बिहार आर्थिक सर्वे भी प्रकाशित,गरीबी सबसे कम कायस्थों में, 25.9%सवर्ण गरीबी रेखा से नीचे
Bihar Caste Census Economic Survey Report Presented Bihar Assembly Nitish Kumar Government
Bihar Caste Census Economic Survey Full Report: बिहार के 25 प्रतिशत ब्राह्मण-भूमिहार गरीब, जानिए अन्य जातियों का क्या हाल है?
बिहार विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, दिन में 12 बजे सरकार ने जातीय सर्वे को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी कर दिया। ओबीसी कैटिगरी के 33.16 प्रतिशत परिवार गरीब हैं। कायस्थ को सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी मिली है। जानिए आर्थिक सर्वे रिपोर्ट की बड़ी बातें।
मुख्य बिंदु
कास्ट सर्वे के बाद बिहार सरकार ने जारी आर्थिक सर्वे रिपोर्ट
सवर्णों में 25.9% परिवार गरीब,कायस्थ को सबसे ज्यादा नौकरी
25.3 प्रतिशत ब्राह्मण , 25.32 प्रतिशत भूमिहार गरीबी रेखा के नीचे
विधानसभा में हंगामे के बीच नीतीश सरकार ने पेश की सर्वे रिपोर्ट
पटना 07 नवंबर: बिहार की जातीय जनगणना के साथ आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे भी पेश कर दिया गया है। मंगलवार को सरकार ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट विधान सभा में रखी। इस रिपोर्ट में बिहार में अमीर-गरीब का आंकड़ा भी सामने आया है। जातीय सर्वे में यह सामने आया कि राज्य में गरीबी सभी जातियों में है। सवर्णों में 25.9 प्रतिशत परिवार गरीब हैं, उनमें भूमिहार और ब्राह्मण की संख्या ज्यादा है। 25.3 प्रतिशत ब्राह्मण और 25.32 % भूमिहार आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रही है। बिहार के 24.89 % राजपूत और 13.83 प्रतिशत कायस्थ परिवार गरीब है।
बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। सत्र के शुरू होते ही सदन के पटल पर जाति आधारिक गणना की आर्थिक रिपोर्ट पेश कर दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार में पिछड़ा वर्ग में 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अति पिछड़ा वर्ग में 33.58%, अनुसूचित जाति वर्ग (एससी) में 42.93% और अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) में 42.7% गरीब परिवार हैं। सामान्य वर्ग में भूमिहार सबसे ज्यादा 25.32% परिवार, ब्राह्मण में 25.3% परिवार, राजपूत में 24.89% परिवार, कायस्थ में 13.83% परिवार, शेख 25.84% परिवार, पठान (खान ) 22.20% परिवार और सैयद 17.61% परिवार गरीब हैं।
जानिए, बिहार पिछड़ा वर्ग के जातियों की आर्थिक स्थिति
इधर, भट्ट में 23.68% परिवार, गोस्वामी में 30.68% परिवार, कुशवाहा में 34.32% परिवार, यादव 35.87% परिवार, कुर्मी में 29.90% परिवार, घटवार में 44.17 % परिवार, सोनार में 26.58% परिवार, मल्लाह में 32.99% परिवार, बनिया में 24.62% परिवार, मल्लिक, मुस्लिम में 17.26% परिवार, सूर्यापुरी मुस्लिम में 29.33%, ईसाई (अन्य पिछड़ी जाति) में 15 .79% परिवार, ईसाई धर्ममलम्बी हरिजन 29 .12% परिवार और किन्नर में 25.73% परिवार गरीब हैं।
जानिए, बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग जातियों की आर्थिक स्थिति
तेली में 29.87% परिवार, मल्लाह में 34. 56 फीसदी परिवार, कानू में 32.99% परिवार, धानुक में 34.75% परिवार, नोनिया में 35 .88% परिवार, चंद्रवंशी में 34.08% परिवार, नाई में 38 .37% परिवार, बढ़ई में 27 .71% परिवार, प्रजापति में 33.39% परिवार, पाल में 33.20% परिवार गरीब हैं।
मात्र 7% आबादी के पास ग्रेजुएट की शिक्षा
बिहार की 22.67% आबादी के पास कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा है। 14.33% आबादी के पास कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा है। 14.71% आबादी के पास और कक्षा 9 से 10 तक की शिक्षा है। वहीं 9.19% आबादी के पास कक्षा 11 से 12 तक की शिक्षा है। वहीं 7% से ज्यादा आबादी के पास ग्रेजुएट की शिक्षा है।
10 से 20 हजार मासिक आय वाली जनसंख्या 19%
वहीं सामान्य वर्ग में 10 से 20 हजार मासिक आय 19% आबादी है। 20 से 50 हजार मासिक आय 16% आबादी है। 50 हजार से ज्यादा मासिक आय वाले 9% हैं। छह हजार मासिक आय वाले 25% हैं।
भाजपा ने वेल में आकर किया हंगामा
पांच दिवसीय सत्र के दूसरे दिन सदन शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। वे आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर डिबेट करने और प्रखंड स्तर तक डिटेल्स प्रकाशित करने के लिए हंगामा कर रहे थे। भाजपा विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने समझाने की कोशिश लेकिन भाजपा विधायक न माने। कुर्सी और टेबल भी उठाने की कोशिश करने लगे। हालांकि, मार्शल ने ऐसा करने से रोक दिया। हंगामा देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक को स्थगित कर दी।
ओबीसी कैटेगरी के 33.16 % परिवार गरीब
ओबीसी कैटिगरी के 33.16 प्रतिशत परिवार गरीब है। जातीय जनगणना के मुताबिक, बिहार में ओबीसी की आबादी 27 प्रतिशत है। अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी के 33.58 परिवार गरीब हैं। अति पिछड़ा वर्ग ऐसी कैटिगरी है, जिनके पास खेती योग्य जमीन नहीं है। अनुसूचित जातियों में 42.70 प्रतिशत परिवार गरीब है। अन्य जातियों में 23.72 प्रतिशत परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं।
शैक्षणिक सर्वे रिपोर्ट की बड़ी बातें
बिहार में कास्ट सर्वे के बाद शैक्षणिक सर्वे रिपोर्ट भी सरकार ने विधानसभा में पेश कर दी। इसमें 22.67 % जनसंख्या ने कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा हासिल की है। 14.33 % आबादी ने कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा हासिल की। 14.71 % आबादी कक्षा 9 से 10 तक की पढ़ाई की है। 9.19 % आबादी कक्षा 11 से 12 तक पढ़ाई की है। ग्रेजुएशन सिर्फ 7 % आबादी ने की है।
हंगामे के बीच पेश की गई रिपोर्ट
नीतीश सरकार ने जातीय आर्थिक सर्वे रिपोर्ट विधानसभा में पेश की है। इसमें जातियों की आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। पहले से तय माना जा रहा था कि नीतीश कुमार सरकार ने जातीय आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करेगी। मंगलवार को सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही हंगामा होने लगा। सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई । फिर 12 बजे हंगामे के बीच सरकार ने जातीय जनगणना के बाद आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट स्थिति की जानकारी दी है।