बड़ा वनवासी चेहरा, विष्णु देव साय होंगें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
Chhattisgarh Raipur Arun Sao And Vijay Sharma Deputy Chief Ministers Of Chhattisagrh Raman Singh Assembly Speaker
विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री तो दो नेता बनेंगे उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को मिली बड़ी जिम्मेदारी
रायपुर 10 दिसंबर। विष्णुदेव साय को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। विष्णु देव साय जल्द ही राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही अरुण साव और विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाएगा।
मुख्य बिंदु
रमन सिंह बनेंगें विधानसभा अध्यक्ष
विष्णु देव साय राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे
राज्य में बनेंगे दो उपमुख्यमंत्री
पहली बार विधायक बने हैं अरुण साव
रायपुर 10 दिसंबर: छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगें। रविवार को उन्हें विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। विधायक दल का नेता बनने के बाद साय ने राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्य में दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं। अरुण साव और विजय शर्मा को राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। विजय शर्मा को उप मुख्यमंत्री की कुर्सी देकर भाजपा ने ब्राह्मण वोटर्स को साधा है। वहीं, अरुण साव अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। साव बिलासपुर से लोकसभा सांसद थे और पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े हैं।
विष्णुदेव साय की छवि छत्तीसगढ़ में बेदाग है। साय, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी माने जाते हैं। साय छत्तीसगढ़ भाजपा के दो बार प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा वो सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।
रमन सिंह होंगे विधानसभा अध्यक्ष
रमन सिंह को राज्य विधानसभा का अध्यक्ष बनाया जाएगा। रमन सिंह, 15 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। रमन सिंह इस बार राजनांदगांव से विधानसभा का चुनाव जीते हैं। वहीं, विजय शर्मा ने कवर्धा विधानसभा सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता मोहम्मद अकबर को चुनाव में हराया है। मोहम्मद अकबर, भूपेश बघेल सरकार में मंत्री थे।
ओबीसी-वनवासी पर फोकस
छत्तीसगढ़ में भाजपा वनवासी और ओबीसी वोटर्स को साधने के लिए के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का दांव चली है। वनवासी मुख्यमंत्री के नाम पर विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह का नाम था लेकिन विष्णुदेव साय के नाम पर ही हाई कमान की सहमति बनी थी। वहीं, माना जा रहा है कि इस बार छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में कई सीनियर नेताओं के साथ-साथ नए चेहरों को भी जिम्मेदारी मिल सकती है।
बड़ा वनवासी चेहरा, 4 बार के सांसद और केंद्र में रहे मंत्री… जानें- कौन हैं विष्णुदेव साय जिन्हें मिली छत्तीसगढ़ की कमान
विष्णुदेव साय रायगढ़ से 4 बार (1999-2014) सांसद चुने गए. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय ने केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया. साय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से आते हैं. राज्य में वनवासी समुदाय की जनसंख्या सबसे अधिक है. विष्णुदेव इसी समुदाय से हैं।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम पर 3 दिसंबर से जारी सस्पेंस आज खत्म हो गया.भाजपा ने राज्य में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी है.पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगाई है.बताया जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने विष्णुदेव साय के नाम पर सहमति जताई.खुद रमन सिंह ने भी साय का खुलकर समर्थन किया.विष्णुदेव साय प्रदेश की राजनीति में बड़ा वनवासी चेहरा हैं.वह कुनकुरी से विधायक हैं.साय रायगढ़ से सांसद भी रह चुके हैं.
विष्णुदेव साय रायगढ़ से 4 बार (1999-2014) सांसद चुने गए.नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय ने केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें भाजपा ने मैदान में नहीं उतारा था,क्योंकि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव हारने के बाद अपने किसी भी मौजूदा सांसद को नहीं दोहराने का फैसला किया था.इसके साथ ही विष्णुदेव साय प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष भी हैं.जून 2020 में भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था.वह अगस्त 2022 तक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद पर रहे.
कुनकुरी से विधायक हैं साय
विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से आते हैं. राज्य में वनवासी समुदाय की जनसंख्या सबसे अधिक है. विष्णुदेव इसी समुदाय से हैं.अजित जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में इस समुदाय से कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं बन सका था. भाजपा इस बार वनवासी समुदाय से आने वाले साय के ज़रिये पूरे देश में मैसेज दे रही है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं. अब उस पर क्लीन स्वीप कराने की ज़िम्मेदारी साय की होगी. 2019 में भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 9 सीटों पर जीत हासिल की थी.
