मथुरा में शांति भंग की कोशिश: मंदिर में नमाज का सिर्फ फोटो सेशन,मस्जिद से भी चुपचाप निकल गये युवक
मथुरा में धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने में नाकाम रहे दोनों पक्षों के उपद्रवी, सामने आया पूरा सच
By: रवि कांत
मथुरा में न तो नंद बाबा मंदिर में नमाज़ हुई और न ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ, इस विशेष रिपोर्ट में जानिए पूरा सच
मथुरा: 29 अक्टूबर को पहले दो मुस्लिम युवकों ने नंद बाबा मंदिर में चुपके से नमाज़ पढ़ी और निकल गए.बाद में इन्हें और इनके दो हिंदू सहयोगियों को गिरफ़्तार कर लिया गया. 3 नवम्बर को चार हिंदू युवकों ने मथुरा की ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ दी. इन्हें भी पुलिस ने फ़ौरन पकड़ लिया.ये दोनों खबरें आपने सुनी होंगी. लेकिन एबीपी न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दोनों ही घटनाएं सिर्फ़ आधी सच हैं.नंद बाबा मंदिर में नमाज़ अदा करने की फ़ोटो तो खिंचाई गई पर नमाज़ अदा नहीं की गई.वहीं ईदगाह मस्जिद में भी हनुमान चालीसा नहीं पढ़ी गई.लेकिन दोनों ही तरफ़ के उपद्रवियों ने माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की,ये सच है.
मंदिर में नमाज़ नहीं पढ़ी गई,सिर्फ़ फ़ोटो एक्शन हुआ
पहले ये ख़बर आई थी कि मथुरा के नंदगांव इलाक़े के प्रसिद्ध नंद बाबा मंदिर में दो मुस्लिम युवकों ने नमाज़ पढ़ी थी. बीजेपी के युवा मोर्चा के स्थानीय सचिव और नंद बाबा मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल स्वामी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि 29 अक्टूबर को हुई घटना में मंदिर में नमाज़ नहीं पढ़ी गई, क्योंकि नमाज़ में कम से कम 10 मिनट का वक्त लगेगा जबकि उस रोज़ मंदिर में दोनों आए मुस्लिम युवक सिर्फ़ एक मिनट ही मंदिर के पिछले हिस्से में रुके और चले गए.मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल गोस्वामी का कहना है –
1. मंदिर में नमाज़ अदा नहीं हुई. सिर्फ़ नमाज़ की मुद्रा में फ़ोटो खिंचवा के वायरल कराई गई.
2. नमाज़ की फ़ोटो वाले स्थान पर मुस्लिम युवक सिर्फ़ एक मिनट रुके थे और नमाज़ की मुद्रा में फ़ोटो खिंचाई और गेट नम्बर दो के रास्ते से चले गए. फ़ोटो उनके दो हिंदू दोस्तों ने खींची.
3. आपत्ति ये है कि इन्होंने ये काम क्यों किया. ऐसा लगता है कि इलाक़े का सद्भाव बिगाड़ने और लोगों को भड़काने के लिए ये काम किया गया है.इसकी पूरी जाँच होनी चाहिए.
मस्जिद में हनुमान चालीसा भी नहीं पढ़ी गई
मथुरा के गोवर्धन इलाक़े में ईदगाह मस्जिद के ईमाम नेग मोहम्मद और मुतवल्ली हाजी साबू खान ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ी नहीं गई. मौक़े पर मौजूद मुतवल्ली हाजी साबू खान ने बताया कि चारों हिंदू लड़के आए थे और उन्होंने मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने की इजाज़त माँगी.उन्होंने कहा कि नंद बाबा मंदिर में कुछ लोगों ने नमाज़ पढ़ी थी इसलिए हम इस मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ेंगे.लेकिन मैंने इजाज़त नहीं दी तो उन्होंने इज़्ज़त के साथ मस्जिद में झुक कर हाथ जोड़े और बिना हनुमान चालीसा पढ़े चले गए.उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला. इसलिए हमें कोई शिकायत नहीं है.
मस्जिद मामले में शाहरुख़ खान का पक्ष
हनुमान चालीसा पढ़ने आए युवकों ने कहा था कि उनके साथ एक मुस्लिम युवक शाहरुख़ खान भी था लेकिन मस्जिद के बग़ल में दुकान करने वाले शाहरुख़ खान ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि वो हिंदू युवकों को पहले से जानता था लेकिन मंगलवार को वो मस्जिद क्यों आए हैं उसे इसकी जानकारी नहीं थी.शाहरुख़ ने बताया कि सौरभ मेरा परिचित है मैं मस्जिद के बग़ल में अपनी दुकान से निकल कर कहीं जा रहा था तभी सौरभ अपने तीनों दोस्तों के साथ आया और कहा कि मुझे मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़नी है.मैंने कहा मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इजाज़त तो मुतवल्ली साहब ही देंगे फिर मैं मस्जिद के बाहर ही रह गया वो लोग भीतर गए. यहाँ का माहौल एकदम ठीक है हम लोगों को कोई शिकायत नहीं है क्योंकि मना करने पर वो लोग मान गए थे.
