बंगाल वालिंटियर्स के रहस्य बचाने को गोपाल सेन ने दी अंग्रेजों के हाथों जान
……………………………………. चरित्र-निर्माण, समाज-सुधार तथा राष्ट्रवादी जन-चेतना के लिए समर्पित *मातृभूमि सेवा संस्था* (राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत) आज देश के ज्ञात व अज्ञात राष्ट्रभक्तों को उनके अवतरण, स्वर्गारोहण व बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन करती है।🙏🙏🌹🌹🌹🌹
…………………………………………………………………………………………………………………………
🔥 *गोपाल सेन* 🔥
✍️ राष्ट्रभक्त साथियों, जिन कुछ देशों ने सैकड़ों देशों को गुलाम/उपनिवेश बनाकर, शोषण किया, आज वही देश मानवाधिकारों की बात करते हैं। क्रूर से भी क्रूर तरीकों से जनमानस को भयभीत करके शासन करने वाली अंग्रेज़ी सरकार का एक उदाहरण देने जा रहा हूँ।
राष्ट्रभक्त साथियों ब्राह्मणबडिया, जिला कॉमिल्ला, बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) में जन्मे गोपाल सेन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्थापित *बंगाल वॉलंटियर्स* (Bengal Volunteers) के सक्रिय सदस्य थे। गोपाल सेन इस क्रांतिकारी संगठन से सन् 1937 में जुड़े तथा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के निर्देश पर आज़ाद हिंद फौज के लिए कार्य करने लगे। इस दौरान अंग्रेज़ी पुलिस, क्रांतिकारी योजनाओं को विफल करने के लिए छापा मारती रहती थी। एक बार की बात है कि जिस समय बंगाल वॉलंटियर्स के कार्यालय में गोपाल सेन कुछ जरूरी कार्य कर रहे थे ठीक उसी समय अंग्रेज़ी पुलिस आ गई। गोपाल जी ने आनन-फानन में सारे गुप्त जानकारी वाले पेपर जला दिए। ऐसा होता देख अंग्रेज़ी पुलिस बहुत ज्यादा क्रोधित हुई और गोपाल सेन को चौथी मंजिल से फेंक दिया। अस्पताल ले जाते समय गोपाल सेन ने अंतिम सांस ली। *मातृभूमि सेवा संस्था ऐसे महान अमर बलिदानी क्रांतिकारी गोपाल सेन के बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन करती है।* 🌹🌹🙏🌹🌹
✍️ राकेश कुमार
🇮🇳 *मातृभूमि सेवा संस्था 9891960477* 🇮🇳