उप्र में मोदी-योगी चमत्कार: भाजपा ने समझा ‘ महिलाएं हैं तो मुमकिन है’
महिलाएं हैं तो मुमकिन है… उप्र में भाजपा की जीत का मूलमंत्र!
यूपी में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि जहां-जहां बहनों, माताएं और बेटियों ने पुरुषों के मुकाबले के ज्यादा वोट किए, वहां बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यूपी की इस जीत में महिलाएं सारथी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी मुुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
नई दिल्ली,10 मार्च ( अमित कुमार दुबे)योगी सरकार ने महिलाओं की रसोई का खूब ख्याल रखा
सरकारी योजनाओं का 80-90 प्रतिशत महिलाओं का लाभ
उत्तर प्रदेश की गद्दी पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की वापसी हो गई है, राह आसान नहीं थी. क्योंकि इससे पहले कोई भी मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार सत्ता तक पहुंचने में नाकाम रहे थे. लेकिन इस बार भाजपा की रणनीति रंग लाई और मोदी-योगी की जोड़ी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में असंभव को संभव कर दिया है.
भाजपा की इस प्रचंड जीत के पीछे कई फैक्टर बताए जा रहे हैं. चुनाव से पहले भाजपा की राह में कई मुश्किलें थीं. किसान नाराज बताए जा रहे थे, सहयोगी दल पाले बदल रहे थे. लेकिन इन सबसे बीच चुनाव में भाजपा को आधी आबादी यानी महिलाओं का जोरदार साथ मिला है.
जीत में महिलाओं का रोल
उत्तर प्रदेश में प्रचंड फतह के बाद अपने पहले संबोधन में CM योगी ने कहा कि इस जीत में महिलाओं का बड़ा योगदान है. आधी आबादी ने आगे आकर भाजपा को वोट किया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि जहां-जहां बहनों, माताएं और बेटियों ने पुरुषों के मुकाबले के ज्यादा वोट किए, वहां भाजपा को प्रचंड जीत मिली है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की इस जीत में महिलाएं सारथी हैं.
भाजपा को भी भरोसा था, क्योंकि आज के दौर में सरकारी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को मिलता है.महिलाएं योजनाओं का लाभ उठाने में आगे रहती हैं. उत्तर प्रदेश में जो भी कल्याणकारी योजनाएं हैं, उसके लाभार्थी 80 से 90 प्रतिशत महिलाएं हैं.
दरअसल, इस चुनाव में भाजपा का राशन, प्रशासन और महिलाओं पर दांव सटीक बैठा है. क्योंकि राशन और प्रशासन का सबसे ज्यादा पॉजीटिव इम्पैक्ट महिलाओं पर डाला है. अब चुनाव परिणाम देखें तो महिलाओं ने समाजवादी पार्टी के मुकाबले भाजपा के साथ जाना पसंद किया है.
भाजपा की जीत का मंत्र
घर चलाने का काम महिलाओं का होता है, और योगी सरकार ने महिलाओं की रसोई का खूब ख्याल रखा है. सबसे ज्यादा मुफ्त अनाज स्कीम ने महिलाओं को मोदी-योगी के पाले में किया है. मुफ्त अनाज के साथ ही सरकार खाद्य तेल, चीनी और नमक भी दे रही है. योगी सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश में करीब 15 करोड़ गरीबों मुफ्त डबल राशन का लाभ मिल रहा है.
यही नहीं, उज्जवला योजना में नि:शुल्क गैस कनेक्शन और सीधे महिलाओं के बैंक खातों में नकद राशि पहुंचने से भाजपा की पकड़ देश की आधी आबादी पर मजबूत हो गई. साथ ही शौचालय योजना ने महिलाओं में एक खास संदेश दिया. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी उत्तर प्रदेश में ही सबसे ज्यादा परिवारों को मिला है. आंकड़ों को मानें तो 45 लाख लोगों को अपना घर मिला है. घर-घर बिजली योजना में उत्तर प्रदेश में 1.41 करोड़ घरों तक बिजली पहुंची. ऐसी योजनाएं महिलाओं को सीधे सरकार से जोड़ती है.
इसके अलावा महिला सुरक्षा मुद्दे को भाजपा से जमकर भुनाया है, खासकर महिलाओं को अहसास कराया कि इस सरकार ने माहौल बदला है. ऐसे में महिलाओं के लिए घर से बाहर तक भाजपा ने एक लकीर खींच दी, जिसमें राशन और प्रशासन अहम स्थान रहा.
