बिल पर्ची से इस्लाम का प्रचार करने वाले सालिम पर मुकदमा,माफी मांगी
‘इस्लाम द ओनली सॉल्यूशन’ छपी बिल से सालिम कर रहा था मजहबी प्रचार, FIR के बाद यूपी पुलिस ने की पूछताछ
बिल के जरिए इस्लाम का प्रचार करने वाला कारोबारी सालिम
कानपुुर 21अक्तूबर । उत्तर प्रदेश के कानपुर में इस्लाम का प्रचार करने के लिए बिल की पर्ची का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये खुलासा होने के बाद पुलिस अब बिल जारी करने वाली दुकान के मालिक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को तेजी से शेयर किया जा रहा है। इस पर ‘Islam Is The Only Solution’, अर्थात इस्लाम ही एकमात्र समाधान लिखा है।
इस मामले में ताजा जानकारी के मुताबिक पुलिस ने मेस्टन रोड में स्थित कारोबारी मोहम्मद सालिम को हिरासत में ले लिया है और उसके विरुद्ध धारा 505 (2) में केस दर्ज किया है। सालिम ‘हसीन एन्ड कंपनी इंडिया’ का है, जो कानपुर में गाय, भैंस और बकरी की चमड़ी दुकानदारों को सप्लाई करता है। इस कंपनी में 5-10 कर्मचारी हैं। ये ड्राई रबर कंटेन्ट और गाय, भैंस व बकरे की कच्ची चमड़ी व इससे बने लेदर की डिलीवरी करता है। कानपुर में इस तरह का मामला सामने आने के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। मजे की बात यह है कि सालिम ने बिल पर्ची पर उसके संस्थान का नाम नहीं है। उसकी जगह ‘इस्लाम आज द ओनली सोल्यूशन’ और मोबाइल नंबर ही छपाया गया है।
कारोबारी से पूछताछ में पता चला है कि बिल बनाने के लिए उसके अब्बू 10 साल पहले एक मशीन लाए थे। व्यापार में बरकत के लिए उसने इस्लाम द ओनली सॉल्यूशन लिखवाया। तीन साल पहले उसके अब्बू की मृत्यु हो गई थी। सालिम ने इस मामले में लिखित माफीनामा देते हुए कहा कि उसका इरादा किसी को आहत करने का नहीं था।
रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि इंटरनेट मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आया था। पुलिस ने दुकान वाले की पहचान की और उसे पूछताछ के लिए तलब किया गया। उससे पूछताछ हुई। जो भी जानकारी पता चली उसके आधार पर जाँच करके कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि व्यापारी के खिलाफ आईपीसी धारा 505 (2) में रिपोर्ट दर्ज की गई है। धारा में मामले में 3 साल की सजा और जुर्माना है।
बता दें कि सालिम से पुलिस मुख्यालय के साथ ही प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों ने पूछताछ की। बाद में आईबी व एटीएस ने भी उससे सवाल किए। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उसे लंबी पूछताछ के बाद नोटिस दिया गया है और अभी के लिए उसे छोड़ दिया गया है।
याद रहे, कानपुर लव जिहाद के सैकड़ों मामलों के बाद हाल में आईएएस इफ्तखारूद्दीन के मंडलायुक्त रहते इस्लाम का प्रचार करने के कारण चर्चा में रहा है।