
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने केन्द्रीय भाजपा कार्यालय, नई दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान एमनेस्टी इंटरनेशल के आरोपो को सच्चाई से कोसो दूर बताते हुए कहा एमनेस्टी के अनुसार उन्होंने भारत में अपना कार्य रोकने की घोषणा की है.
अमित यादव, दिल्ली/ जयपुर: के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने केन्द्रीय भाजपा कार्यालय, नई दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान एमनेस्टी इंटरनेशल के आरोपो को सच्चाई से कोसो दूर बताते हुए कहा कि एमनेस्टी के अनुसार उन्होंने भारत में अपना कार्य रोकने की घोषणा की है. क्योंकि भारत सरकार ने उनके बैंक खातों पर रोक लगा दी है यह सरासर झूठ बोला जा रहा है.
भाजपा ने एमनेस्टी के इस प्रकार के आरोपों पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि कि भारत में कार्यरत कोई भी संस्था चाहे वह देशी हो या विदेशी यदि विदेश से धन लेना है तो उसे भारत के कानूनों का पालन करना पडता है.एफसीआरए के अंतर्गत किसी प्रोजेक्ट के लिए एक बार ही छूट दी जाती है न कि हमेशा के लिए,उसे समय-समय पर रीन्यू करवाना होता है और यह नियम समान रूप से सभी पर लागू होते हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशल ने सन् 2000 में यह छूट हासिल की थी. उसके बाद उन्हें कभी छूट नहीं मिली, लेकिन जांच से बचने के लिए इन्होंने एमनेस्टी इंटरनेशल फाउण्डेशन, एमनेस्टी इंटरनेशल इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, इंडियन्स फाॅर एमनेस्टी इंटरनेशल ट्रस्ट और एमनेस्टी इंटरनेशल साउथ ऐशिया फाउण्डेशन के नाम से अपनी चार संस्थाएं बना ली. इससे इनके खाते में 10 करोड़ और 26 करोड़ रूपये आए. जिसे उन्होंने एफडी आई घोषित किया. ऐसा होने के बाद इंफोर्समैंट डायरेक्टेट को जांच शुरू करनी पड़ी. बिना कानून और अनुमति के एक अंतरराष्ट्रीय संस्था भारत में पैसा लेकर आ रही है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंको को आदेश देकर एमनेस्टी को प्रायर रैफ्रेन्स केटैगिरी की कैटैगिरी में डलवा दिया. जिससे विदेशी डोनर अगर इसे पैसा देना चाहे उसकी अनुमति लेनी होगी. जांच में यह भी पाया गया कि एमएनएसटी एक काॅमर्शियल लाईन पर काम कर रही है और बड़ा मुनाफा कमा रही है. इससे काफी सवाल खडे होते हैं. बाहर से आने वाले पैसे को छुपाने की कोशिश की जा रही है उसका रंग बदलने की कोशिश की जा रही है.
भाजपा ने इसकी कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठाए कि यह कैसी संस्था है जो पाकिस्तान में तो मानवाधिकारों को लेकर वहां के अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं बोलती और भारत में मानवाधिकारों को लेकर बहुत बोलती है. यह कैसी संस्था है जो नागरिकता संशोधन बिल को भारत के मुसलमानों के खिलाफ बताती है जबकि इस बिल में भारत के मुसलमानों को लेकर कोई बात ही नहीं कही गई. फै़क कैम्पीयन चलाती है. भारत के लोकतंत्र का अपमान करती है.