वामपंथी,भांड बॉलीवुड का दिवाली पर हिंदुओं के मुंह पर थप्पड़ है फिल्म’लक्ष्मी’
#लक्ष्मी #बॉम्ब
“लक्ष्मी मंदिर में नहीं जा सकती, लेकिन आसिफ तो जा सकता है न!”
यह डायलॉग नहीं, इस सनातनी समाज की नजर में बनी अक्षय कुमार की अब तक की इज्जत की कब्र है!
इतना ही नहीं! इस फ़िल्म में कई ऐसे सीन्स और डायलॉग्स हैं जो दिल पर जाकर धक्के की तरह लगते हैं और आपके फेवरेट अक्षय कुमार के लिए मुंह से गाली निकल जाती है!
सबसे पहले तो इनको हमारे हर त्योहार पर कोई न कोई ऐसी फिल्म लानी है, जो देश की बहुसंख्यक हिन्दू जनता का अपमान करे!
आप दशहरा ढंग से न मना पाओ, उस वक़्त इनका “बिग बॉस” का ड्रामा शुरू होता है और उसमे खुलेआम #इलुमिनाती के सिंबल यूज किए जाते हैं और बैफोमेट(शैतान के प्रतीक) की पूजा वाला रिचुअल करवाया जाता है!
इसी बिग बॉस में अनूप जलोटा, अपने से बहुत कम उम्र की लड़की के साथ उसका लवर बनकर पहुचते और कभी फेक हिंदूवादी एजेंडा लेकर कोई बाबा पहुँचता है, अश्लील हरकतें करता है और सनातन धर्म को नीचा दिखाया जाता है, साथ ही “#लव #जिहाद” को बढ़ावा दिया जाता है!
लक्ष्मी बॉम्ब फ़िल्म नहीं….हिंदुओ के मुंह पर माँ लक्ष्मी की पूजा के ठीक तीन दिन पहले मारा हुआ वो तमाचा है, जिसे खाकर भी यदि आपने #बॉलीवुड का #बायकॉट नहीं किया, तो आने वाली पीढियां आपको माफ नहीं कर पाएंगी!
“आसिफ भले ही मुसलमान है, पर वो मुझे खुश रखता है पापा!”
अगर आप #लव #जिहाद से परिचित हैं, तो कियारा आडवाणी के मुंह से यह वाक्य सुनकर आपका खून खौल उठेगा!
मतलब ये फ़िल्म नहीं, पूरा का पूरा वामपंथी और भांड बॉलीवुड का एजेंडा बना दिया गया है!
अल्लाह को मानने वाले कोई फकीर बाबा इतने नेक हैं कि आत्मा को वश में कर लेते हैं और परिवार को बचा लेते हैं, वही एक हिन्दू साधु को दिखाया गया है, जो भोले भाले लोगो को मूर्ख बनाता है….वह भी पहले ही सीन में!
इसी सीन में “आसिफ” यानी अक्षय की एंट्री होती है और एक NGo में कार्य करने वाला आसिफ इतना महाज्ञानी है कि उसे पहले ही पता होता है कि बाबा केमिकल्स को मिलाकर “अमलगम” बनाते हैं और लोगों को मूर्ख बनाते हैं!
भई मुझे तो आजतक विज्ञान का इतना बड़ा ज्ञानी “आसिफ” नहीं मिला! आपने देखा हो तो बताइएगा!
बात यही पर खत्म नहीं होती! फ़िल्म फ्लैशबैक में जाती है, जहां लक्ष्मी के ट्रांसजेंडर होने की वजह से उसके “हिन्दू पिता” घर से निकाल देते हैं, पर एक “नेकदिल असलम चाचा” उसे अपने घर मे पनाह देते हैं!
इतना ही नहीं…वो नेक मुस्लिम काका, लक्ष्मी के लिए अपनी जान भी दे देते हैं, वही एक लालची हिन्दू परिवार, मजबूर लक्ष्मी(किन्नर) की जमीन भी हड़प लेता है!
अक्षय कुमार! आपने दिखाया है कि हम हिन्दू, किन्नरों का तिरस्कार करते हैं! उन्हें स्वीकार नहीं करते!
आपको मुंबई में अपने ऐसी फ्लैट में बैठे नहीं दिखाई देगा, पर जान लीजिए कि जब हम हिंदुओं के यहां बच्चा होता है न, तो #शुभ #के #प्रतीक के तौर पर यही #किन्नर आते हैं, गाते बजाते हैं और #नेग लेकर जाते हैं!
हम किन्नरों को #काली #के #भक्त मानकर उन्हें भी #काली #का #प्रतीक मानते हैं!
उनसे मिले एक सिक्के को भी #सौभाग्य मानते हैं!
थोड़ा अध्ययन तो कर लिया होता अक्षय साहब!पर कैसे करोगे? तुम्हे तो विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारों पर नाचना है!
म्यूजिक इतना वाहियात मैने शायद ही किसी फिल्म में सुना हो!
एक गाना भोलेनाथ पर था, मैंने सोचा कि अच्छा होगा, पर जब देखा, तो सबसे ज्यादा उस गाने को गाने वाले और बनाने वाले पर गुस्सा आया!
उससे अच्छा गाना शायद मैं बना देता भोलेनाथ के लिए!
अक्षय कुमार! आपने यह फ़िल्म करके शायद अबतक की अपनी बनी बनाई इज्जत की ताबूत में आखिरी कील ठोकी है!
निहायत ही घटिया!वाहियात और तीसरे से भी कम दर्जे की फ़िल्म है!
चुकी फ़िल्म ऑनलाइन रिलीज हुई है, इसलिए पैसे खर्च करने की जरूरत नही! टेलीग्राम से डाउनलोड कीजिए और मैं तो कहूंगा देखिए जरूर, क्योंकि इसमें बॉलीवुड के एक और तथाकथित हीरो का असली चेहरा दिखेगा!
देखिए और समझिए,कितनी आसानी से “आसिफ तो मंदिर में आ सकता है न…” कह दिया गया है!
देखिए और बेटियों को #लव #जिहाद का अर्थ समझाइए!
देखिए ताकि जान सकें कि बॉलीवुड ने क्या कबाड़ परोसा है और इतने दिनों तक छद्म राष्ट्रभक्त की आड़ में छुपे चेहरे की असलियत क्या है!
अक्षय कुमार! मैने भी “#हॉलिडे” , “#बेबी”, “#गब्बर” जैसी फिल्में कई बार देखी हैं, बल्कि एक एक सीन और डायलॉग तक याद हैं…..पर #लक्ष्मी #बॉम्ब बनाने के लिए तुम पर “थू”. है मेरी!
और मेरी यह थू…. सिर्फ मेरी नहीं है….बल्कि हर एक राष्ट्रवादी, हर एक सनातनी और हर एक सिनेमा प्रेमी की थू है!
#शेयर #किजियेगा, #क्योंकि #जरूरी #है!
#आशीष शाही
#पश्चिम चंपारण, #बिहार
11/11/20
@सुधा राजे की वाट्स एप वाल से