रूप-रूपैय्या और पांच हत्यायें: पुलिस चकराई, हत्या का कारण घर में ही है कि बाहर
New twist in Varanasi murder case After four bodies found Rajendra s body also found
वाराणसी हत्याकांड में यू-टर्न: जिसे सभी ने कातिल समझा…वो भी किसी और के हाथों मरा; पांचों की एक ही तरह ली जान
पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। परिवार के मुखिया राजेंद्र का शव मिलने के बाद कहानी ने नया मोड़ ले लिया है।
वाराणसी 06 नवंबर 2024.0शहर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला। सभी की कनपटी और सीने में गोली मारी गई है। घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला है। उसे भी गोली मारी गई थी। जब तक उसका शव नहीं मिला था तब तक उसे ही कातिल समझा जा रहा था। पहले चार लोगों की हत्या के बाद पति के फरार होने और उसके आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही थी। उसका भी शव मिलने के बाद कहानी ने नया मोड़ ले लिया है।
शराब कारोबारी की पत्नी और बेटी
.32 बोर की पिस्टल का हत्या में हुआ इस्तेमाल
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
शराब कारोबारी के बेटे
राजेंद्र गुप्ता का पांच मंजिल का है मकान
भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56 वर्ष) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45 वर्ष), बेटे नवेंद्र (24 वर्ष) व सुबेंद्र (15 वर्ष) और बेटी गौरांगी (17 वर्ष) रहते थे।
राजेंद्र गुप्ता और उसकी पत्नी
रीता देवी ने शवों को देखा, अलग-अलग तल पर मिले शव
मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नवेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी।
नीतू गुप्ता, नवनेंद्र, सुबेंद्र और गौरांगी की फाइल फोटो।
वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।
वाराणसी हत्याकांड
आला अफसर पहुंचे, डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए
सूचना मिलने के बाद पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, डीएम एस राजलिंगम, ज्वाइंट सीपी डॉ के एजिलरसन, एडिशनल सीपी डॉ एस चनप्पा और डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल भी मौके पर पहुंचे। डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम की मदद से छानबीन की गई। घटनास्थल से खून, बाल सहित तमाम साक्ष्यों के नमूने जुटाए गए। फिंगर प्रिंट सहित अन्य साक्ष्यों की बारीकी से जांच की गई।
राजेंद्र की मां शारदा देवी
बदमाश ठान के आए थे कि पूरे परिवार का सफाया करके जाएंगे
मां और उसके तीन बच्चों को मारी गई एक से ज्यादा गोली वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश यह ठान कर आए थे कि पूरे परिवार का सफाया करके ही जाना है, इसलिए नीतू और उनके तीन बच्चों के सिर पर एक से ज्यादा गोली मारी गई थी। राजेंद्र की दाईं कनपटी और सीने पर गोली मारी गई थी। सुबेंद्र के सिर पर बैट से भी वार किए जाने की बात सामने आई। हालांकि किसे कितनी गोली कहां मारी गई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगा।
वाराणसी हत्याकांड
हत्या, दो शादी और एक महिला से करीबी को ध्यान में रख जांच कर रही पुलिस
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र पर उसके पिता व एक चौकीदार के साथ ही छोटे भाई व छोटे भाई की पत्नी की हत्या का आरोप था। ये घटनाएं वर्ष 1997 की हैं। इसी आरोप में राजेंद्र जेल भी गया था। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी। हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई साल से पश्चिम बंगाल के आसनसोल रहती है। इन्हीं सभी बिंदुओं को वारदात की वजह मान कर सीसी कैमरों की फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से पुलिस की 10 टीमें जांच कर रही हैं।
वाराणसी हत्याकांड
हर माह 10 लाख से ज्यादा की आमदनी