महिलाओं की पहली पसंद भाजपा
इंडिया टुडे और एक्सिस माइ इंडिया के एक्जिट पोल के मुताबिक सपा के मुकाबले भाजपा को 16 प्रतिशत महिलाओं ने अधिक वोट किया है, जबकि पुरुषों में ये अंतर केवल 4 प्रतिशत का रहा. परिणाम को देखें तो महिलाओं के बंपर वोटिंग ने ही भाजपा को इतिहास रचने का मौका दिया है.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार की मिशन शक्ति अभियान, कन्या सुमंगला योजना, बीसी सखी, बिजली सखी, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना और स्वयं सहायता समूह जैसी दूसरी कई कल्याणकारी योजनाओं से महिलाओं और बेटियों को सीधा लाभ मिल रहा है.
इतिहास गवाह है…
इतिहास रचने को भाजपा ने इतिहास का साथ लिया है. उत्तर प्रदेश में 2007 से अभी जिस पार्टी पर महिला से भरोसा जताया है. उसे सूबे की कमान मिली है. सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डिवेलपिंग सोसाइटी (CSDS) के आंकड़ों के अनुसार, 2007 में बीएसपी को 32 %, सपा को 26 %, भाजपा को 16%और कांग्रेस को 8 %महिलाओं ने वोट किया था. 2007 में मायावती सत्ता तक पहुंची थीं.
साल 2012 के चुनाव में सपा को 31 %, बीएसपी को 25% , बीजेपी को 14%और कांग्रेस को 12%महिलाओं ने वोट किया था. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद साल 2017 में भाजपा को रेकॉर्ड 41 %महिलाओं ने वोट किया था. जबकि बीएसपी को 23 %, सपा को 20 %और कांग्रेस को महज 5 % महिलाओं ने वोट दिया था.
संयोग भी भाजपा के साथ
फिलहाल उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 25 करोड़ है. इस बार पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नए महिला वोटर जुड़े हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 52 लाख नए वोटर्स जुड़े, जिनमें महिलाओं की संख्या 28.8 लाख है, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 23.9 लाख है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार कुल मतदाताओं की संख्या 15,02,84,005 रही. जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या 6,98,22,416 हैं, और पुरुष मतदाता कुल 8,04,52,736 हैं. जबकि प्रदेश में कुल 8853 थर्ड जेंडर के वोटर हैं. अगर चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो यह स्पष्ट है कि मोदी-योगी ब्रांड, राशन और सुशासन ने भाजपा को इतिहास रचने में काफी मदद पहुंचाई है.
उत्तर प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत के पीछे ‘मौन’ महिला मतदाताओं का हाथ
पूर्वांचल के गांवों में स्कूलों से छुट्टी के बाद साइकिल से घर लौटती लड़कियां.
सपा ने अपने घोषणा पत्र में घोषणा की कि वह सत्ता में आने पर अगले पांच वर्षों के लिए मुफ्त राशन भी प्रदान करेगी. वहीं सपा महिला मतदाताओं को याद दिलाती रही कि बीजेपी की मुफ्त राशन योजना मार्च में खत्म हो जाएगी. हालांकि, महिलाओं को समाजवादी पार्टी की यह घोषणा रास नहीं आई।
अमन शर्मा
“मौन महिला मतदाता” के साथ उच्च महिला प्रतिशत मतदान ने जाति और सामाजिक रेखाओं से ऊपर उठकर उस पार्टी को वोट दिया, जिसने उन्हें राशन भेजा और यह सुनिश्चित किया कि राज्य में महिलाएं बिना किसी डर के रात में बाहर रह सकें. यहां तक कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा किया गया मुफ्त बिजली का वादा भी महिला मतदाताओं को सपा खेमे में नहीं ले जा सका.