1980 में ज्वाइन की थी भाजपा
विष्णुदेव साय 1980 में भाजपा में शामिल हुए थे. पार्टी को मजबूत करने के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ में जमीनी स्तर पर काम किया. इतना ही नहीं, राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिए उन्होंने कई बार महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है. वह 2 बार विधायक भी रह चुके हैं.
मुख्यमंत्री बनने के बाद विष्णुदेव साय का पहला रिएक्शन
मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के बाद विष्णुदेव साय की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर मैं अपनी सरकार से प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पूरा करने की कोशिश करूंगा.आवास योजना के हितग्राहियों को 18 लाख आवास स्वीकृत करना नई छत्तीसगढ़ सरकार का पहला कार्य होगा.
सरपंच के रूप में शुरू हुआ राजनीतिक सफर
बता दें कि विष्णुदेव साय ने अपना राजनीतिक करियर एक गांव के सरपंच के रूप में शुरू किया.इसके बाद उन्होंने महत्वपूर्ण संगठनात्मक भूमिकाएं निभाईं.साथ ही केंद्रीय मंत्री और कई बार लोकसभा सांसद बने.अपने परिवार की समृद्ध राजनीतिक विरासत और केंद्रीय मंत्री रहते हुए महत्वपूर्ण विभागों को संभालने के बावजूद 59 वर्षीय वनवासी नेता विष्णुदेव साय अपनी विनम्रता, जमीन से जुड़े स्वभाव, काम के प्रति समर्पण और लक्ष्य प्राप्ति करने के दृढ़ संकल्प को जाने जाते हैं.
राजनीति से रहा है पुराना रिश्ता
सरपंच के रूप में राजनीतिक करियर शुरू करने वाले साय तेजी से आगे बढ़े और 2014 में केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली मंत्रिपरिषद के सदस्य बने. हालांकि वह वनवासी बहुल जशपुर जिले के एक छोटे से गांव बगिया में स्थित एक किसान परिवार से हैं, लेकिन राजनीति उनके खून में है.
उनके दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक विधायक रहे थे. उनके ताऊ स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय जनसंघ के सदस्य थे और 2 बार विधायक ( 1962-67 और 1972-77) रहे. जबकि एक बार सांसद (1977-79) के रूप में चुने गए और जनता पार्टी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. उनके पिता स्वर्गीय केदारनाथ साई के एक और बड़े भाई भी जनसंघ के सदस्य थे और तपकारा से विधायक (1967-72) रहे थे.
Vishnu Deo Sai Had To Reportedly Sell A Part Of His Property To Contest The Assembly Poll
चुनाव लड़ने को बेच दी थी प्रॉपर्टी, 66 लाख के ऋणी हैं छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
वनवासी नेता विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। सादगी को जाने जाने वाले साय ने 1990 में विधायक का चुनाव लड़ने को कुछ प्रॉपर्टी बेच दी थी। हाल में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा 90 में से 54 सीटें जीतने में सफल रहीं। साय कुनकरी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। किसान परिवार से संबंधित 59 वर्षीय विष्णु देव साय अपनी सादगी को भी जाने जाते हैं। वह रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। आइए जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री की नेटवर्थ कितनी है।
एडीआर के मुताबिक विष्णु देव साय की आय 20.3 लाख रुपये है। उनकी नेटवर्थ 3.8 करोड़ रुपये और उन पर 65.8 लाख रुपये की देनदारी है। साय के पास 1.3 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 2.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगिया गांव में एक किसान परिवार में जन्मे साय ने 1990 में अपने गांव से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वह तब निर्विरोध सरपंच चुने गए थे। बताते हैं,1990 में तत्कालीन मध्य प्रदेश की तपकरा सीट से विधायक का चुनाव लड़ने को उन्होंने अपनी कुछ प्रॉपर्टी बेच दी थी।
वनवासियों में प्रभाव
लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह अविभाजित मध्य प्रदेश में दो बार विधायक रहे और छत्तीसगढ़ के आदिवासियों में उनका अच्छा प्रभाव माना जाता है। राज्य की कुल जनसंख्या में 32 प्रतिशत वनवासी हैं और भाजपा को वापस सत्ता में लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। भाजपा ने राज्य की 29 वनवासी सीटों में से 17 पर जीत दर्ज की। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इस्पात राज्य मंत्री रहे और 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष भी रहे।