बाबा और पिता के बूते ही राजेंद्र का भदैनी में आलीशान मकान और जमीन है। शिवाला में उसकी जमीन पर ही देसी शराब का ठेका है। किरायेदार भी रहते हैं। मीरापुर रामपुर गांव में वह मकान बनवा रहा था। इसके अलावा छित्तूपुर सहित कुछ जगहों जमीन खरीदी थी। राजेंद्र के करीबियों ने बताया कि भदैनी व शिवाला के किरायेदारों और शराब ठेका संचालक से प्रति माह राजेंद्र को 10 लाख रुपये से ज्यादा किराया मिलता था।
एसओजी के साथ भेलूपुर और रोहनिया थाने की पुलिस घटना के अनावरण को लगाई गई हैं। पूरी उम्मीद है कि जल्द ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे। जो भी तथ्स सामने आएंगे, उसे आधार बनाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। -मोहित अग्रवाल, पुलिस आयुक्त।
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धर्मनगरी वाराणसी में मंगलवार को एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. राजेंद्र और उसके परिवार की हत्या के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ अब तक कुछ खास नहीं लगा है. पुलिस हत्यारे की तलाश में जुटी है. राजेंद्र के भतीजे विक्की की मोबाइल लोकेशन के हिसाब से उसकी तलाश कर रही है. दूसरा भतीजा जुगनू पुलिस पकड़ में है लेकिन अब तक कुछ हाथ नहीं लगा है. पड़ताल में कुछ ऐसी चीज सामने आई है जो चौंकाती हैं. जांच में राजेंद्र के किसी ज्योतिषी के चक्कर में पड़े होने की बात सामने आई थी. लेकिन, पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ है कि राजेंद्र किसी ज्योतिषी या तंत्र-मंत्र के चक्कर में नहीं पड़ा था बल्कि स्वयं को ही ज्योतिष मानता था. उसके घर छानबीन में दर्जन से ज्यादा रजिस्टर और डायरियों में सैकड़ों लोगों की कुंडलियां बनी हुई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि रजिस्टरों में कुंडलियां बनाकर राजेंद्र लोगों की समस्याओं का समाधान करता था. स्वयं को वह एक मंझा हुआ ज्योतिष मान लोगों की समस्याएं हल करता था. जो उसकी बात मानता था उसके नाम के आगे कुंडली में वह परफेक्ट लिखता था और जो उसकी बात नहीं मानता था, उसे डिलीटेड या सजेशन डिक्लाइंड लिखकर उसकी कुंडली काट दिया करता था.राजेंद्र के घर से बड़ी संख्या में किताबें भी मिली हैं. कुंडलियां राजेंद्र के ज्योतिष होने की बड़ी कहानी बताती हैं. इन्वेस्टिगेशन में तंत्र-मंत्र ज्योतिष की बात सामने आने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे. किसी ज्योतिषी को कुंडली दिखाने और पत्नी के अपने तरक्की में बाधा बनने की बात राजेंद्र ने लोगों से साझा की थी.
राजेंद्र लोगों की समस्याओं का करता था ज्योतिषी समाधान:राजेंद्र लोगों की समस्याओं के समाधान का दावा करता था. वह लोगों से उनकी जन्म कुंडली और समस्याओं के बारे में पूछता था और उन्हें समाधान बताता था. दिल्ली, पीलीभीत, कानपुर, लखनऊ अहमदाबाद और देश के कई हिस्सों से साहू, गुप्ता जायसवाल समेत अन्य लोगों की कुंडलियों पर वह गहन मंथन करता था. यहां तक कि लोगों से फोन पर हुई बातचीत को अपने सवालों और जवाब के हिसाब से लिखता था जो रजिस्टर मिले हैं.जन्म कुंडली से लेकर सवाल जवाब का पूरा एक पर्चा मिला है. जिसमें शादी न होने से लेकर शादी के बाद हो रही परेशानी घर और संपत्ति से जुड़ी परेशानियों तक के सवाल शामिल थे. इनका राजेंद्र जवाब भी देता था. रजिस्टर में कई मोबाइल नंबर भी मिले हैं. जिनसे वह लगातार संपर्क में रहता था और लोगों से बातचीत करके उनकी समस्याओं का समाधान करता था. इसके अलावा घर से वास्तु और ज्योतिष की किताबें भी मिली हैं.
कौन करेगा पांचों शव का अंतिम संस्कार: पूरे घटनाक्रम में अब तक पुलिस छानबीन कर रही है. पांचों शवों का पोस्टमार्टम हो गया है और माना जा रहा है कि आज शाम तक सभी का दाह संस्कार भी हो जाएगा. दाह संस्कार कौन करेगा इसे लेकर भी संशय है. माना जा रहा है पुलिस हिरासत में भतीजे जुगनू को ही दाह संस्कार को बुलाया जाएगा, क्योंकि घर में और कोई बचा भी नहीं है.
