बेटी की मुलायम से बगावत, भाजपा सेंक रही रोटियां

 

Mulayam Singh Yadav Family: बेटी संध्‍या की बगावत से बेचैन हैं बागवां मुलायम सिंह यादव, सैफई कुनबे में एक और रार
भाजपा की टिकट पर संध्या यादव के नामांकन के बाद मुलायम परिवार के लिए बढ़ी चुनौती। जिला पंचायत पर रहा है कब्जा। भाजपा के दांव से बदले समीकरण। संध्या समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई अभयराम की बेटी हैं और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन हैं।

आगरा 08 अप्रैल ( दिलीप शर्मा)। देश की राजनीति का सबसे बड़ा राजनीतिक कुनबा यानि मुलायम परिवार विद्रोह के ताप से बेचैन है। पहले शिवपाल यादव अपना दल बनाकर अलग राह पर चले और अब समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव धुर विरोधी भाजपा की प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर आईं हैं। बागवां (मुलायम परिवार) से बेटी (संध्या यादव) के इस विद्रोह ने पारिवारिक ताने-बाने को तो झिंझोड़ा ही है, मैनपुरी जिले के राजनीतिक समीकरणों में भी उथल-पुथल मचा दी है। इसका असर जिला पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनावों तक होने के अनुमान हैं।

सैफई कुनबे के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती जिला पंचायत में लंबे समय से चले आ रहे वर्चस्व को बनाए रखने की है। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष संध्या यादव, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई अभयराम की बेटी हैं और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन हैं। संध्या यादव ने बुधवार को भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत के घिरोर तृतीय वार्ड से नामांकन दाखिल किया। यह पहली बार है, जब सैफई कुनबे के किसी सदस्य ने दूसरी पार्टी के नाम से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इससे पहले शिवपाल यादव बगावत कर चुके हैं,  वह अपनी पार्टी बनाकर लोकसभा चुनाव लड़े थे। अब बागवां (मुलायम परिवार) से बेटी (संध्या यादव) की इस बगावत की चर्चाएं मैनपुरी में आम हैं। संध्या यादव के खुलकर भाजपा के साथ आने से सपा के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। सपा को अपने कोर वोट बैंक कहे जाने वाले यादव मतदाताओं में सेंध लगने की आंशका है। भाजपा इसी रणनीति पर काम कर रही है। दूसरी तरफ सपा के टिकट वितरण के बाद पार्टी नेता असंतुष्ट  भी मुखर होने लगे हैं। नाराजगी के साथ संध्या यादव की बगावत की भी दुहाई दी जा रही है। पार्टी के असंतुष्टाें को खामोश रखने को सपा ने संध्या यादव के सामने भी अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जिला पंचायत से विधानसभा चुनाव तक असर मैनपुरी जिले को सपा के गढ़ के तौर पर जाना जाता है। बीते नौ लोकसभा चुनावों से सपा ही जीती है, इनमें पांच बार तो खुद मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए। विधानसभा चुनाव में सपा का दबदबा रहा है। जिला पंचायत पर भी लंबे समय से सपा का ही कब्जा रहा है। बीते चुनाव में संध्या यादव जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं। उनसे पहले सपा से आशु दिवाकर (वर्तमान में भाजपा में) अध्यक्ष थे। उनसे पूर्व सपा से डाक्टर सुमन यादव तीन बार अध्यक्ष रही थीं। ऐसे में सपा के सामने अब जिला पंचायत पर कब्जा बरकरार रखने के चुनौती है। परिवर्तित परिस्थिति में यह आसान नहीं रहा। मुलायम परिवार का सदस्य होने के साथ निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के नाते संध्या यादव का अपना प्रभाव है। उनके पति अनुजेश यादव फिरोजाबाद के भारौल के रहने वाले हैं और मैनपुरी के घिरोर क्षेत्र में बहुत सक्रिय हैं। वह खुद फिरोजाबाद से निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य हैं। अनुजेश यादव की मां उर्मिला यादव और उनके चाचा राजा जगमोहन यादव भी तत्कालीन घिरोर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। उनका मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र और फीरोजाबाद के सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र में खासा प्रभाव माना जाता है। माना जा रहा है कि यदि भाजपा जिला पंचायत में जीत हासिल करती है तो आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी यह एक बड़ा संदेश होगा।

अविश्वास प्रस्ताव ने रखी थी बगावत की नींव

2017 में विधानसभा चुनाव से पहले सपा परिवार में हुई रार के बाद संध्या यादव के पति अनुजेश यादव भी निशाने पर आ गए थे। तब चुनावों के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष संध्या यादव के खिलाफ सपा की ओर से ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उस समय अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में भाजपा ने खुलकर साथ दिया था। इसके बाद संध्या यादव के पति अनुजेश यादव बीते लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से वह लगातार भाजपा नेता के तौर पर सक्रिय भी हैं, परंतु संध्या यादव कभी किसी कार्यक्रम में नजर नहीं आईं थीं। बुधवार को पहली बार भाजपा कार्यालय पहुंची थीं।

सपा में हुआ अपमान, भाजपा ने दिया सम्मान

अनुजेश भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल करने के बाद भी संध्या यादव खुद मीडिया से बात नहीं कर रही हैं। उनके पति अनुजेश यादव ही उनकी तरफ से बयान दे रहे हैं। अनुजेश का कहना है कि सपा ने उनके परिवार का अपमान किया, उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। भाजपा उनको सम्मान दे रही है, इसलिए अब हम पूरी तरह उसके साथ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *