बजट 2021: स्वास्थ्य क्षेत्र पर होगा दोगुना खर्च,2.2 लाख करोड़ का प्रस्ताव

 

बजट में हेल्थ सेक्टर पर खर्च दोगुना से अधिक किया, 94,452 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
सरकार ने हेल्थ सेक्टर पर 2.2 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है.

सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है.

Updated: Mon, Feb 01, 2021

नई दिल्ली 01फरवरी:
Budget 2021: कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच सरकार ने अगले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को दोगुना से अधिक कर दिया है. सरकार ने हेल्थ सेक्टर पर 2.2 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा कुछ आयातित उत्पादों पर एक नया कृषि उपकर भी लगाया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 में हेल्‍थ सेक्‍टर के लिए कई बड़ी घोषणाओं का एलान किया।यांाांांााांाांा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की शुरुआत हेल्‍थ सेक्‍टर  में घोषणाओं से की । उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है। भारत में कोविड-19 के दो टीके हैं जल्‍द ही दो अन्य टीकों की पेशकश भी जाएगी। आइए 10 बिंदुओं में जानें कि स्‍वास्‍थ्‍य सेक्‍टर में जान फूंकने के लिए बजट में क्‍या घोषणाएं की गई हैं।

2021-22 में स्वास्थ्य का बजट 2.23 लाख करोड़ रुपये है। केंद्रीय वित्‍त मंत्री ने बताया कि इसमें 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अलावा 64,180 करोड़ रुपए की आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत का प्रस्ताव रखा है। वित्‍त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्रस्ताव किया है। यदि जरूरत हुई तो आगे भी धन उपलब्ध कराया जाएगा। लोगों की सहूलियत के लिए पब्लिक हेल्‍थ के लिए वेबसाइट की शुरुआत की जाएगी। भारत में बनी न्यूमोकोकल वैक्सीन को पूरे देश में लागू किया जाएगा। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत होगी। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। वित्‍त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर 2,23,846 करोड़ खर्च होंगे। 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्‍थानों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्‍लॉक स्‍थापित किए जाएंगे। एकिकृत सूचना पोर्टल का सभी राज्‍यों में विस्‍तार किया जाएगा। दो मोबाइल अस्‍पतालों की स्‍थापना की जाएगी। विषाणु विज्ञान के लिए चार क्षेत्रीय राष्‍ट्रीय संस्‍थानों की स्‍थापना की जाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी से संबंधित राहत कदमों के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में खर्च 34.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। हालांकि पिछले साल बजट में 30.42 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया था। उन्‍होंने कहा कि भारत में गत 16 जनवरी को कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। सरकार के मुताबिक, सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आम बजट 2021 पेश करते हुए संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने, देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने तथा कृषि उत्पादों के बाजार की मजबूती के उपायों की घोषणा की. बजट में कपास से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक विभिन्न उत्पादों पर आयात शुल्क भी बढ़ाने की घोषणा की.

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने सेवानिवृत्ति कोष (भविष्य निधि कोष) पर कर-मुक्त ब्याज की सीमा को सालाना 2.5 लाख रुपये तक सीमित कर दिया है. हालांकि, अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) पर कर छूट देने की घोषणा की है बशर्ते व्यक्ति निर्धारित प्रकार खर्च के यात्रा खर्च किए हों.

सर्राफा, शराब, कोयला और सेब से लेकर दाल तक कृषि उत्पादों पर मंगलवार यानी कल से सीमा शुल्क पर एक नया कृषि संरचना एवं विकास उपकर लगाया जाएगा. हालांकि, उपभोक्ताओं पर बोझ को कम करने के लिए इन उत्पादों पर सीमा शुल्क या आयात शुल्क घटाया गया है.

वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाने की भी घोषणा की है. लेकिन उपभोक्ताओं को इस उपकर के बोझ से बचाने के लिए इसी अनुपात में उत्पाद शुल्क में कटौती का भी फैसला किया है.

इसके अलावा एक साल में 50 लाख रुपये से अधिक का सामान खरीदने पर 0.1 प्रतिशत का टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाएगा. इस कटौती की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होगी जिसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक होगा.

सस्ते मकानों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने आवास ऋण के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया है.

सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी लाभांश की घोषणा या भुगतान के बाद ही बनेगी. इसके साथ ही स्टार्ट-अप के लिए कर अवकाश या छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है.

वित्तमंत्री ने लोकसभा में बजट संबोधन में कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत के बराबर रह सकता है. चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में 9.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है.

बजट में स्वास्थ्य पर जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान और देश में स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने पर 2.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया.

सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है.

बजट में सूती, रेशम, मक्का छिलका, चुनिंदा रत्नों व आभूषणों, वाहनों के विशिष्ट कल-पुर्जों, स्क्रू व नट आदि पर सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं. इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने के लिये प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, वायर व केबल, सोलर इनवर्टर और सोलर लैंप पर भी सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं. नेफ्था, लौह व इस्पात कबाड़, विमानों के कल-पुर्जे तथा सोना-चांदी पर सीमा शुल्क कम किया गया है.

वित्त मंत्री ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बोझ से दबे तथा देश की आर्थिक वृद्धि को नीचे खींच रहे सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिये 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए. बजट में जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) समेत सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री और निजीकरण के जरिए अगले वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.

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