भराड़ीसैंण विधानसभा बजट सत्र अधबीच ही चार दिन पहले स्थगित

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उत्तराखंड बजट सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है.

देहरादून: भराड़ीसैंण में चल रहे बजट सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. यह बजट सत्र एक मार्च से 10 मार्च तक चलाने पर सहमति बनी थी. बावजूद इसके इससे पहले ही इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. सरकार ने 10 दिनों के बजट सत्र को महज 6 दिनों में सिमटा दिया. जिसके बाद बजट सत्र को समय से पहले ही खत्म करने पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

बता दें कि 2 फरवरी को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान बजट सत्र को लेकर चर्चा की गई थी. जिसमें तय किया गया था कि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए होने वाला बजट सत्र, गैरसैंण मैं कराया जाएगा. यह 1 मार्च से लेकर 10 मार्च तक संचालित होगा. यही नहीं उस दौरान राज्य सरकार ने यह भी दावा किया था कि इस बार बजट सत्र को लंबा चलाया जाएगा.


विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा भवन से प्रस्थान करते हुए।

चुनावी साल और सरकार का आखिरी बजट होने के कारण जनता और विपक्ष दोनों को उम्मीद थी कि इस बार भराड़ीसैंण में होने वाला सत्र 10 मार्च तक यही से संचालित किया जाएगा. विपक्ष ने तो बजट सत्र के बचे हुए दिनों में सरकार को घेरने की तैयारी भी की थी. मगर आज सरकार ने सत्र को अनिश्चितकाल से लिए स्थगित कर विपक्ष की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
कहा जा रहा है कि प्रदेश में शनिवार सुबह से हो रही राजनीतिक हलचलों के बीच सरकार ने बजट सत्र जल्दी स्थगित करने का फैसला लिया. इसी क्रम में शनिवार को भी बजट सत्र चलाया गया, जबकि, शनिवार और रविवार को सदन की कार्यवाही नहीं होती है. इस बारे में विधिवत आदेश भी जारी किए गए थे. ऐसे में शनिवार को चली सदन की कार्यवाही इस बात पर जोर दे रही है कि राज्य सरकार को पहले ही आभास हो गया था की छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रुप में देहरादून भेजा जाएगा, जिसके कारण यह फैसला लिया गया। हालांकि लौहाघाट के विद्रोही भाजपा विधायक पूरण सिंह फर्त्याल का कहना है कि सरकार के पास आगे सदन के लिए बिजनेस ही नहीं था तो अधिवेशन घसीट कर क्या करते?

सदन में पारित हुआ बजट, सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित

भराड़ीसैंण में चल रहा विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। गैरसैंण के ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद पहला बजट सत्र आयोजित किया गया। छह दिवसीय सत्र में सदन की कार्यवाही 31 घंटे 29 मिनट चली।
सदन की कार्यवाही एक भी दिन स्थगित नहीं हुई है। 24वीं बार सदन में तय समयावधि के भीतर तारांकित प्रश्नों का जवाब दिया गया। पहली बार सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया गया।
पक्ष-विपक्ष एक ही नांव में

शनिवार को सत्र अनिश्चितकाल को स्थगित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में पहली बार बजट सत्र आयोजित किया गया।
कोविड महामारी की स्थिति में भी सत्र शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ है। सत्र के दौरान कुल 639 प्रश्न प्राप्त हुए थे। इसमें 11 अल्पसूचित प्रश्नों में से तीन,186 तारांकित प्रश्नों में 50, 352 अतारांकित प्रश्नों में 85 के उत्तर दिए गए। 81 प्रश्नों को अस्वीकार किया गया। वहीं,32 याचिकाओं को स्वीकार किया गया। नियम 300 में प्राप्त 28 सूचनाओं में से 25 को ध्यानाकर्षण और नियम 58 में प्राप्त 23 सूचनाओं को स्वीकृत किया गया। छह दिवसीय सत्र में 10 विधेयकों को पारित किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 24वीं बार सदन के भीतर सदस्यों की ओर से पूछे गए तारांकित प्रश्नों का तय समय एक घंटा 20 मिनट में जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा के इतिहास में पहली बार डीआईपीआर से सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया गया।

उत्तराखंड विनियोग विधेयक समेत छह विधेयक पारित

विधानसभा सत्र के छठे दिन सदन में बिना चर्चा के उत्तराखंड विनियोग विधेयक समेत छह विधेयक पारित किए गए। विपक्ष के हंगामे के बीच विधेयक पारित किये गये जिसमें उत्तराखंड विनियोग विधेयक 2021,उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम) संशोधन विधेयक,उत्तराखंड उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम संशोधन विधेयक,देवभूमि उत्तराखंड विश्व विद्यालय विधेयक 2021,सूरजमल विश्वविद्यालय विधेयक,स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक सदन में ध्वनिमत से पारित किए गए। विपक्ष के हंगामे के बीच उत्तराखंड विनियोग विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गया।

