उत्तराखंड 16 मई:ब्लैक फंगस की पहली मौत समेत188 मौतें,4496नये केस

Uttarakhand Black Fungus Cases: ब्लैक फंगस से पहली मौत,एम्स में भर्ती था मरीज;अब
तक 21 व्यक्तियों में पुष्टि
ब्लैक फंगस से पहली मौत, एम्स में भर्ती था मरीज; अब तक 21 व्यक्तियों में पुष्टि। उत्तराखंड में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। न केवल मरीजों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है बल्कि यह अब जानलेवा भी होने लगा है। एम्स ऋषिकेश में एक मरीज की ब्लैक फंगस से मौत हो गई।

ऋषिकेश उत्तराखंड में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। न केवल रोगियों की संख्या में हर दिन वृद्धि हो रही है, बल्कि यह अब जानलेवा भी होने लगा है। एम्स ऋषिकेश में एक जन की ब्लैक फंगस से मौत हो गई है। राज्य में ब्लैक फंगस के कारण यह पहली मौत है। जिस 36 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है, वह देहरादून से रेफर होकर एम्स पहुंचा था। अब तक 21 व्यक्तियों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, जिन रोगियों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, उनमें से 11 की उम्र 50 वर्ष से अधिक है।

एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि बीते कुछ दिनों में एम्स में 17 रोगियों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। इनमें सात रोगी ऐसे हैं, जो पहले से ब्लैक फंगस से ग्रसित होने के बाद उपचार के लिए आए थे। इनमें पांच उत्तर प्रदेश के हैं। दस को कोरोना संक्रमण के कारण यहां भर्ती किया गया था, जिनका शुगर लेवल काफी बढ़ा हुआ था। इनमें ब्लैक फंगस के लक्षण नजर आए तो जांच कराई गई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात ब्लैक फंगस से एक की मौत भी हो गई, जबकि 16 रोगियों का उपचार चल रहा है। इनमें दस रोगियों की सर्जरी की जा चुकी है और छह की सर्जरी की जानी है।

प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि ब्लैक फंगस के 16 रोगियों में 14 कोविड एक्टिव हैं। इन रोगियों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो जाने के बाद चिकित्सक अध्ययन भी कर रहे हैं। वहीं, ईएनटी विशेषज्ञ व टीम लीडर डॉक्टर अमित त्यागी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती जिन रोगियों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, उनमें देहरादून से दो, हरिद्वार से तीन, रुड़की से दो, ऋषिकेश, काशीपुर, ऊधम सिंह नगर और अल्मोड़ा से एक-एक मरीज शामिल है। उत्तर प्रदेश के शामली, अलीगढ़, मंडावर, मुरादाबाद और मेरठ के पांच मरीज हैं।

ब्लैक फंगस मरीजों के लिए अलग वार्ड बना

एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के प्रभावित 17 रोगी मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इनके लिए 30 बेड का अलग वार्ड बनाया है। इन सभी रोगियों को वहां शिफ्ट कर दिया गया है। डॉक्टर अमित त्यागी ने बताया कि यह वार्ड आइसीयू सुविधा से युक्त है। 12 चिकित्सकों का दल इसके लिए गठित किया गया है। वार्ड के भीतर भी दो पार्ट बनाए गए हैं। इनमें कोरोना संक्रमित और सामान्य रोगियों को अलग-अलग रखा गया है।

उत्तराखंड में कोरोना: 24 घंटे में सामने आए 4496 नए संक्रमित, 188 संक्रमितों की हुई मौत

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मामलों में भले ही थोड़ी कमी आई हो,लेकिन रोगियों की मौत के मामले कम नहीं रहे हैं।
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 4496 संक्रमित सामने आए और 188 रोगियों ने दम तोड़ा है। वहीं,5034 रोगियों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। कुल संक्रमितों की संख्या 287286 हो गई है। जबकि सक्रिय मामले 78802 पहुंच गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रविवार को 29797 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में 1248 कोरोना रोगी मिले हैं। हरिद्वार में 572 , ऊधमसिंह नगर 393, नैनीताल में 117, टिहरी में 498, पौड़ी में 391, रुदप्रयाग में 356, अल्मोड़ा में 65, उत्तरकाशी में 351, पिथौरागढ़ में 100 संक्रमित मिले हैं।

वहीं, अब तक प्रदेश में 4811 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। 5034 रोगियों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिला कर 198530 रोगी कोरोना को मात दे चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश की रिकवरी दर 69.11 प्रतिशत और सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर 6.74 प्रतिशत दर्ज की गई है।

संक्रमण में मैदानों को पीछे छोड़ रहे पर्वतीय जिले

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पर्वतीय जिले संक्रमण के मामले में मैदानों को पीछे छोड़ रहे हैं। रविवार को नैनीताल और ऊधमसिंह नगर से ज्यादा संक्रमित टिहरी जिले में मिले हैं। वहीं, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में नैनीताल से ज्यादा संक्रमित सामने आए हैं।

प्रदेेश में भले ही कोरोना संक्रमित मामलों में थोड़ी कमी आई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पहले जहां पर संक्रमण से चार मैदानी जिले देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले सबसे प्रभावित थे।

वहीं कोरोना की दूसरी लहर में गांवों में संक्रमण बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में हरिद्वार जिले में 117, ऊधमसिंह नगर जिले में 393 संक्रमित मिले हैं। जबकि टिहरी जिले में संक्रमितों की संख्या 498 रही। इसी तरह उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में नैनीताल से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आए हैं।

स्लॉट बुक कराने के बाद भी नहीं पहुंचेे युवा

हरिद्वार में कोरोना संक्रमण काल से निपटने के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में एक तरफ जहां स्लॉट बुक कराने को लेकर मारामारी है। वहीं दूसरी तरफ स्लॉट बुक कराने के बाद भी कुछ लोग टीका लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं।

जिले में 161 कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बने हैं। इनमें 143 सेंटर सामान्य लोगों के लिए हैं। 18 सेंटर 18 से 44 की उम्र के लोगों के लिए हैं। 143 सेंटरों में वैक्सीन खत्म हो गई है, लेकिन युवाओं के सेंटरों में टीकाकरण चल रहा है। टीकाकरण के लिए युवाओं को पहले स्वास्थ्य विभाग की साइट पर स्लॉट बुक कराना होता है। इसके बाद केंद्र पर टीकाकरण कराने जाने पड़ता है। टीकाकरण कराने के लिए युवाओं में काफी उत्साह है। इससे स्लॉट खुलते ही बुक हो रहे हैं।

इससे स्लॉट बुक कराने के लिए मारामारी मची हुई है। काफी लोग स्लॉट बुक नहीं होने से निराश हैं। वहीं कई युवा लापरवाही भी बरत रहे हैं। स्लॉट बुक कराने के बाद भी केंद्रों पर टीकाकरण के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। लालढांग केंद्र में सौ लोगों ने स्लॉट बुक कराया था, लेकिन वहां 65 लोग ही टीकाकरण कराने के लिए पहुंचे।

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