सपा के काम नहीं आई मुफ्त राशन की घोषणा
वास्तव में, अपने चुनावी अभियान के दौरान यह महसूस करते हुए कि मुफ्त राशन का कदम भाजपा के लिए जमीन पर जादू कर रहा था, सपा ने अपने घोषणा पत्र में घोषणा की कि वह सत्ता में आने पर अगले पांच वर्षों के लिए मुफ्त राशन भी प्रदान करेगी. वहीं सपा महिला मतदाताओं को याद दिलाती रही कि भाजपा की मुफ्त राशन योजना मार्च में खत्म हो जाएगी।
‘मोदी-योगी ने भूखे नहीं मरने दिया’
हालांकि, महिलाओं को समाजवादी पार्टी की यह घोषणा रास नहीं आई. हमने चुनावी अभियान के दौरान जिस गांव-गांव का दौरा किया, वहां की महिलाओं ने मोदी-योगी चेहरों वाले बैग दिखाए, जिसका इस्तेमाल सरकार ने उन्हें अनाज भेजने को किया था. एक तरफ मोदी सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन भेजा, तो योगी सरकार ने अपनी ओर से राशन देकर इसे दोगुना कर दिया, जिससे कई लोग इसे “राशन की दोहरी खुराक” भी बताने लगे और कई महिलाओं ने हमें बताया कि ‘मोदी-योगी ने भूखे नहीं मरने दिया.”
योगी सरकार की कानून-व्यवस्था ने जीता महिलाओं का मन
एक अन्य प्रमुख कारण जिसने महिला मतदाताओं को प्रभावित किया, वह थी बेहतर कानून और व्यवस्था. News18 ने भी अपने चुनावी दौरे में पाया कि मुजफ्फरनगर के गन्ने के खेतों में महिलाएं देर तक काम रही हैं, लड़किया गांवों में स्कूटी और साइकिल चला रही हैं या छोटे शहरों में खुले नए कैफे में भोजन कर रही हैं. जहां योगी सरकार के रोमियो रोधी दस्ते के कदम की कई लोगों ने आलोचना की, वहीं ऐसा लगता है कि इसने स्थानीय गुंडों में डर पैदा करने को जमीन पर काम किया जो सड़कों पर महिलाओं और लड़कियों को परेशान करते थे.
कानून-व्यवस्था महिलाओं के लिए बेहद अहम रहा
यह जमीन पर एक बहुत ही स्पष्ट परिवर्तन था जो महिलाओं को साफ नजर आ रहा था. भाजपा ने महिला मतदाताओं में यह ‘डर’ पैदा कर दिया कि अगर सपा सत्ता में आई, तो गुंडागर्दी के पुराने दिन लौटेंगें और राज्य में महिलाओं के लिए हालात फिर से मुश्किल हो जाएंगे. अखिलेश यादव की बड़ी रैलियों और रोड शो में महिलाओं की बेहद कम उपस्थिति भी एक संकेत था, जहां युवक बैरिकेड्स तोड़कर मंच के पास आ जाते थे. इसकी तुलना में, भाजपा के पास हमेशा अपने शीर्ष नेताओं की रैलियों में महिलाओं के बैठने के लिए जगह थी.
बिना भेदभाव के मिला सुविधाओं का लाभ
ऐसा नहीं है कि सपा को इस बात का अहसास ही नहीं था कि महिला मतदाता भाजपा के लिए रैली कर रही हैं. पार्टी ने डिंपल यादव और जया बच्चन को बाद के चरण में महिलाओं तक पहुंचने के खातिर प्रचार करने के लिए भेजा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. गांवों की कई महिलाओं ने News18 को बताया कि उन्हें न केवल राशन मिला है, बल्कि पीएम आवास, उज्ज्वला सिलेंडर के तहत घर और उनके घर में पीने के पानी के नल कनेक्शन का नया वादा भी मिला है और यह सब लाभ उन्हें बिना किसी भेदभाव के मिला है.
‘जिसने राशन भेजा, सुरक्षा दी, वोट उसे’
हालांकि चुनावों में महंगाई एक अहम मुद्दा था, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी ने सोचा था कि यह महिला मतदाता को प्रभावित करेगा, लेकिन मोदी-योगी सरकार से महिलाओं को जो लाभ मिला है, वह अन्य सभी चीजों से अधिक है. कन्नौज के एक आलू के खेत में मिली एक महिला से लेकर चौरी-चौरा के एक गाँव में मिली सुमित्रा देवी तक, सभी महिलाओं ने News18 से कहा कि वे मोदी को वोट देंगे जिन्होंने उन्हें राशन भेजा. महिलाओं ने कहा, “जिसने राशन भेजा, सुरक्षा दी, वोट उसे.” ऐसे में इन्हीं महिलाओं ने आखिर में उत्तर प्रदेश में फिर से मोदी और योगी की जीत में अहम भूमिका निभाई।