भाजपा की गाइडेड मिसाइल निशिकांत दुबे कर चुके कई लक्ष्य ध्वस्त कई टारगेट कर चुके ‘ध्वस्त’
भाजपा की ‘गाइडेड मिसाइल’ बनते जा रहे हैं निशिकांत दुबे? कई टारगेट कर चुके ‘ध्वस्त’
महुआ मोइत्रा, जॉर्ज सोरोस, सोनिया-राहुल और अब CJI और पूर्व चुनाव आयुक्त… तीखी, विवादित और सुर्खियां बटोरने वाली टिप्पणियां करने वाले निशिकांत दुबे अपने बयानों से बड़ो-बड़ो को निशाना बना चुके हैं. इस बयानबाजी ने उन्हें भाजपा में निडर और ध्रुवीकरणकर्ता नेता के रूप में स्थापित किया, लेकिन पार्टी को कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा.
निशिकांत दुबे अपनी बयानबाजी से पार्टी के लिए असहज स्थिति लेकर आए हैं.
नई दिल्ली,21 अप्रैल 2025,तीखी, विवादित और सुर्खियां बटोरने वाली टिप्पणियां निशिकांत दुबे का राजनीतिक स्टाइल है. वे संसद में अपनी आक्रामक और तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं. उनके बयानों और अनावरण ने संसद और राजनीति में कई बार हलचल मचाई है. पार्टी की झिड़की सुनने का रिस्क उठाकर भी निशिकांत दुबे कई मौकों पर भाजपा की अधिकृत लाइन से हटकर आक्रामक और उत्तेजक बयान दे देते हैं. ये बयान अक्सर उनकी व्यक्तिगत छवि और फायरब्रांड इमेज मजबूत करते हैं. हालांकि पार्टी को कोर्स करेक्शन करना होता है. पार्टी पल्ला झाड़ लेती है. लेकिन चर्चा पार्टी की डांट की नहीं बल्कि सांसद के ऑरिजिनल बयान की होती है. दरअसल निशिकांत दुबे भाजपा के गाइडेड मिसाइल बनते जा रहे हैं.
तमिलनाडु से जुड़े बिलों को राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिलने और वक्फ संशोधन कानून 2025 के दो महत्वपूर्ण प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाने पर सांसद निशिकांत दुबे का बयान इसी श्रेणी में आता है. निशिकांत दुबे ने कहा था कि अगर देश में कोई धार्मिक युद्ध भड़का रहा है, तो वह सुप्रीम कोर्ट है. आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर शीर्ष अदालत को ही कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभायें बंद कर देनी चाहिए.
निशिकांत दुबे ने कहा कि, ‘किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने में फैसला लेना है? मस्जिदों के लिए आप कहते हैं कि उनसे संपत्ति के कागजात मांगना गलत है, लेकिन मंदिरों के लिए आप खुद ही कागज मांगते हैं. यह दोहरा मापदंड क्यों?’दुबे के इस ट्वीट से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तुरंत किनारा कर लिया और इसे उनका निजी बयान बताया.
इस ट्वीट के कुछ ही घंटों के बाद निशिकांत दुबे ने वक्फ कानून पर पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी की राय को उन्हें मुस्लिम आयुक्त बताया और कहा कि आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे, झारखंड के संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर सबसे ज़्यादा आपके कार्यकाल में ही बनाये गये.
झारखंड के गोड्डा से लगातार 4 बार सांसदी जीते निशिकांत दुबे ने अपने बयानों से बड़ों-बड़ों पर वॉर किया है. उन्होंने जो विषय संसद में उठाया उस पर बड़े हंगामे हुए. कई बार तो विपक्ष को पीछे हटने पर भी मजबूर होना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी पर उनका बयान हाल में आया है. लेकिन इससे पहले भी वे आश्चर्यजनक अनावरण कर चुके हैं.
कैश-फॉर-क्वेरी
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2023 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ “कैश-फॉर-क्वेरी” (नकदी के बदले सवाल) का गंभीर आरोप लगाया. दुबे ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और उपहार (जैसे महंगे गिफ्ट, ट्रैवल और रिन्युअल खर्च) लेकर लोकसभा में उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी कंपनियों पर फोकस सवाल पूछे. यह मामला तब शुरू हुआ जब दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें मोइत्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे.
निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर 2023 को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा की संसद सदस्यता निरस्त करने और जांच की मांग की.उन्होंने इसे “नैतिकता का गंभीर उल्लंघन” और “लोकतंत्र पर हमला” बताया. उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने 50 से ज्यादा सवाल अडानी समूह के खिलाफ पूछे, जो हीरानंदानी के इशारे पर थे.
स्पीकर ने इस मामले को लोकसभा की आचार समिति (Ethics Committee) को भेजा, जिसने मोइत्रा को दोषी पाया. समिति ने उनकी संसद सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की.
