घबराई कांग्रेस की रूदाली हो चुकी शुरू:विनय गोयल
देहरादून 22 फरवरी।कांग्रेस कंपेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत की नींबू पार्टी को उपहासास्पद मानते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा है कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव के मतदान को देख कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का हार के डर से जी मिचला रहा है इसलिए हरीश रावत नींबू चटा कर उनका इलाज करने का प्रयास कर रहे हैं किंतु उनकी यह बीमारी इतनी साधारण नहीं है कि केवल नींबू चटाने से उसका ईलाज हो जाए । इसके लिये उन्हें लम्बे इलाज में कईं आपरेशन भी कराने पड़ेंगे जिसका सामर्थ्य उनमें नहीं है।
विनय गोयल ने कहा है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद हार के डर से हो रही कांग्रेसियों के जी की मिचिलाहट हरीश रावत के नींबू चटाने के बाद भी शांत नहीं हुई उल्टे घबराहट और बढ़ गयी है। उन्हें हार का डर और भी अधिक सताने लगा है।इसके साथ ही इनका रूदाली गैंग भी सक्रिय होकर जोर जोर से रुदन अभ्यास करने लगा है। अभी तक तो केवल ईवीएम पर ऊंगली उठाने का अभ्यास किया जा रहा था किंतु अब पोस्टल बैलेट और सर्विस बैलेट पर भी ऊंगली उठाई जा रही है। चुनाव आयोग और ईवीएम की निगरानी कर रहे प्रशासन, सैनिक एवं सुरक्षा बलों की सत्य निष्ठा पर भी संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
प्रत्येक संवैधानिक संस्थाओं पर अविश्वास करना और उन पर अंगुली उठाना कांग्रेस का नित्य कर्म हो गया है।
चुनाव आयोग की सभी बैठकों में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा प्रतिनिधि भाग लेकर सारी प्रक्रिया का हिस्सा बने रहे और अब हार सामने देख अग्रिम मिथ्या दोषारोपण कर रहे हैं और सभी व्यवस्थाओं पर शंका करके भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। ये सब चुनावों में हो रही उनकी निश्चित पराजय और इस कारण उनके डोलते आत्मविश्वास का प्रमाण है। दूसरी ओर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता उत्तराखंड चुनावों में सफलता से उत्साहित अपने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के विजय अभियान को गति देने में योगदान को उत्तर प्रदेश रवाना हो गये हैं।
कांग्रेस रुदाली दल अपना अभ्यास जारी रखें,भाजपा अपना विजय अभियान जारी रखते हुए उत्तराखंड के साथ साथ उतर प्रदेश में भी भारी बहुमत से पुनः भाजपा सरकार बनाएगी।
गोयल ने हाल ही के विधानसभा चुनाव के मतदान पर कहा कि चार – चार ‘अकार्यकारी’ कार्यकारी अध्यक्षों के कमजोर कंधों पर सवार कांग्रेस कंपेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की कांग्रेस में इतना दम नहीं है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के पिछले विधानसभा चुनाव में बनाए मजबूत 13% बढ़त के आधार को भेद सके।
उन्होंने कहा कि 2002 के उत्तराखंड के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले 26.91% मतों से 2017 के विधानसभा तक बढ़कर अधिकतम 33.79% मत 2012 के विधानसभा चुनावों में प्राप्त कर पाई थी जो कि उस समय भाजपा को मिले 33.13 से मात्र .66% ही अधिक था तथा भाजपा की 31 सीटों से मात्र एक सीट अधिक 32 सीट प्राप्त कर पाई थे।
इसके विपरीत भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड 46.51% मत प्राप्त करते हुए ऐतिहासिक 57 सीटों पर विजय प्राप्त की। इसके दो साल बाद लोकसभा चुनावों में अपना ही रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए भाजपा ने उत्तराखंड में 57% से अधिक मत प्राप्त कर उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर रिकॉर्ड तोड़ विजय प्राप्त की और इस मिथक को तोड़ने में सफलता प्राप्त की कि प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार होती है वह लोकसभा चुनाव नहीं जीतती।
यदि लोकसभा चुनाव की बात छोड़ भी दी जाय और विधानसभा चुनावों की ही तुलना की जाय तो भी 2017 और 2022 के चुनावों के बीच एक उल्लेखनीय कारक आम आदमी पार्टी का प्रवेश बना ।
आमजन तथा कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता भी मानते हैं कि आम आदमी पार्टी अधिकांशतः कांग्रेस का ही वोट काटती है और यह दिल्ली आदि अनेक राज्यों के अनुभव से भी साबित हो चुका है।
कांग्रेस के पास भारतीय जनता पार्टी के तीन मुख्यमंत्री बदले जाने के अतिरिक्त कोई गंभीर मुद्दा भाजपा के खिलाफ नहीं था तथा साढ़े चार साल कांग्रेस मुख्य सीन से गायब रही। इन परिस्थितियों में थोड़ा ही सही आम आदमी पार्टी के कांग्रेस के वोटों में सेंध मारे जाने और भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के विरूद्ध जनता में छोटी मोटी शिकायतों और नाराजगियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का जादू बरकरार रहने और कार्यकर्ताओं के विशाल एवं मजबूत आधार के कारण लचर सांगठनिक ढांचे एवं एवं गंभीर मतभेदों वाले चार चार ‘अकार्यकारी’ कार्यकारी अध्यक्षों के कमजोर कंधों पर सवार उत्तराखंड कांग्रेस में इतना दम नहीं है कि वे मजबूत भाजपा संगठन और लोकप्रिय केंद्रीय नेतृत्व का मुकाबला कर 13% की मजबूत बढ़त के तिलिस्म को तोड़ने की सोच भी सके।