शेयर बाजार में तीन दिन में आठ लाख करोड़ हुए राख, इसके है छह विलेन
Sensex Crashes Straight 3rd Day 6 Factors Behind Bloodbath On D-Street Rs 7.93 Lakh Cr Lost
दलाल स्ट्रीट के वो 6 विलेन कौन जिन्होंने 3 दिन में स्वाहा कर दिए ₹7.93 लाख करोड़?
घरेलू शेयर बाजारों में पिछले तीन दिनों से मातम पसरा हुआ है। इस दौरान शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई है। बिकवाली के इस झोंके में निवेशकों के 7.93 लाख करोड़ रुपये उड़ गए हैं। दलाल स्ट्रीट में यह आतंक कई कारणों से फैला है। आइए, यहां उन कारकों (फैक्टरों ) के बारे में जानते हैं।
नई दिल्ली 16 अप्रैल 2024: दलाल स्ट्रीट में पिछले तीन सत्र निवेशकों को रुलाने वाले रहे हैं। इस दौरान स्थानीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। इन तीन सत्रों में निवेशकों के 7.93 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। बंबई शेयर बाजार (BSE) का सेंसेक्स मंगलवार को 456.10 अंक लुढ़का। 30 शेयरों वाला यह सूचकांक 0.62 फीसदी की गिरावट के साथ 72943.68 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 714.75 अंक तक लुढ़क गया था। इससे बीएसई की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन (एम-कैप) तीन दिन में 7,93,529.61 करोड़ रुपये घटकर 3,94,25,823.46 रुपये (4750 अरब डॉलर) रह गया। आइए, यहां दलाल स्ट्रीट के उन 6 विलेन के बारे में जानते हैं जिनके कारण बाजार में आतंक का माहौल है।
मिडिल ईस्ट को लेकर चिंता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी बाजार मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव से डरे हुए हैं। इसका असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा है। इजरायल ने ईरान को जवाबी हमले की चेतावनी दी है। इससे मिडिल ईस्ट में टेंशन बढ़ने की आशंका है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस पूरे घटनाक्रम से अभी कुछ समय को बाजार पर दबाव बने रहने की आशंका है।
बिकवाली के मूड में FII
एनएसई के प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 15 अप्रैल को शुद्ध रूप से 3,268 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 4,762.93 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। घरेलू संस्थागत निवेशक लगातार पांच सत्रों से शुद्ध खरीदार रहे हैं।
रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर
भारतीय रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर 83.5350 पर बंद हुआ। यह पिछले सत्र के 83.45 की तुलना में अब तक का सबसे कमजोर स्तर है।
अमेरिकी रिटेल सेल में बढ़ोतरी
पिछले महीने अमेरिका में रिटेल सेल 0.7% बढ़ी। फरवरी के आंकड़ों को संशोधित कर बिक्री में 0.9% की बढ़ोतरी दर्शाई गई। यह पहले बताए गए 0.6% के बजाय एक साल में बड़ा उलटफेर है। उम्मीद से अधिक मजबूत डेटा पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट के बाद आया है। इसमें जोर दिया गया था कि महंगाई की दर बाजार की अपेक्षा से अधिक स्थिर बनी हुई है। इससे इस साल ब्याज दरों में भारी कटौती की जा सकती है। ट्रेडर्स को अब इस साल 0.45 प्रतिशत की कटौती के आसार हैं।
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेजी
10 साल वाले अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड पांच महीने के ऊंचे स्तर 4.663% पर पहुंच गई है। बढ़ी हुई यील्ड ने डॉलर को बल दिया है। इसके अलावा अधिक यील्ड एफपीआई इंफ्लो के लिए निगेटिव है। उन स्थिति में निवेशक घरेलू बाजार से पैसा निकालकर अमेरिकी बॉन्ड में निवेश करते हैं।
विदेशी बाजारों में गिरावट
अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद, चीन की अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव ने यूरोपीय शेयरों पर दबाव बनाया है। इसका असर एशियाई बाजारों पर भी है। एक महीने से ज्यादा समय में एसएंडपी 500 के सबसे निचले लेवल के बाद अमेरिकी इक्विटी वायदा में भी गिरावट आई है।