8 दिसंबर 2023 को, लोकसभा में मतदान के बाद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित कर दिया गया. यह एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम था, जिसने भाजपा को विपक्ष पर हमला करने का मौका दिया. इस विवाद ने निशिकांत दुबे को भाजपा के फायरब्रांड नेता के रूप में और मजबूत किया. उनके समर्थकों ने उन्हें “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाला योद्धा” बताया.
हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में महुआ मोइत्रा कृष्णानगर से फिर से सांसद चुनी गईं.
सोनिया गांधी और सोरोस से लिंक का आरोप
निशिकांत दुबे ने पिछले साल दिसंबर में आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन और सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस से लिंक है. दुबे ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन और सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस और एफडीएल-एपी से संबंध है, जिन्होंने कश्मीर की आजादी की वकालत की थी. दुबे ने दावा किया कि सैम पित्रोदा संचालित “सोरोस के फंड से चलने वाले” ग्लोबल नॉलेज इनिशिएटिव ने कुछ विवादास्पद संगठनों/व्यक्तियों से मिलने को राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा का खर्च वहन किया.
निशिकांत दुबे ने कहा कि “राजीव गांधी फाउंडेशन और सोनिया गांधी का एफडीएल-एपी (एशिया-प्रशांत में लोकतांत्रिक नेताओं का मंच) के साथ क्या संबंध है, जो कश्मीर को एक अलग देश मानता है? एफडीएल-एपी को सोरोस वित्त पोषित करता है। सोरोस और सोनिया गांधी के बीच क्या संबंध है? ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा ग्लोबल नॉलेज इनिशिएटिव चलाते हैं, वह भी सोरोस से वित्त पोषित है. कांग्रेस ने दुबे के इन आरोपों को आधारहीन और बेबुनियाद बताया.
चीन से फंडिंग का आरोप
अगस्त 2023 में संसद के मानसून सत्र में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट संदर्भित दावा किया कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं और वेबसाइट न्यूजक्लिक को “भारत विरोधी” वातावरण बनाने को चीन से धन मिला था. यह लेख 5 अगस्त 2023 को प्रकाशित हुआ था. दुबे ने तब कहा था, “राहुल गांधी की ‘नफ़रत की दुकान’ में चीनी ‘सामान’ है,”.
दुबे ने कहा, “मैं एक गंभीर विषय उठाना चाहता हूं,” उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स के एक समाचार लेख में कहा गया है कि न्यूज़क्लिक को 38 करोड़ रुपये मिले हैं. उन्होंने कहा, “इस कहानी में 2021 में न्यूजक्लिक पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों का भी उल्लेख किया गया है.”
कांग्रेस ने इसे सदन का ध्यान भटकाने की कोशिश बताया. विपक्षी नेताओं ने इसे व्यक्तिगत हमला बताया, लेकिन निशिकांत दुबे ने अपनी बात पर अडे रहते कांग्रेस को घेरने की कोशिश की.
अनुच्छेद 370 पर प्राइवेट मेंबर बिल
निशिकांत दुबे लोकसभा में अनुच्छेद-370 से जुड़ा एक प्राइवेट मेंबर बिल भी 2015 में ला चुके . निशिकांत दुबे ने 2015 में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 के बाद अनुच्छेद 370A जोड़ने की मांग की गई. इस बिल का उद्देश्य गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के लिए लोकसभा में पांच सीटें और राज्यसभा में एक सीट आरक्षित करना था.
दुबे ने तर्क दिया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में PoK के लिए 25 सीटें खाली रखी जाती हैं, लेकिन लोकसभा में इसका कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने इसे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का विषय बताया.
यह बिल संसद में चर्चा के लिए आगे नहीं बढ़ा क्योंकि प्राइवेट मेंबर बिल्स का पारित होना दुर्लभ होता है. हालांकि, इसने भाजपा की PoK को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने वाली रणनीति को मजबूती दी. विपक्ष ने इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश बताया.
झारखंड सरकार पर इस्लामीकरण का आरोप
मार्च 2025 में निशिकांत दुबे ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर “इस्लामीकरण” का आरोप लगाया. उन्होंने 2007 के एक आदेश का हवाला देते हुए दावा किया कि राज्य के 648 स्कूल शुक्रवार को बंद रहते हैं, जो अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टिकरण का सबूत है. निशिकांत दुबे कहा कि सोरेन सरकार झारखंड को “इस्लामिक राज्य” बनाने की कोशिश कर रही है.
भाजपा सांसद मनीष जायसवाल ने भी दुबे का समर्थन करते हुए झारखंड सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया.
विपक्षी नेताओं, खासकर JMM और कांग्रेस ने इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश बताया. हेमंत सोरेन ने व्यंग्य कसा कि “कैलिफोर्निया से ट्वीट करने वाले” लोगों को झारखंड का दर्द नहीं समझ आएगा.
निशिकांत दुबे की बयानबाजी ने उन्हें भाजपा में एक निडर और ध्रुवीकरणकर्ता नेता के रूप में स्थापित किया, पार्टी को कई बार असहज स्थिति का सामना जरुर करना पड़ा.
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