पुलिस छोड़ बना बाबा एसपी सिंह, 130+ मौतों का कारण भोले बाबा फरार

Up Hathras Satsang Stamped Death Hundred Plus Claim Man Yogi Government Will File Case Against Organisers
हाथरस सत्संग दुर्घटना में 130 लोगों की मौत का दावा! योगी सरकार की आयोजकों पर  एफआईआर
उत्तर प्रदेश की हाथरस सत्संग दुर्घटना में 130 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है। यहां कुछ स्थानीय लोगों ने मृतकों की खुद गिनती करने का दावा किया है। जिलाधिकारी हाथरस आशीष पटेल ने ये आंकड़ा  60 बताया है।

सूरज मौर्य, हाथरस 02 जून 2024 : उत्तर प्रदेश के हाथरस सत्संग दुर्घटना में 130 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है। दुर्घटना बाद अस्पताल के बाहर और अंदर काफी शव रखे देखे गए हैं। ट्रामा सेंटर सिकंदराराऊ के बाहर स्थानीय विनीत कुमार ने दावा किया कि उन्होंने यहां खुद 130 शव गिनें है। इसमें चार बच्चे भी हैं। भीड़ में खड़े लोगों ने दावा किया कि यहां डॉक्टर न होने से भी कई लोगों की जान चली गई है।

जिलाधिकारी हाथरस आशीष पटेल ने बताया कि सत्संग के अंत में ज्यादा उमस से ये दुर्घटना हुई है। अभी सभी घायलों को निकाल कर अस्पताल भेजा जा रहा है। स्थानीय सीएचसी से डॉक्टरों ने बताया है कि 60 लोगों की मौत हुई है। सत्संग की अनुमति एसडीएम ने दी थी। प्राइवेट आयोजन था। सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। आंतरिक व्यवस्था आयोजकों को करनी थी।

पीड़ितों को मुख्यमंत्री सहायता का ऐलान
हाथरस दुर्घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता के निर्देश दिए हैं। साथ ही दो मंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक दुर्घटना स्थल भेजे गये हैं।

Hathras Satsang Stampede: Who Is Bhole Baba Aka Saakar Vishwa Hari Worked In Police Intelligence Department
पूर्व पुलिस कर्मी है साकार विश्व हरि भोले बाबा जिसके सत्संग में मची भगदड़ में हुई 130 से ज्यादा की मौत
हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ ने भीड़ प्रबंधन की चुनौतियां उजागर की है। सीमित लोगों के लिए अनुमति ले कार्यक्रम में हज़ारों लोग शामिल होते हैं, जिससे अव्यवस्था और दुखद परिणाम सामने आते हैं। महामारी में हुए विवादों ने सभाओं में सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने में आने वाली कठिनाईयों रेखांकित की है।

भोले बाबा के सत्संग में भगदड़,पुलिस नौकरी छोड़ प्रवचन शुरू किया
भोले बाबा के सत्संग में भारी भीड़ से प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई
कोरोना समय भी भोले बाबा का सत्संग विवादों में आया था
भोले बाबा और उनकी पत्नी के सत्संग में हजारों लोग आते हैं

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ की दुर्घटना से पूरा प्रदेश स्तब्ध है। दुर्घटना भोले बाबा के सत्संग में तब हुआ जब उनके प्रवचन कार्यक्रम का समापन चल रहा था। आयोजकों ने जितनी भीड़ आने की बात प्रशासन को बताई थी, उससे ज्यादा लोग यहां पहुंचे। समापन में भीड़ से कई लोगों को घुटन हुई, जिससे मची भगदड़ में सैकड़ों लोग बेहोश हो भगदड़ में कुचले गये

