बीएल संतोष के लखनऊ में तीन दिन, ट्वीट में योगी की तारीफ
UP: 52 घंटे तक हुआ बीजेपी में मंथन, अंत में बीएल संतोष ने किया ट्वीट, समझिए मायने
राजधानी लखनऊ में बीजेपी में संगठन और सरकार में बदलाव के कयासों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष (BL Santhosh) ने लगातार तीन दिन तक पार्टी नेताओं से मुलाकात की. करीब 56 घंटे मंथन हुआ. सूत्रों के मुताबिक इन मुलाकातों में कई सवालों से बीएल संतोष ने मंत्रिमंडल के सदस्यों से नब्ज को टटोलने की कोशिश की.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है
लखनऊ 02 जूून. उत्तर प्रदेश में बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. पार्टी ने संगठन मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है. राजधानी लखनऊ में बीजेपी में संगठन और सरकार में बदलाव के कयासों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष (BL Santhosh) ने लगातार तीन दिन पार्टी नेताओं से मुलाकात की. करीब 56 घंटे मंथन हुआ. इसमें सरकार और संगठन से जुडे तमाम मुद्दों पर चर्चा कर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों का फीडबैक लिया गया. अंत में पार्टी कोर कमेटी की बैठक कर बीएल संतोष उत्तर प्रदेश सरकार और संगठन से जुड़ा फीडबैक लेकर वापस दिल्ली लौट गए ,जहां यूपी से मिला फीडबैक शीर्ष नेतृत्व को दिया जाएगा. इस दौरान कयासबाजी का दौर जारी रहा लेकिन इसी बीच कल बीएल संतोष ने एक ट्वीट किया जो उन कयासों को खारिज करने को पर्याप्त है जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय नेतृत्व योगी आदित्यनाथ की लीडरशिप को लेकर चिंतित है.
बीएल संतोष के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से मिलने का सिलसिला शुरू हुआ तो सबसे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की. मुलाकात बाद केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी के विधानसभा चुनावों में जबर्दस्त जीत दोहराने की बात भी कही. इसके बाद यूपी के दूसरे उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बीएल संतोष से मुलाकात की. फिर एक-एक कर श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, स्वामी प्रसाद मौर्य, अनिल राजभर, रमापति शास्त्री और दूसरे नेताओं ने मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक इन मुलाकातों में कई सवालों से बीएल संतोष ने मंत्रिमंडल के सदस्यों से यूपी की नब्ज टटोलने की कोशिश की.
राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष (BL Santhosh) ने अपने ट्वीट में सीएम योगी की प्रशंसा की.
जाते-जाते योगी की कर प्रशंसा कर गए
बैठकों बीच बीएल संतोष ने कुछ ट्वीट किए. मंगलवार और बुधवार सुबह उन्होंने एक-एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “उत्तर प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में 93% तक की कमी आई है. 20 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पांच हफ्ते में जिस प्रभावी ढंग से कोरोना पर काबू पाया, वह काम 1.5 करोड़ वाले छोटी से म्यूनिसिपलिटी के मुख्यमंत्री करने में असफल रहे.”
फेरबदल की संभावना बरकरार
सूत्र बताते हैं कि आलाकमान को मिली रिपोर्ट बहुत भरोसे लायक न मानते हुए राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारी को अलग से लोगों का फीडबैक लेने को भेजा गया . संभावना इसकी है कि भले चुनाव से 7 महीने पहले सरकार में कोई विस्तार न हो लेकिन संगठन में फेरबदल जरूर होगा.
बीजेपी महासचिव के लखनऊ में 3 दिन जमे रहने के क्या हैं राजनीतिक अर्थ?
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने इस दौरे मे कई ऐसी मीटिंग की, जिसने कई अटकलों को भी जन्म दे दिया. चार सालों में यह पहला मौका है जब कई मंत्रियों को बुलाकर बारी -बारी से फीडबैक लिया गया
एके शर्मा को कैबिनेट में शामिल करने की चर्चा तेज
चार सालों में यह पहला मौका है जब कई मंत्रियों को बुलाकर बारी-बारी से फीडबैक लिया गया.
पहले दिन 7 मंत्रियों ने बीएल संतोष से मुलाकात की थी जिसमें सुरेश खन्ना, जय प्रताप सिंह, दारा सिंह चौहान, महेंद्र सिंह, बृजेश पाठक सहित 7 लोग जबकि शाम को बीएल संतोष ने प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ डिनर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. यह मुलाकात करीब ढाई घंटे चली थी.
वहीं, दूसरे दिन मिलने वालों में केशव प्रसाद मौर्य, श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे बड़े कद्दावर नेता रहे और यह फीडबैक बिल्कुल अकेले में लिया गया. तीसरे दिन यानी बुधवार को मीटिंग में सिद्धार्थ नाथ सिंह, मोहसिन रजा, स्वाति सिंह सरीखे नेताओं ने मुलाकात की. चर्चा यह भी है कि बीएल संतोष ने संघ के लोगों से भी मुलाकात कर उनसे फीडबैक लिया है.
