तीन हजार मानदेय,भोजन माताओं पर ही लदेंगें मशरूम गार्डन

उत्तराखंड में होंगे 6 ईट राइट स्कूल, मूवमेंट में स्थानीय मिलेट्स होंगे मिड डे मील में सम्मिलित,भोजन माताओं को मशरूम गार्डन का भी प्रशिक्षण 
उत्तराखंड में 6 ईट राइट स्कूल विकसित होंगे जहां मंडुआ झंगोरा और स्थानीय भोजन मिड डे मील में शामिल होगा। पोषणयुक्त भोजन को विद्यालयों में मशरूम गार्डन विकसित करने को भोजन मातायें मशरूम उत्पादन में प्रशिक्षित होंगीं। खाली भूमि पर मोटे अनाज की खेती के विस्तार की कार्ययोजना पर भी काम होगा।

देहरादून 04 मार्च 2025। प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में ईट राइट मूवमेंट के अंतर्गत मंडुआ, झंगोरा और स्थानीय भोजन को मिड डे मील में सम्मिलित होगा। प्रारंभ में प्रदेश में छह माडल ईट राइट स्कूल विकसित होंगें। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में शिक्षा विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग को सहकारिता विभाग द्वारा मिलेट्स के रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति की 22वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री पोषण शक्ति (पीएम पोषण) की समीक्षा की। उन्होंने  पोषणयुक्त भोजन को विद्यालयों में मशरूम गार्डन विकसित करने और सभी भोजनमाताओं को तीन चरणों में मशरूम उत्पाद में प्रशिक्षित करने को कहा।
जिलाधिकारियों को उद्यान विभाग से मशरूम के बीजों की व्यवस्था करने और मशरूम उत्पादन को बेस मेटिरियल पिरुल उपयेाग करने को कहा ताकि उत्पादन लागत कम हो।
भोजनमाताओं को मिलेगा मशरूम गार्डन के लिए प्रशिक्षण

मुख्य सचिव रतूडी ने कहा कि प्रशिक्षित भोजनमाताएं मशरूम गार्डन विकसित करने में छात्रों को भी सम्मिलित कर सकेंगी, ताकि वे भविष्य में कृषि उद्यमी बन सकें। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को खाली भूमि पर मोटे अनाज की खेती के विस्तार की कार्ययोजना पर कार्य करने को कहा। ईट राइट मेला आयोजन को भी कहा।
किचन गार्डन के आधार पर ग्रेडिंग प्रणाली
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में क्षतिग्रस्त किचन की मरम्मत मनरेगा, विधायक निधि, वित्त आयोग के अनुदान, जिला योजना अथवा अन्य योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर करायें। सभी जिलों में विद्यालयों में विशेष भोज के आयाेजन एवं किचन गार्डन के आधार पर ग्रेडिंग प्रणाली की सूचना तत्काल भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्रेडिंग प्रणाली को पुनरीक्षित किया जाएगा। मुख्य सचिव रतूडी ने कहा कि पीएम पोषण में भोजन माताओं की व्यक्तिगत स्वच्छता को एसओपी तैयार करने और उसका अनिवार्य पालन कराने के निर्देश दिए।
केंद्र को भेजेंगे ईट राइट स्कूल विकसित करने का प्रस्ताव

बैठक में पीएम पोषण से देहरादून जिले के एक सहायता प्राप्त विद्यालय, हरिद्वार के छह मदरसों एवं ऊधम सिंह नगर के दो मदरसे आच्छादित करने के प्रस्ताव अनुमोदित किये गये। वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) में प्रदेश में छह ईट राइट स्कूल विकसित कर 120 भोजन माताओं को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण को धनराशि उपलब्ध कराने को केंद्र सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करने की अनुमति दी गई। मुख्य सचिव ने छात्रों के लिए सप्ताह में एक पीरियड स्वास्थ्य संबंधित जानकारी को अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए।
विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के निर्देश
चिकित्सकों की कमी देख मुख्य सचिव रतूडी ने विद्यालयों में बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच को सरकारी चिकित्सकों के साथ ही निजी चिकित्सकों, प्रशिक्षु चिकित्सकों, पेरा मेडिकल स्टाफ एवं आयुष चिकित्सकों की सहायता लेने को कहा। बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य अति आवश्यक बताते हुए मुख्य सचिव रतूडी ने प्रत्येक कक्षा के पाठ्यक्रम में इसकी जानकारी सम्मिलित करने को कहा। बैठक में सचिव रविनाथ रमन, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी सहित वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

ध्यान रहे,फ़िलहाल, उत्तराखंड में भोजन माताओं को हर महीने 3,000 रुपये मानदेय मिलता है. इसमें 900 रुपये केंद्र सरकार और 2,100 रुपये राज्य सरकार की ओर से दिए जाते हैं. हालांकि, भोजन माताओं ने मानदेय बढ़ाने की मांग की है.

