उप्र में भाजपा के 54 प्रत्याशी तय,छह सीटें सहयोगियों को
Lucknow PoliticsBjp To Field Ministers Mla Rajyasabha Mp In Loksabha 2024 Candidates Finalise On Lost Seats Also
UP के मंत्रियों, विधायकों, राज्यसभा सांसदों को भी चुनाव लड़ाने की तैयारी में BJP? कैंडिडेट के नाम पर लगी मुहर
Loksabha Chunav 2024: भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के सहयोगियों के लिए 6 सीटें देने का फैसला किया है। इसमें दल (एस), रालोद और सुभासपा को भी सीटें मिलेंगी। उत्तर प्रदेश में चुनाव समिति ने 52 सीटों पर उम्मीदवार तय किए हैं।
लखनऊ 01 मार्च: भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के सहयोगियों के लिए छह सीटें देने का फैसला किया है। इन सीटों में दो अपना दल (एस) , दो रालोद और एक-एक सीट सुभासपा को देने पर सहमति बन गई है। गुरुवार को देर रात तक दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के लिए 52 सीटों पर उम्मीदवार तय किए गए। इन उम्मीदवारों में 14 हारी हुई सीटों के उम्मीदवारों के साथ हाई प्रोफाइल सीटों के प्रत्याशी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, आगरा से केंद्रीय मंत्री डाक्टर एसपी सिंह बघेल का नाम पहली सूची में शामिल हो सकता है। यह सूची चुनाव की घोषणा से पहले ही जारी कर दी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक सहयोगी दलों में अपना दल (एस) को मिर्जापुर और सोनभद्र, रालोद को बिजनौर और बागपत सीट दी जा सकती है। निषाद पार्टी को संत कबीर नगर और सुभासपा को घोसी सीट दी जा सकती है। हालांकि इन दलों ने कुछ और सीटों पर भी दावा किया हुआ है। जल्दी ही सहयोगी दल भी इन पर प्रत्याशी घोषित कर देंग़े।
नए चेहरों पर दांव, सरकार के मंत्री लड़ेंगे
भाजपा ने तय किया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में नए चेहरों पर भी दांव लगाया जाएगा। इन नए चेहरों में कुछ राज्यसभा सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। उत्तर प्रदेश में 3 राज्यसभा सांसदों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है। इन्हें जिन मौजूदा सांसदों का टिकट कटेगा, उनकी जगह चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों और विधायकों को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। इनके नाम भी पहली सूची में जारी किए जा सकते हैं।
वयोवृद्ध और निष्क्रिय सांसदों का कटेगा टिकट
सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने तय किया है कि उम्रदराज और नान परफार्मेंस वाले सांसदों को इस बार टिकट न दिया जाए। 75 पार के दायरे में आने वाले सांसदों में प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी, कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी, बहराइच के सांसद अक्षयवर लाल गौड़, बरेली के सांसद संतोष गंगवार और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी शामिल हैं। बदायूं से संघमित्रा मौर्य का टिकट उनके अपने विवादास्पद पिता स्वामी प्रसाद मौर्य से मोह के चलते कटेगा। पिता से दूरी बनाने में उन्होंने काफी देर कर दी।
इसके अलावा परफार्मेंस या विवाद में रहने को लेकर जिनके टिकट पर संकट है उनमें डुमरियागंज सांसद जगदंबिका पाल, कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल, पीलीभीत के सांसद वरूण गांधी, सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी शामिल हैं। बृजभूषण शरण सिंह को उनके बेटे रिप्लेस कर सकते हैं।
हारी हुई सीटों पर भी तय हुए प्रत्याशी
सूत्रों का कहना है कि समिति ने हारी हुई सीटों पर भी प्रत्याशी तय कर लिए हैं। उत्तर प्रदेश में इस वक्त 14 ऐसी लोकसभा सीटें हैं, जो भाजपा के पास नहीं हैं। इनमें गाजीपुर, घोसी, नगीना, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, लालगंज, जौनपुर, मैनपुरी, मुरादाबाद, संभल और रायबरेली शामिल हैं। अंबेडकरनगर से हाल ही में बसपा से भाजपा में आए मौजूदा सांसद ऋतेश पांडेय को चुनाव लड़वाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ हारी हुई सीटें सहयोगी दलों को भी दी जा सकती हैं।
उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रबंधन का जिम्मा संभालेंगे स्वतंत्र देव
लोकसभा चुनाव के मैनेजमेंट के लिए भाजपा ने उत्तर प्रदेश की चुनाव संचालन समिति बना दी है। इस समिति का संयोजक जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को बनाया गया है। इसके अलावा सह संयोजक के तौर पर लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, विधायक पंकज सिंह, पश्चिम क्षेत्र के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, गोरखपुर के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद कांता कर्दम को शामिल किया गया है। इन सभी को अलग-अलग मीडिया, प्रचार प्रबंधन, बूथ मैनेजमेंट, चुनाव आयोग से जुड़ी जिम्मेदारी दी गई है।