कौन हैं भोले बाबा
जिन भोले बाबा के सत्संग में दुर्घटना हुई, वह पहले पुलिस विभाग में था। नौकरी छोड़कर प्रवचन शुरू कर दिया। एटा जिले के पटियाली गांव का है। पुलिस गुप्तचर विभाग में नौकर था। बाद में नौकरी छोड़ भक्त जुटाये। पत्नी के साथ सत्संग करता है और खुद को पटियाली वाले साकार विश्व हरि बाबा बताता है।  सत्संग में हजारों लोग आते हैं।

भोले बाबा के एस्कॉर्ट में शामिल होते हैं पुलिस कर्मी, खाकी उतारकर पहन लेते हैं गुलाबी वर्दी, फिर करते हैं सेवा
भोले बाबा के सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में होती हैं। उनके जाने से पहले ही स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पहुंच जाते हैं। बाबा के बहुत से शिष्य पुलिस में हैं। वे सत्संग के समय पर छुट्टी लेकर आते हैं और बाबा की फ्लीट एस्कॉर्ट करते हैं। यही पुलिसकर्मी आयोजन स्थल पर डी बनाते हैं।

भोले बाबा के एस्कॉर्ट में शामिल होते हैं पुलिस कर्मी, खाकी उतारकर पहन लेते हैं गुलाबी वर्दी, फिर करते हैं सेवा
फ्लीट को एस्कोर्ट करते हैं पुलिस कर्मी।

बाबा के बहुत से शिष्य पुलिस कर्मी हैं।

अनुभवी पुलिसकर्मी ही आयोजन स्थल पर डी बनाते हैं।

हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई। सत्संग के समापन पर मची इस भगदड़ के पीछे कार्यक्रम के व्यवस्थापकों की लापरवाही कारण मानी जा रही है। यहां कथा कहने आए भोले बाबा से जुड़े कई फैक्ट अब सामने आए हैं।
बाबा के सत्संग में सेवा को पुलिसकर्मी भी छुट्टी लेकर पहुंचते हैं। सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं। उनके जाने से पहले ही स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते हैं।

बाबा की फ्लीट को एस्कॉर्ट करते हैं पुलिसकर्मी
कार्यक्रम स्थल के आसपास की सड़कों पर स्वयंसेवक गुलाबी वर्दी पहनकर डंडे लेकर यातायात संचालन को खड़े हो जाते हैं। बाबा के बहुत से शिष्य पुलिस में हैं। वे सत्संग के समय छुट्टी लेकर आते हैं और बाबा की फ्लीट एस्कॉर्ट करते हैं।यही पुलिसकर्मी आयोजन स्थल पर डी बनाते हैं। पानी पिलाने से लेकर मंच और पंडाल की व्यवस्थाएं भी स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं।

भोले बाबा का असली नाम  है एसपी सिंह?
हाथरस में जिस बाबा के सत्संग में भगदड़ मची, वह यूपी के जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर निवासी हैं। इनका मूल नाम एसपी सिंह है। अपना नाम साकार विश्व हरि भोले बाबा रखा हुआ है।अनुयायी इन्हें भोले बाबा नाम से  पुकारते हैं।

सत्संग को छोड़ी नौकरी
अध्यात्म और उपदेश के शौक ने एसपी सिंह को भोले बाबा बना दिया। एसपी सिंह पहले पुलिस विभाग में एसआई के पद पर तैनात थे। नौकरी के दौरान ही एसपी सिंह ने उपदेश देना शुरू किया और 17 वर्ष पहले नौकरी छोड़कर पूरी तरीके से अध्यात्म की दुनिया में कदम रखा।  हाथरस दुर्घटना के बाद बाबा भाग गया।

कोरोना के समय भी भोले बाबा का सत्संग कार्यक्रम विवादों में आया था। तब उसने सत्संग को सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी लेकिन बाद में 50 हजार से ज्यादा लोग सत्संग में आए। भारी भीड़ के चलते प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई थी। इस बार भी कहा जा रहा है कि कार्यक्रम में जितने लोगों के शामिल होने की बात प्रशासन को बताई थी, उससे ज्यादा लोग जुट गए थे।

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