सुको का सैंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक से इंकार, सरकार ने बताया सुरक्षा, सुविधा और मितव्ययिता कारण,
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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से हर साल सरकार को 1,000 करोड़ की बचत होगी
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के सरकार के पैसे की बचत होगी।
नई दिल्ली 03 नवंबर। सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट के सरकार के पैसे की बचत होगी। इस प्रॉजेक्ट पर लगने वाले पैसे से पैसे की बर्बादी नहीं बल्कि पैसे बचेंगे। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि इस प्रॉजेक्ट के पूरा होने के बाद सरकार का हर साल एक हजार करोड़ रुपये बचेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री 10 इमारतों में चल रही है। साथ ही कहा कि मौजूदा संसद भवन आग के गंभीर समस्या का सामना कर रहा है और साथ ही जगह की भी कमी है। इस प्रॉजेक्ट के तहत जो भी हेरिटेज इमारतें हैं उन्हें संरक्षित रखा जाएगा। अभी जो संसद भवन है वह आजादी से पहले 1927 में बनाया गया था। अभी वहां जगह का अभाव है जॉइंट सेशन में प्लास्टिक तक की कुर्सियां लगानी पड़ती है और कहीं न कहीं ये गरिमा को ठेस पहुंचाता है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 2022 तक नए संसद भवन बनाने का डेडलाइन है और संसद का मालिकाना हक लोकसभा सेक्रेटेरियट के पास ही रहेगा। सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को केंद्र सरकार ने सही ठहराया है और कहा है कि इससे लोगों का जीवन आसान होगा और सभी मुख्य मिनिस्ट्री केंद्रीय इलाके में होंगे।
21 जुलाई को केंद्र ने अपने जवाब में कहा था कि मौजूदा संसद भवन 100 साल पुराना हो चुका है और नई बिल्डिंग बनेगी तो तमाम मानकों को पूरा करेगी। दिल्ली भूकंप के जोन 4 में है और नई बिल्डिंग उसके अनुरूप बनेगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि नई पार्लियामेंट और सेंट्रल सेक्रेटेरियट बनाने में किसी भी एतिहासिक धरोहर (हेरिटेज बिल्डिंग) को नहीं हटाया जाएगा और न ही कोई पेड़ काटे जाएंगे।
सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि अथॉरिटी अगर कानून के तहत काम कर रही है तो क्या उसे काम करने से रोका जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार इस प्रॉजेक्ट पर आगे बढ़ना चाहती है तो जिम्मेदारी सरकार पर है।
केंद्र सरकार ने कहा था कि प्रॉजेक्ट के तहत नया संसद भवन और तमाम सेंट्रल सेक्रेटेरियट बनेंगे। 20 हजार करोड़ की लागत वाले इस प्रॉजेक्ट पर खर्चा एक बार में नहीं आएगा बल्कि छह साल में ये रकम खर्च होंगे। सारे दफ्तर सेंट्रल इलाके में होंगे इससे एग्जेक्युटिव के कार्यक्षमता मे इजाफा होगा और लोगों का जीवन आसान होगा।
कुल 51 मिनिस्ट्री 10 बिल्डिंग में होंगी। केंद्र सरकार ने कहा था कि नया संसद भवन मौजूदा पार्लियामेंट के बगल में साढ़े 9 एकड़ जमीन पर बनेगा। लोग तीन किलोमीटर अंडरग्राउंड शटल से जा सकेंगे।