कोटद्वार बवाल 2015 में भाजपाध्यक्ष,पूर्व अध्यक्ष समेत 27 आरोपित दोषमुक्त
All 27 accused including former and current district president of BJP acquitted in riot case
कोटद्वार 2015 बवाल : भाजपा के पूर्व व वर्तमान जिलाध्यक्ष समेत सभी 27 आरोपित दोषमुक्त
कोटद्वार 25 मार्च 3025। सितंबर 2015 में कोटद्वार के प्रजापति नगर व लकड़ी पड़ाव में किसी बात को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए थे। तब एक पक्ष ने प्रजापतिनगर के लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
सितंबर 2015 में कोटद्वार शहर में हुए बवाल के सभी 27 आरोपितों को एसीजेएम मनोज द्विवेदी की अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है। भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष राजगौरव नौटियाल व
पूर्व जिलाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह रावत भी शामिल हैं। अदालत का यह फैसला करीब 10 साल बाद आया है। जिससे हिंदू संगठनों और भाजपा के पदाधिकारियों ने राहत की सांस ली है।
सितंबर 2015 में कोटद्वार के प्रजापति नगर व लकड़ी पड़ाव में किसी बात को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए थे। तब एक पक्ष ने प्रजापतिनगर के लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घटना के बाद कोटद्वार में कई दिनों तक तनाव रहा। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने व त्वरित कार्रवाई की मांग को लेकर हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं ने कोतवाली समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन कर बाजार बंद कराया था। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी।
तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस उपनिरीक्षक विजय सिंह ने इस मामले में एक युवक मोहित कुकरेती को पकड 150 से 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा लिखा था। मामले में जनता का दबाव बढ़ने पर तत्कालीन सरकार ने मुकदमा वापस लेने की सिफारिश की थी, लेकिन अदालत ने इसे वादी की इच्छा पर छोड़ दिया। वादी अधिकारी की ओर से मुकदमा वापस न लिए जाने पर पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की। जिसमें भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष राजगौरव नौटियाल व पूर्व अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह रावत समेत 27 के खिलाफ 10 साल तक कोर्ट में मुकदमा चला। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद वर्मा व बृजमोहन चौहान ने बताया कि अदालत ने इस मुकदमे में कई खामियां पाई। गवाहों के बयानों में विरोधाभास और साक्ष्यों के अभाव में मंगलवार को कोर्ट ने सभी 27 लोगों को दोषमुक्त कर दिया।
वर्ष 2015 में कई दिनों तक चला धरना प्रदर्शन, बना रहा तनाव
लकड़ी पड़ाव व प्रजापति नगर आपस से सटे इलाके हैं। जहां मुसलमानों की घनी आबादी है। प्रजापति नगर में हुए टकराव की घटना में एक वर्ग से जुडे़ कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। जिनका देहरादून में उपचार चला। इस घटना के बाद कोटद्वार में हुए बवाल ने पूरे राज्य के पुलिस प्रशासन का ध्यान खींचा और कई दिनों तक भारी पुलिस फोर्स तैनात रही। कोटद्वार में सांप्रदायिक संवेदनशीलता को देखते हुए वर्ष 2016 में शासन ने पौड़ी जिले में अपर पुलिस अधीक्षक का पद सृजित करते हुए उनका मुख्यालय कोटद्वार कर दिया।
कोटद्वार की सड़को पर होता रहा बवाल, उपद्रवियों ने की तोड़फोड
उत्तराखंड के कोटद्वार में मंगलवार के दिन कोटद्वार की सड़कों पर जमकर बावल हुआ. लकड़ी पड़ाव में दो पक्षों में हुई मारपीट के बाद माहौल इतना बिगड़ गया कि पूरे कोटद्वार शहर हिंसा की आग से जल उठा.
कोटद्वार की सड़को पर होता रहा बवाल, उपद्रवियों की तोड़ फोड़
उत्तराखंड के कोटद्वार में मंगलवार के दिन कोटद्वार की सड़कों पर जमकर बावल हुआ. लकड़ी पड़ाव में दो पक्षों में हुई मारपीट के बाद माहौल इतना बिगड़ गया कि पूरे कोटद्वार शहर हिंसा की आग से जल उठा.
उपद्रवियों ने शहर के बीचों बीच झंडा चौक के पास लगा लगाने के साथ ही गोखले मार्ग में जमकर तोड़ फोड़ करते हुऐ वहां फर्निचर और सब्जियों की दुकानों का सामान सड़को पर फेंक दिया.
शहर में दिन भर मचे बावल को काबू से बाहर होते देख पौड़ी जिले के अधिकतर थानों और चौकियों से फोर्स बुलाने के साथ ही हरिद्धार जनपद से भी पुलिस फोर्स बुलाना पड़ा.
स्थिति काबू से बाहर न हो जाय इसके लिए 5 प्लाटून पीएससी भी शहर में तैनात की गई . शहर में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए शरारती तत्वों की धरपकड़ का काम भी पुलिस ने किया .
शाम को स्थिति का जायजा लेने कोटद्वार पहुंचे तत्कालीन डीआईजी संजय गुंजयाल ने बताया कि शहर में उपद्रवियों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया और शहर के हर गली मौहल्ले में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने को भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया.
शहर में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए भीड़ नियंत्रण बल भी शहर में तैनात कर दिया गया.