राजेंद्र के भतीजे जुगनू की बातें पुलिस को कर रहीं कंफ्यूज:सबसे बड़ी बात यह है कि जुगनू के भी बेहद शातिर तरीके से पुलिस को कंफ्यूज करने पर अब पुलिस पूछताछ की तैयारी कर रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार जुगनू ने ही दिल्ली में रहते घटना बाद दोपहर 12:10 बजे फोन कर कंट्रोल रूम 112 को सूचना दी थी कि उसकी चाची और भाई- बहन का मर्डर हो गया है.
उसके बाद उसने दिल्ली में रहते हुए इंस्पेक्टर भेलूपुर के सीयूजी नंबर पर फोन करके हत्या की सूचना दी थी. इसके अलावा कंट्रोल रूम 1645 पर भी उसने फोन करके हत्या की सूचना दी। इस पर सवाल यह बनता है कि बनारस में किसी ने कंट्रोल रूम को फोन नहीं किया लेकिन, दिल्ली में रहकर जुगनू ने यह सूचना कैसे दे दी.
कौन थे वो 4 लड़के:इन्वेस्टिगेशन में चौंकाने वाली बातें सामने आई है. घर के पास ही एक किराए के मकान में चार लड़कों का घटना के बाद रात में सामान लेकर जाते हुए सीसीटीवी कैमरे में दिखे. ये लड़के कौन थे और घटना के बाद ही वहां से क्यों निकले, यह भी जांच का विषय है. इस बारे में पुलिस अपनी छानबीन आगे बढ़ा रही है. उन चार लड़कों का भी पता किया जा रहा है.पुलिस ने लड़कों को बुलाकर उनसे पूछताछ की है. जांच में पता चला है की घटनास्थल से लगभग 300 मीटर की दूरी पर ये लड़के किराए के मकान में रहते हैं. ये सभी पूजा पाठ करते हैं और घटना के बाद रात में मुंबई रवाना हुए. ये सभी वाराणसी में रहकर संस्कृत भी पढ़ते हैं और पूजा पाठ भी करवाते हैं. पुलिस का मानना है कि भले ही ये चार लड़के मामले में ना हों लेकिन हत्यारों की संख्या 4 से काम नहीं है. क्योंकि किसी एक अकेले का यह काम नहीं है, दो अलग-अलग जगह पर हत्याएं करना तभी संभव होगा जब प्रोफेशनल और ज्यादा शूटर होंगे.
राजेंद्र ने 1997 में अपने भाई-भाभी की कर दी थी हत्या:दरअसल पुलिस का शक विकी और जुगनू पर ऐसे ही नहीं गहरा रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि 1997 में पिता कृष्णा और मां की हत्या के बाद सही दोनों बेटे अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता से नफरत करते थे. पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि लगभग 6 महीना पहले राजेंद्र ने अपने भतीजे को जायदाद से बेदखल भी कर दिया था. जिसके बाद से वह लोग राजेंद्र से नाराज थे.
दीपावली से पहले चाचा से मिलने आया था भतीजा:दीपावली के कुछ दिन पहले विक्की चाचा से मिलने भी आया था लेकिन, राजेंद्र ने उसे बुरा भला कहकर घर से निकाल दिया था. इस वजह से विक्की दीपावली के एक दिन पहले अपनी दादी से रात लगभग सवा एक बजे मिलने पहुंचा था. पुलिस पूछताछ में उसकी दादी ने बताया है कि विक्की बार-बार कह रहा था कि वह चाचा को छोड़ेगा नहीं, लेकिन इतना बड़ा कदम उठाएगा यह उसे भी नहीं पता था.
भतीजी की धूमधाम से की थी शादी: राजेंद्र के घर आए रिश्तेदार राकेश ने बताया कि राजेंद्र अपनी भतीजी डॉली को उसके मां-बाप की हत्या के बाद से खुद पाल रहा था. डॉली के मां-बाप की हत्या के आरोप में राजेंद्र जेल गया था, लेकिन उसने अपनी भतीजी की शादी जून के महीने में बड़े धूमधाम से की. दिल्ली में एक संपन्न परिवार में भतीजी की शादी करने के बाद राजेंद्र पूरे परिवार का ध्यान रखता था. उसके और उसके भाई के सभी बच्चे एक महंगे इंग्लिश मीडियम स्कूल में ही पढ़ते थे.
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