भोजन माताओं को मानदेय बढ़ाने की मांग:
भोजन माताओं को न्यूनतम 5,000 रुपये मानदेय दिया जाये
भोजन माताओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित किया जाये
भोजन माताओं को सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी और पेंशन दी जाए.
भोजन माताओं को राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा (पीएफ़ईआई) से जोड़ें
भोजन माताओं के नियुक्ति पत्र तुरंत जारी किए जाए.
निजी कारणों से या एनजीओ में मध्याह्न भोजन नहीं दिया जाए.
भोजन माताओं के लिए मानदेय बढ़ाने के लिए प्रस्ताव:
भोजन माताओं से हर महीने 144 रुपये अंशदान लिया जाए या फिर सरकार की ओर से इसे जमा किया जाए.
भोजन माताओं को 60 साल में सेवानिवृत्त होने पर उन्हें 10,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक की धनराशि दी जाए.
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं की तर्ज पर अब भोजन माताओं को भी मिलेगी सम्मान राशि …
25 फ़र॰ 2023 — गौरतलब है कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत् आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के सेवानिवृत्त होने पर महिला कल्याण कोष से 30 हज़ार रुपए की धनराशि दी जाती है, जबकि सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिये मिड-डे मील बनाने वाली भोजन मातायें खाली हाथ घर बैठती हैं.

सात सूत्रीय मांगों को लेकर भोजन माताओं की  रैली
8 जन॰ 2024 —  23 नवंबर 2021 की कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने भोजन माताओं का मानदेय मात्र एक हजार रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया। इसका विरोध करते हुए न्यूनतम 5000 मासिक मानदेय देने, भोजन माताओं के नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मी के रुप में करने की मांग की.

सरकार के अनुसार भोजनमाताओं को हम 1500 रूपए मानदेय दे रहे हैं जो कि दूसरे राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है। हालांकि भोजन माताओं के काम को देखते हुए इसे अधिक नहीं कहा जा सकता.

भोजन माताओं का मानदेय बढ़ाए सरकार
18 नव॰ 2024 —भोजन माताओं ने सरकार से वृद्धि कर भोजन माताओं की 15 हजार प्रतिमाह मानदेय देने, स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने व 12माह पूरा मानदेय देने की मांग की .
20 जुल॰ 2021 — उत्तराखंड सरकार विभिन्न विद्यालयों में तैनात भोजन माताओं का मानदेय बढ़ाने की तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा विभाग को इनका मानदेय पांच हजार रुपये करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के …लंबित मांगों को लेकर भोजन माताओं ने खोला मोर्चा, 27 जून को सचिवालय कूच करने का …
23 जून 2023 — उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भोजन माताओं को 5 हजार रुपए मानदेय दिए जाने की घोषणा की थी, जबकि विधानसभा चुनाव के बाद हाल ही में शिक्षा सचिव ने सरकार को भोजन माताओं के मानदेय को

25 फ़र॰ 2023 — … भोजन माताओं को अभी हर महीने 3000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इसमें 900 रुपए केंद्र सरकार की ओर से एवं 2100 रुपए राज्य सरकार की ओर से दिये जाते है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 3000 रुपए मानदेय

‘वर्षों की सेवाओं के बाद स्कूलों से निकाला जा रहा’…आक्रोशित भोजन माताओं का …
27 जून 2023 — अपनी कई मांगों को लेकर भोजन माताओं का प्रदर्शन. भोजन माताओं का कहना है कि उनसे 4 कर्मचारियों के बराबर काम कराए जाने के बाद मात्र 3000 रुपये मानदेय प्रतिमाह दिया जा रहा है.

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