हनुमान चालीसा पढ़ने का दावा करने वाले सौरभ का पक्ष
बावजूद इसके कि मस्जिद के पदाधिकारी कह रहे हैं कि मस्जिद में हनुमान चालीसा नहीं पढ़ी गई, मुख्य आरोपित सौरभ ने कहा कि उसने मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ी थी. गोवर्धन स्थित अपने घर में सौरभ के पिता रमेश चंद्र जोशी ने कहा कि सौरभ वैसे अच्छा लड़का है लेकिन इस हरकत के लिए मैंने इसे बहुत डाँटा है.सौरभ की माँ मधु जोशी ने कहा कि मैंने इस हरकत के लिए इसे दो थप्पड़ मारा है और समझा रहे हैं.लेकिन माता-पिता के ये कहने के बाद भी कमरे में मौजूद सौरभ ने कि हमनें नंद बाबा मंदिर में नमाज़ का जवाब दिया है.भाई-चारा किया है.आगे भी,ज़रूरत पड़ने पर फिर भाई चारा करेंगे.
मुस्लिम पक्ष ने कोई शिकायत नहीं की
मथुरा के गोवर्धन इलाक़े में स्थित ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले चार लड़कों में से मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा नंबरदार सहित बाक़ी तीन लड़कों कृष्णा उर्फ़ कान्हा, राघव मित्तल और किसना उर्फ़ कान्हा को भी पेरोल पर रिहा कर दिया गया था.क्योंकि उनके ख़िलाफ़ मुस्लिम पक्ष से किसी ने कोई शिकायत ही नहीं आई.पुलिस ने स्थानीय निवासियों की शिकायत पर इन्हें हिरासत में लिया था पर लिखित शिकायत न मिलने पर इन्हें छोड़ दिया.इन लड़कों पर सीआरपीसी की धाराओं 151,107 और 116 में मुक़दमा दर्ज किया गया है.
गोवर्धन में सौरभ की मित्र मंडली
सामान्य तौर पर घर का एक गेस्ट हाउस चलाने वाला सौरभ हनुमान चालीसा की घटना के बाद से ख़ुद को लेकर काफ़ी गर्व में है. उसका कहना है कि उसके पास टीवी और सोशल मीडिया को देखकर इतने फ़ोन आए कि सबको जवाब देना मुश्किल था.जब हमनें उसके साथ उससे मिलने आए उसके दोस्तों से बात किया तो इस पूरी मंडली ने ने कहा कि हम धार्मिक मामलों में दब कर रहना बर्दाश्त नहीं कर सकते. मंगलवार को ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले मुख्य आरोपी सौरभ ने अपने तीन साथियों दीपक,देव सूर्यवंशी और कपिल के साथ बात करते हुए कहा कि किसी को तो भगत सिंह बनना पड़ेगा वरना समाज का काम कौन करेगा .अगर आगे ज़रूरत पड़ी तो ऐसे मुद्दों पर बढ़ कर काम करेंगे.ये आरोप सही नहीं है कि हम लोग इस तरह से मथुरा को अयोध्या की तरह धीरे-धीरे गरमाने की कोशिश कर रहे हैं.हमारा किसी पार्टी या संगठन से कोई लेना देना नहीं है.
बागपत में मस्जिद में हनुमान चालीसा पाठ: रात के बाद सुबह फिर पहुंचे पूर्व ब्लॉक प्रमुख, मौलाना ने कहा हुआ विश्वासघात
बागपत की मस्जिद में हनुमान चालीसा पाठ।
बागपत जनपद की एक मस्जिद में हनुमान चालीसा पाठ के मामले में फैसले को पूर्व प्रमुख चार-पांच लोगों के साथ बुधवार की रात और गुरुवार की सुबह विनयपुर गांव में पहुंचे और विशेष सम्प्रदाय के लोगों के सामने समझौता करने का प्रस्ताव रखा। मामले की जानकारी के बाद सुबह पुलिस शांति व्यवस्था व जांच के लिए गांव पहुंची।
यह है मामला
खेकड़ा के पूर्व प्रमुख लीलू पहलवान के छोटे भाई व भाजपा नेता मनुपाल बंसल ने मंगलवार को विनयपुर गांव की मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों को मामले की जानकारी हुई। बुधवार को गांव के मुस्लिम समुदाय के गणमान्य लोगों ने पाठ को अनुमति देने वाले मौलाना अलीहसन को मस्जिद से हटा दिया। मामले में फैसला करने के लिए पूर्व प्रमुख चार पांच लोगों के साथ गांव पहुंचे। समाज के लोगों से वार्ता की। उधर पुलिस गांव पहुंची और मामले की लोगों से जानकारी भी जुटाई। इंस्पेक्टर अनिल सिंह भी फोर्स के साथ गांव पहुंचे और मामले की जानकारी जुटाई।
हुआ विश्वासघात
मौलाना अलीहसन ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि उनके संग विश्वासघात हुआ है। मनुपाल बंसल ने ऊपर वाले का नाम लेने की अनुमति ली थी न कि हनुमान चालीसा का पाठ करने की। मनुपाल के मस्जिद में बैठने के बाद वह बाहर आ गए थे। इसके बाद उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ किया। अगर जरा भी आभास होता तो कतई भी अनुमति नहीं देते हैं उनके साथ विश्वासघात हुआ है। 40 साल से वह उक्त मस्जिद से कार्यरत थे। अपनी भूल के कारण अपने गांव बसोद भी नहीं गए हैं।