किच्छा विधायक के विशेषाधिकार हनन मामले की होगी जांच

ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक राजेश शुक्ला के विशेषाधिकार हनन मामले की जांच कर सदन में रिपोर्ट रखी जाएगी। विधायक की ओर से नियम-65 में उठाए गए विशेषाधिकार हनन मामले में पीठ ने अगले सदन में रिपोर्ट रखने की व्यवस्था दी है।
शनिवार को विधायक राजेश शुक्ला ने सदन को अवगत कराया कि 16 फरवरी 2021 को जिला पंचायत ऊधमसिंह नगर की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया था। पदेन सदस्य होने के नाते वे बैठक में चले गए। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष समेत उनके पति,ससुर भी मंच पर मौजूद थे।
जिला पंचायत अध्यक्ष के पति ने उन्हें बैठक से बाहर जाने को कहा। वहीं,बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। बैठक में अपमानित किया गया। यह अपमान सदन और सरकार भी है। शुक्ला ने कहा कि इस अपमान से वे इतने व्यथित हो गए कि उनका मन इस्तीफा देने को कर रहा था।
संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विधायक की शिकायत पर विशेषाधिकार हनन मामले की जांच कराकर सदन में रिपोर्ट दी जाएगी। पीठ ने व्यवस्था दी कि अगले सदन में जांच रिपोर्ट रखी जाएगी।

सदन में आई कैग रिपोर्ट

शनिवार को सदन के पटल पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट भी पेश हुई। यह रिपोर्ट 31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए जिला चिकित्सालय परिणामों पर आधारित है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2014-15 से 2017-18 तक की वार्षिक रिपोर्ट भी सदन पटल पर रखी गई।

बता दें कि उत्तराखंड का बजट सत्र विगत एक मार्च के राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में शुरू हुआ था।

108 एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम निर्धारित

संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में संचालित आपातकालीन 108 एंबुलेंस का घटनास्थल पर पहुंचने के लिए रिस्पांस टाइम निर्धारित किया गया है। इसके लिए हर एंबुलेंस पर ट्रैकिंग सिस्टम लगा है। किसी कर्मचारी की लापरवाही के कारण एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को सदन में नियम-58 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव में कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने 108 एंबुलेंस समय पर न पहुंचने का सवाल उठाया।

जवाब में संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा में 140 एंबुलेंस संचालित हैं। 132 नई एंबुलेंस खरीदी जा रही हैं। इसमें 71 एंबुलेंस प्राप्त हो गई हैं। जल्द प्रदेश में एंबुलेंस का बेड़ा 272 हो जाएगा। शहरी क्षेत्रों में 13 मिनट 57 सेकेंड और ग्रामीण क्षेत्रों में 23 मिनट 36 सेकेंड का रिस्पांस टाइम निर्धारित किया गया है।

राज्य सेवाओं में कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण में पिछड़ा वर्ग शामिल

धनोल्टी के विधायक प्रीतम सिंह पंवार की ओर से नियम-58 के तहत सवाल उठाया गया कि केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण लाभ लेने के लिए गंगाड़ी, पिकवाल और जौनपुर में प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। जवाब में संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। राज्य सेवाओं में पिछड़ा वर्ग को शामिल किया गया है। धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र के कंडीसौड़ में आरक्षण का लाभ लेने के लिए प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण लाभ देने के लिए कार्मिक विभाग की ओर से शासनादेश जारी किया गया है। सभी जिलाधिकारियों को प्रमाण पत्र बनाने के आदेश जारी किए गए हैं।
गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ाने पर विचार करेगी सरकार
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि गेस्ट टीचरों (अतिथि शिक्षक) के मानदेय बढ़ाने पर सरकार करेगी। विभाग की ओर से सहायक अध्यापक व प्रवक्ता के खाली पदों का प्रस्ताव लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजा गया है। योग्यता रखने वाले गेस्ट टीचरों को खाली पदों पर सीधी भर्ती के जरिये नियुक्ति का मौका मिलेगा।
भराड़ीसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र के छठे दिन कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने नियम 58 में गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ाने और उच्च शिक्षा की तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा में तदर्थ नियुक्ति देने की मांग उठाई। तदर्थ नियुक्ति न देने पर उन्हें 50 हजार रुपये का मानदेय दिया जाए। सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सदन को अवगत कराया कि वर्ष 2015 में प्रदेश में स्कूलों में अनुबंध के आधार पर गेस्ट टीचरों को नियुक्त किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार एलटी और प्रवक्ता पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए। जब तक नियुक्ति नहीं होती है तब तक गेस्ट टीचरों को बाहर नहीं किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि गेस्ट टीचरों ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास किया है। एलटी व प्रवक्ता के खाली पदों को सीधी भर्ती के लिए प्रस्ताव आयोगों भेजा गया है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर सरकार गेस्ट टीचरों के मानदेय बढ़ाने पर विचार करेगी।

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