पीएम से बड़े आवास में अकेली रहती सोनिया बेघर?

52 साल से हमारे पास घर नहीं… राहुल गाँधी की बात पर सोनिया ने फेरे रखा मुँह: PM आवास से बड़ा है 10 जनपथ, रेंट मात्र ₹4610
राहुल गाँधी के बयान का फिर उड़ा मजाक
रायपुर 26 फरवरी।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कॉन्ग्रेस के 85वें अधिवेशन के आखिरी दिन राहुल गाँधी ने अपना भाषण दिया। इस भाषण में उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का तो जिक्र किया ही लेकिन साथ में वह 1977 के एक अनुभव के बारे में भी बोलते दिखे। उन्होंने बताया कि 52 साल हो गए हैं उनके पास अपना घर नहीं है। अब उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। वहीं वीडियो में देख सकते हैं कि राहुल के बोलते वक्त सामने बैठी सोनिया गाँधी भी इधर-उधर देख रही हैं।

समाचार एजेंसी द्वारा शेयर की गई वीडियो में राहुल गाँधी कहते हैं, “मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने माँ से पूछा मम्मी क्या हुआ। माँ ने कहा हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने माँ से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार माँ ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकार का घर है। अब हमें यहाँ से जाना है। मैंने पूछा कहाँ जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहाँ जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है। आज तक नहीं है।”

राहुल के इस बयान के बाद जहाँ कुछ लोग उनसे सवाल कर रहे हैं तो कुछ लोग उनका मजाक भी उड़ा रहे हैं। सवाल उनसे हो रहा है कि अगर घर नहीं है तो अब तक कहाँ रह रहे हैं और मजाक ये कहकर उड़ाया जा रहा है कि राहुल को प्रधानमंत्री आवाज योजना में एक मकान अपने ले लिए लेना चाहिए। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि अगर उनके पास 52 साल से अपना घर नहीं है तो फिर इटली में क्या है।

बता दें कि राहुल गाँधी के इस बयान का मजाक इसलिए भी उड़ रहा है क्योंकि सोनिया गाँधी को सरकार से मिला हुआ 10 जनपथ बंगला पिछले साल ही चर्चा में आया था। खबरें आई थीं कि सोनिया का 10 जनपथ बंगला केवल देश के अन्य नेताओं के बंगलों के मुकाबले सबसे बड़ा नहीं है बल्कि ये प्रधानमंत्री निवास से भी बड़ा है। सेंट्रल पब्लिक डिपार्टमेंट के मुताबिक प्रधानमंत्री निवास का एरिया 14,101 वर्ग मीटर है जबकि सोनिया गाँधी को मिला बंगला 15,181 वर्ग मीटर में फैला है जिसकी कीमत केवल सोनिया गाँधी के लिए 4, 610 रुपए प्रतिमाह है जबकि मार्केट वैल्यू के हिसाब से इसका किराया 20 लाख तक हो सकता है।

पिछले साल पता चला था कि 10 जनपथ का सोनिया गाँधी ने 18 महीने से नहीं दिया भाड़ा: RTI से खुलासा, कॉन्ग्रेस के कब्जे वाली अन्य कोठियों का भी 10 साल से किराया बाकी

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी , प्रियंका और राहुल गाँधी (फाइल फोटो)

विधानसभा चुनावों के बीच कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी द्वारा अपने लुटियन स्थित बंगलो का लम्बे समय से किराया न देने का मामला सामने आया है। एक RTI के अनुसार यह खुलासा हुआ है कि गाँधी परिवार दिल्ली के अपने तीन आवंटित बंगलो का किराया काफी समय से नहीं दिया है।

 

 

 

ये तीन बंगले हैं- 26 अकबर रोड, 10 जनपथ और चाणक्यपुरी में। बता दें कि 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी वाले बंगले में कॉन्ग्रेस ने ऑफिस बना रखा है वहीं 10 जनपथ सोनिया गाँधी का घर है। गुजरात के सुजीत पटेल के 7 फरवरी 2022 को दिए गए RTI के जवाब में शहरी हाउसिंग मंत्रालय ने बकाया किराए के बारे में सूचना दी है। 26 अकबर रोड के बंगले का जहाँ दिसंबर 2012 के बाद से 1269902 रुपया किराया बाकी है वहीं चाणक्यपुरी के बंगले का किराया अगस्त 2013 के बाद से बाकी है, जिसकी सरकारी राशि 507911 रूपया है। वहीं सोनिया गाँधी के आधिकारिक निवास 10 जनपथ का भी सितम्बर 2020 के बाद से किराया नहीं दिया गया है।

बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने तंज करते हुए ट्वीट किया, “एंटोनिया माइनो उर्फ ​​सोनिया गाँधी प्रवासी श्रमिकों के टिकट के भुगतान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही थीं। कम से कम पहले अपने मकान का किराया तो चुकाया होता, जो डेढ़ साल से बकाया है।”

 

 

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को आवंटित घर देश के अन्य नेताओं के मुकाबले सबसे बड़ा घर है। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री निवास 7 रेस कोर्स से भी बड़ा है। सेंट्रल पब्लिक डिपार्टमेंट के अनुसार प्रधानमंत्री निवास 14,101 वर्ग मीटर में बना है वहीं सोनिया गाँधी का निवास 15,181 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला है जो 7RCR के मुकाबले काफी बड़ा है।

राजधानी दिल्ली में कॉन्ग्रेस ने अपने कब्जे में कई बंगलो को ले रखा था। जिसे खाली कराने के लिए मोदी सरकार में कई नोटिस भेजे गए थे। निवास स्थान के अलावा कॉन्ग्रेस के कब्जे में जो तीन अन्य बंगले 5 रायसीना रोड, 26 अकबर रोड और सी-2/109 चाणक्यपुरी हैं। इनमें से रायसीना रोड वाला बंगला यूथ कॉन्ग्रेस के पास है, जबकि 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी वाला बंगला पार्टी के कामकाज के लिए इस्तेमाल होता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक पुराने RTI के हवाले से बताया गया है कि शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने इनका आवंटन 26 जून, 2013 को रद्द कर दिया गया था। बता दें कि कॉन्ग्रेस को दिल्ली में अपना कार्यालय भवन बनाने के लिए 2010 में जमीन दी गई थी।

गौरतलब है कि जमीन आवंटन के तीन साल के अंदर कॉन्ग्रेस को भवन का निर्माण करवा लेना था और चार बंगलों को 2013 तक खाली कर देना था। आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी ने तीन साल का अतिरिक्त समय देने का निवेदन किया था। जिसके बाद 2017 में भी कॉन्ग्रेस को नोटिस भेजा गया था। फिलहाल अभी भी ये बंगले कॉन्ग्रेस के कब्जे में है और इनका किराया मार्किट रेट से बहुत कम होने के बाद भी कॉन्ग्रेस ने लम्बे समय से चुकता नहीं किया है। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस घिर गई है।

किराए के कर्ज में डूबी कांग्रेस पर 10 साल में 3 प्रॉपर्टीज का 19 करोड़ किराया बाकी

कांग्रेस पार्टी लगभग 19 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी है। ये कर्ज कांग्रेस को आवंटित 3 प्रॉपर्टीज के किराए का है। एक RTI में खुलासा हुआ है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी ने 26 अकबर रोड (सेवा दल) बंगले का दिसंबर 2012 से, 10 जनपथ का सितंबर 2020 से और सी-II/109 चाणक्यपुरी का अगस्त 2013 से किराया नहीं चुकाया है। यह RTI गुजरात के मिठापुर के सुजीत पटेल ने लगाई थी, जो विभाग के पास 3 जनवरी 2022 को पहुंची थी।

कांग्रेस पार्टी को दी गई तीनों प्रॉपर्टीज से जुड़ी RTI की कॉपी।

किसका कितना किराया बाकी

चाणक्यपुरी का बंगला नंबर 2-II/109 ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को 23 फरवरी 1985 को अलॉट किया गया था। इसे कांग्रेस को पार्टी ऑफिस के लिए इस्तेमाल करना था। रायसीना रोड का बंगला यूथ कांग्रेस के पास है, जबकि 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी वाला बंगला पार्टी के कामकाज के लिए इस्तेमाल होता है। 26 अकबर रोड के बंगले का किराया 12,69,902 रुपए, चाणक्यपुरी के बंगले का किराया 5,07,911 रुपए और 10 जनपथ का किराया 4610 रुपए बाकी है।

सोशल मीडिया पर ये आरटीआई की रिपोर्ट वायरल हो रही है।

9 साल पहले आवंटन रद्द, 2013 में खाली करने थे बंगले

एक पुरानी RTI के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने इनका आवंटन 26 जून 2013 को रद्द कर दिया था। कांग्रेस को दिल्ली में ऑफिस बिल्डिंग बनाने के लिए 2010 में जमीन दी गई थी। जमीन आवंटन के तीन साल के अंदर कांग्रेस को बिल्डिंग बनवा लेनी थी और चार बंगले 2013 में खाली कर देने थे। कांग्रेस कमेटी ने इन बंगलों में रहने को तीन साल का एक्स्ट्रा टाइम देने का निवेदन किया था।

2017 में दोबारा कांग्रेस को नोटिस भेजा गया था। बंगलों को खाली कराने को मोदी सरकार ने कई नोटिस भेजे थे। अभी भी ये बंगले कांग्रेस के पास हैं। इनका किराया मार्केट रेट से बेहद कम होने के बावजूद कांग्रेस इसे चुका नहीं पाई है।

मुंबई से भाजपा के डिजिटल मार्केटिंग कंसल्टेंट सुरेश नखुआ ने सोशल मीडिया पर RTI की कॉपी शेयर करते हुए लिखा-एंटोनिया माइनो उर्फ सोनिया गांधी ने प्रवासी श्रमिकों के टिकट के भुगतान के लिए तो बड़ी-बड़ी बातें की थीं। कम से कम मकान का किराया चुका दिया होता, जो डेढ़ साल से बकाया है।

इस तरह निकाला कांग्रेस का कुल कर्ज

गुणवंत रूपारेलिया नाम के व्यक्ति ने इस पूरे किराए का गणित निकाला है जिसके अनुसार 26 अकबर रोड का 110 महीने का किराया 12,69,902 प्रति माह के हिसाब से करीब 13,96,89,220 रुपए है। 10 जनपथ का 17 महीने का किराया 4610 रुपए प्रति माह के हिसाब से 78,370 रुपए और चाणक्यपुरी के बंगले का 102 महीने का किराया 5,07,911 रुपए प्रति माह के हिसाब से कुल 5,18,06,922 रुपए बनता है। यानी कुल कर्ज 19 करोड़ से ज्यादा है।

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