प्रथम इन्वेस्टर्स समिट की आयोजक मनीषा पंवार ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
Uttarakhand IAS Manisha Panwar Took VRS She Was Facilitator Of Investor Conference
आईएएस मनीषा पंवार ने लिया वीआरएस, पहले निवेशक सम्मेलन की थीं सूत्रधार
देहरादून 07 दिसंबर। इससे पहले उनके पति पूर्व आईएएस अधिकारी उमाकांत पंवार भी वीआरएस ले चुके हैं। उत्तराखंड कैडर की 1990 बैच की वरिष्ठ आईएएस मनीषा पंवार ने 28 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी।
आईएएस मनीषा पंवार
वर्ष 2018 में उत्तराखंड सरकार के पहले निवेशक सम्मेलन की सूत्रधार रहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। 1990 बैच की आईएएस अधिकारी मनीषा अपर मुख्य सचिव पद पर थीं। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं।
इससे पहले उनके पति पूर्व आईएएस अधिकारी उमाकांत पंवार भी वीआरएस ले चुके हैं। उत्तराखंड कैडर की 1990 बैच की वरिष्ठ आईएएस मनीषा पंवार ने 28 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग ने अखिल भारतीय सेवाएं (डेथ कम रिटायरमेंट रूल्स) 1958 के नियम 16(2) में तीन माह की नोटिस अवधि से उन्हें राहत दे दी है।
सचिव कार्मिक शैलेश बगोली के मुताबिक, उन्हें 30 नवंबर की दोपहर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी गई है। बताया जा रहा कि वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं। इस वजह से वे लंबी छुट्टी पर भी रही। आखिरकार उन्होंने वीआरएस ले लिया। इससे पहले त्रिवेंद्र सरकार में अक्तूबर 2018 में निवेशक सम्मेलन में तत्कालीन प्रमुख सचिव उद्योग के तौर पर आईएएस मनीषा पंवार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सूत्रों के मुताबिक आईएएस मनीषा पवार पिछले कई महीनों से बीमार चल रही हैं. वीआरएस के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है. बता दें कि मनीषा पवार 1990 बैच की तेज तर्रार और जुझारू आईएएस अधिकारी हैं.
महिला आईएएस अधिकारी पद क्यों छोड़ना चाहती हैं?
उत्तराखंड कैडर में अपर मुख्य सचिव पद पर सेवा दे रही मनीषा पवार के पास कई विभागों की भारी भरकम जिम्मेदारी थी. उद्योग विभाग, श्रम विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, वर्ल्ड बैंक के सहयोग से चल रही योजनाओं का कार्यभार भी देख रही थी. मनीषा पवार मेहनती और जुझारू आईएएस अधिकारी रही हैं. उन्होंने स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल एजुकेशन सहित महिला सशक्तिकरण विभाग का दायित्व संभाला है. साल 2019 में बेहतर गुड गवर्नेंस के लिए मनीषा पवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्मानित भी किया था.
मनीषा पवार के सेवाकाल पूरा होने में थे चार साल बाकी
गौरतलब है कि आईएएस मनीषा पवार के पति उमा कांत पवार भी उत्तराखंड में बतौर आईएएस सेवा दे चुके हैं. 2017 में उन्होंने भी 9 वर्षो की सेवा छोड़कर वीआरएस ले लिया था. वीआरएस लेने के कारण चर्चाओं में रहे थे. मनीषा पवार को उत्तराखंड की नौकरशाही में कड़कदार छवि वाला अधिकारी माना जाता है. 56 वर्षीय मनीषा पवार की सेवा अभी चार साल बाकी है. अपर मुख्य सचिव पद से प्रमोशन पाकर मनीषा पवार के मुख्य सचिव बनने की ज्यादा संभावना थी. ऐसे में बीमारी की वजह से नौकरी को अलविदा कहने का उन्होंने फैसला लिया है।
उन्होंने पूरे जी-जान से निवेशकों को उत्तराखंड तक लाने की कवायद की थी, लेकिन इस निवेशक सम्मेलन से ठीक एक दिन पूर्व उन्होंने वीआरएस ले लिया। इससे पहले उनके पति 1991 बैच के आईएएस उमाकांत पंवार ने भी वीआरएस ले लिया था। जब उनके पति ने वीआरएस लिया तो उनकी सेवा के नौ वर्ष बचे थे।
तब क्या बोले थे इन्वेस्टर्स समिट में मोदी? गुजरात को बनाना चाहता था साउथ कोरिया
प्रधानमंत्री मोदी आज की तरह एक दिन के दौर पर देहरादून समिट का शुभारंभ करने आये थे। दो दिन के समिट में कई देशों के निवेशक शामिल हुए. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने समापन सत्र की अध्यक्षता की.
इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अलग-अलग देशों से आए निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा था कि उत्तराखंड में आज सभी लोग ऐसे मौके पर मौजूद हैं जब देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. आज भारत की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है. महंगाई स्थिर है, मिडिल क्लास का तेजी से विकास हो रहा.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैं पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो मुझसे पूछा गया कि आप गुजरात को क्या बनाना चाहते हैं. मैंने कहा कि मैं इसे साउथ कोरिया बनाना चाहता हूं. क्योंकि दोनों की जनसंख्या समान है, दोनों समुद्री तट पर हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत में तेजी के साथ आर्थिक विकास हो रहा है. हमने 14 हजार से ज्यादा कानून खत्म किए. भारत में टैक्स व्यवस्था में भी बहुत सुधार किए गए हैं. टैक्स से जुड़े सुधारों और पारदर्शी बनाया गया है. बैंकिंग सिस्टम को भी ताकत मिली है. जीएसटी के तौर पर हमने सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म किया.
मोदी ने तब कहा था कि जीएसटी ने देश को सिंगल मार्केट दिया. हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर भी रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रहा है. पिछले वर्ष ही भारत में करीब करीब 10000 किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण हुआ है. यानि हर दिन करीब करीब 27 किलोमीटर की गति से काम हो रहा है. यह पहले की सरकारों की तुलना में डबल है. रेलवे लाइन के निर्माण में भी दोगुनी गति से काम हो रहा है. इसके अलावा अनेक शहरों में नई मेट्रो, हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट इसके लिए भी काम चल रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत में हाउसिंग फॉर ऑल, पावर फॉर ऑल, ग्रीन फ्यूल फॉर ऑल, हेल्थ फॉर ऑल, बैंकिंग फॉर ऑल जैसी अलग-अलग योजनाएं अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में बढ़ रही हैं. आज यह कहा जा सकता है कि देश चौतरफा परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. आप के लिए देश के निवेशकों की भारत में सर्वोत्तम माहौल बना हुआ है. अभी हाल ही में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना की वजह से भी भारत में मेडिकल सेक्टर में निवेश की बहुत बड़ी संभावना बढ़ी है. आयुष्मान भारत योजना में देश के 50 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को ₹500000 तक हेल्थ इंश्योरेंस मिल रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी का तब का कहना था कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को जितना खर्च किया जा रहा है इससे पहले इतना कभी खर्च नहीं किया गया. इसकी वजह से रोजगार में भी लाखों नए अवसर बन रहे हैं. न्यू इंडिया के मुकुट में उत्तराखंड एक चमकता हुआ हिस्सा है. उत्तराखंड देश के उन राज्यों में है जो न्यू इंडिया को रिप्रेजेंट करते हैं. आज का उत्तराखंड युवा आकांक्षाओं से भरा है. उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के संभावनाओं को अवसर में बदलने के भरसक प्रयासों को सराहते हुए कहा कि डेस्टिनेशन उत्तराखंड का यह मंच इन्हीं प्रयासों की अभिव्यक्ति है. महत्वपूर्ण यह है कि इस मंच पर जो बातें हुई हैं वो जल्द से जल्द जमीन पर उतरे.
प्रधानमंत्री मोदी ने तब कहा था कि बीते 4 वर्षों में उत्तराखंड में कनेक्टिविटी की बाधायें मिटाने को अनेक प्रयास किए गए हैं. हाईवे, रेलवे, एयरवे से उत्तराखंड को जोड़ा गया है. गांव-गांव में पक्की सड़कें पहुंच रही हैं. इतना ही नहीं चारधाम ऑल वेदर रोड ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का तेजी से चल रहा है. बेहतर कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ यहां के टूरिज्म सेक्टर को मिलेगा.नेचर हो एडवेंचर हो कल्चर हो या योगा मेडिटेशन हो उत्तराखंड टूरिज्म का एक कंपलीट पैकेज है.राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया है. पहली बार राज्य के 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाए जा रहे हैं.
‘उत्तराखंड के पास स्पेशल इस्पीरिचुयल जोन की ताकत’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आज दुनिया में रिन्युअल एनर्जी की बात हो रही है.सोलर पावर इंटरनेशनल सोलर एलाइंस के पीछे भी यही अवधारणा थी.दुनिया की ऊर्जा की जरूरत ही पूरा हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहें इसमें हमारा एक ही मंत्र है वन वर्ल्ड वन सन.उत्तराखंड में भी रिन्यूएवल एनर्जी के प्रसार के लिए भी राज्य का लगातार प्रयास हो रहे हैं. हाईडल पॉवर तो इस राज्य की ताकत तो है ही अब सोलर पॉवर भी राज्य की ताकत बनेगी. सब लोग स्पेशल इकोनॉमिक जोन की बात करते हैं लेकिन उत्तराखंड के पास स्पेशल इस्पीरिचुयल जोन की ताकत है.
‘निवेश बढ़ाने के लिए सिंगल विंडों क्लीयरेंस शुरू किया’
इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि राज्य सरकार ने इन्वेस्टमेंट बढ़ाने को सिंगल विंडों क्लीयरेंस शुरू किया है.इसमें 15 दिन में उन्हें क्लीयरेंस मिल जाएगी.इंडस्ट्री को कई तरह की छूट और रियायत. इससे 15 दिन में मंजूरी दी जा रही है. राज्य सरकार इस इन्वेस्टमेंट समिट से 70,000 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट का टारगेट लेकर चल रही है.समिट में फूड प्रोसेसिंग ,टूरिज्म,हॉर्टिकल्चर,होटल और इंडस्ट्री पर फोकस रहेगा.