सरकार और संगठन के बारे में फीडबैक
बीएल संतोष से मिलने वाले नेताओं ने मीडिया में चल रहे सभी अटकलों को खारिज किया लेकिन एक बात साफ है कि फीडबैक अकेले में लिया गया है. यह फीडबैक सरकार और संगठन दोनों के बारे में है. बीजेपी के बड़े नेता इस बात को खारिज करते रहे कि बदलाव की किसी संभावनाएं टटोलने बीएल संतोष आए थे. किसी ने इसे रूटीन बैठक कहा तो किसी ने 2022 की तैयारियों को लेकर संगठन की बैठक बताया.
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कुछ बातें कह यह साफ कर दिया कि यह पूरी कवायद कहीं ना कहीं 2022 चुनाव से जुड़ी है. केशव मौर्य ने प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की संभावना खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में ही चुनाव में जाएंगे. साथ ही 2017 का प्रदर्शन दोहराएंगे यानी 300 से ज्यादा सीटें जीतेंगे.
बहरहाल, 3 दिनों की यह मीटिंग इसलिए भी खास रही क्योंकि बीजेपी आलाकमान ने सभी को सुना, शिकायतें सुनीं. तारीफ सुनीं, और अपनी रिपोर्ट लेकर दिल्ली गए लेकिन उन अटकलों का क्या, 79 संभावनाओं का क्या जो पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश की सियासी फिजाओं में तैर रही है यानी बदलाव परिवर्तन की बात.
एके शर्मा को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा
सबसे ज्यादा एके शर्मा को लेकर चर्चा है कि क्या एके शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में कोई अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ और एके शर्मा के बीच केमिस्ट्री सहज नहीं है और ऐसे में योगी एके शर्मा के एंट्री को लेकर नाराज भी हैं और नहीं चाहते हैं कि उनकी एंट्री ऐसे पद पर हो जहां से यह संदेश जाए कि सरकार में दो पावर सेंटर हैं.
सोमवार की शाम बीएल संतोष मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मिलने डिनर पर 5 कालिदास मार्ग गए थे जहां पर क्या चर्चा हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है, हालांकि इस मीटिंग में सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी थे.
मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा है कि एके शर्मा को हाईकमान योगी मंत्रिमंडल में अहम पद देना चाहता है लेकिन योगी आदित्यनाथ इसको तैयार नहीं है. फिलहाल सभी चर्चाएं एक ओर इशारा कर रही हैं कि भविष्य में एक छोटा मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है और एके शर्मा उस मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं लेकिन इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हो पा रही है.
हालांकि करीब हफ्ते भर पहले एके शर्मा नई दिल्ली से आकर योगी आदित्यनाथ से करीब घंटे भर की मुलाकात 5 कालिदास मार्ग में की थी लेकिन उसके पहले बनारस में एके शर्मा काफी सक्रिय रहे और बनारस मॉडल की तारीफ खुद प्रधानमंत्री ने कोरोना को लेकर की थी.
अध्यक्ष पद पर केशव मौर्य को लाना चाहती है बीजेपी!
दूसरी सबसे ज्यादा चर्चा है कि बीजेपी अध्यक्ष पद पर केशव मौर्य को लाना चाहती है ताकि 2022 में ओबीसी चेहरे के तौर पर पार्टी दिखा सके कि वह आज भी ओबीसी की पार्टी है.
यह चर्चा इसलिए तेज है क्योंकि 2022 के चुनाव में बीजेपी को एक बार फिर ओबीसी चेहरे पर दांव आजमाने की नौबत आ रही है क्योंकि पंचायत चुनाव में बीजेपी बुरे तरीके से पिछड़ी है. हालांकि इस संभावनाओं को केशव मौर्य खुद ही नकार रहे हैं.
कहा जा रहा है कि एके शर्मा मंत्रिमंडल में लाए जाएंगे. वहीं, केशव मौर्य को उपमुख्यमंत्री के साथ अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी चुनाव तक को दी जा सकती है.
हालांकि इसमें अटकलें ज्यादा है क्योंकि बीएल संतोष से मुलाकात बाद खुद केशव मौर्य ने इन संभावनाओं को खारिज कर कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बीजेपी न सिर्फ अच्छा करेगी बल्कि 2017 के प्रदर्शन को दोहराएंगे और 300 से ज्यादा सीट लाएगी।
दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि अकेले में मंत्रियों ने अफसरशाही को लेकर संगठन तक सीधे बात पहुंचाई है और सरकार में उनकी नहीं चलने की शिकायत सीधे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव से की है। जून के दूसरे-तीसरे हफ्ते में उत्तर प्रदेश में बदलाव की उम्मीद की जा रही है लेकिन यह बदलाव मंत्रिमंडल में फेरबदल और अध्यक्ष पद को लेकर ही अटकलों के तौर पर है.