भारत बंद आज और कल, बैंकिंग में भी प्रभाव संभव, मजदूर संघ बंद से अलग

BHARAT BANDH TIMING AND DATES BANK STRIKE CALLED ON MONDAY TUESDAY READ 10 POINTS OF  STRIKE
Bharat Bandh: आज और कल भारत बंद, बैंकों के काम पर भी पड़ सकता है असर, जानें 10 बड़ी बातें
भारत बंद की वजह से बैंकों का काम प्रभावित हो सकता है.(फाइल फोटो)
Bharat Bandh, Bank strike: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 28-29 मार्च यानी दो दिन तक देशव्यापी बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. इस बंद की वजह से बैंक का काम भी प्रभावित हो सकता है क्योंकि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (All India Bank Employees Association) ने हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है

नई दिल्ली 28 मार्च: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 28-29 मार्च यानी दो दिन तक देशव्यापी बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. इस बंद की वजह से बैंक का काम भी प्रभावित हो सकता है क्योंकि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (All India Bank Employees Association) ने हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.

भारत बंद का आह्वान मोदी सरकार की उन नीतियों के खिलाफ किया जा रहा है, जिनसे कर्मचारी, किसान और आम जनता प्रभावित हो रही है. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने फेसबुक पर लिखा कि बैंकिंग सेक्टर भी इस हड़ताल में शामिल होगा.

आइए जानते हैं भारत बंद की 10 बड़ी बातें…

सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है. ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने कहा, ‘‘हमने हड़ताल के इस आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है.
कोयला, इस्पात, तेल, टेलिकॉम, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है. इसके साथ ही रोडवेज, परिवहन कर्मियों और बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है.
बिजली मंत्रालय ने आज सभी सरकारी कंपनियों और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति और राष्ट्रीय ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने की सलाह दी। मंत्रालय की सलाह में कहा गया है कि अस्पतालों, रक्षा और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए.
एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि बैंक यूनियन की मांग है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण बंद करे और उन्हें मजबूत करे. इसके अलावा हमारी मांग है कि डूबे कर्ज की वसूली को तेज किया जाए, बैंक जमा पर ब्याज बढ़ावा जाए, सेवा शुल्कों में कमी की जाए और पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए.
सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि हड़ताल की वजह से उसकी सेवाओं पर कुछ हद तक सीमित असर पड़ सकता है. एसबीआई ने कहा कि उसने अपनी सभी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं.
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा कि है कि एआईबीईए, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) तथा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने 28 और 29 मार्च को हड़ताल का नोटिस दिया है. बेंगलुरु मुख्यालय वाले केनरा बैंक ने भी कहा है कि हड़ताल की वजह से सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो सकता है.
ऑल इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वे देश भर में कामगारों की सामूहिक लामबंदी के साथ 20 करोड़ से अधिक औपचारिक और अनौपचारिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य कर्मचारियों को सोमवार और मंगलवार को ड्यूटी पर आने के लिए कहा है और कहा है कि भारत बंद के बावजूद राज्य सरकार के सभी कार्यालय अपने समय के अनुसार काम करेंगे और सभी ऑफिस पूरी तरह से खुलेंगे.
बंगाल सरकार इस संबंध में एक ज्ञापन जारी किया है और कहा है कि 28 और 29 मार्च को किसी भी राज्य कर्मचारी को कोई आकस्मिक अवकाश नहीं मिलेगा और न ही किसी को आधे दिन की छुट्टी दी जाएगी.
वहीं इस बंद को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि वह इस हड़ताल में शामिल नहीं होगा. संघ ने कहा कि यह आगामी हड़ताल राजनीति से प्रेरित है और इसका एक मात्र उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना है इसलिए संघ इसमें शामिल नहीं होगा.

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