बजट पारित,उत्तराखंड विस अनिश्चित काल को स्थगित पहाड़-मैदान पर हंगामा
37 घंटे 49 मिनट चला विधानसभा का सत्र, भू कानून समेत 13 विधेयक पास, अनिश्चितकाल के लिए हुआ स्थगित – UTTARAKHAND ASSEMBLY BUDGET SESSION
उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र इस बार काफी हंगामेदार रहा. पहाड़-मैदान के मुद्दों से सदन का माहौल गर्म रहा.
देहरादून 22 फरवरी2025: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शनिवार को अनिश्चितकाल को स्थगित हो गया. पांच दिन चले बजट सत्र में इस बार सदन की कार्यवाही करीब 37 घंटे 49 मिनट चली. बजट सत्र में जहां सदन में कई विधेयक पेश किए गए, तो आखिरी दिन एक लाख एक हजार 175 करोड़ रुपए का बजट भी पास किया .
उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी को शुरू हुआ था, जो 22 फरवरी शाम को करीब 6:48 बजे अनिश्चितकाल को स्थगित किया गया. सत्र के पहले दिन की कार्यवाही 15 मिनट , दूसरे दिन 9 घंटे 23 मिनट , तीसरे दिन 9 घंटे 40 मिनट, चौथे दिन 11 घंटे 51 मिनट तक चली तो वहीं आज आखिरी दिन कार्यवाही 6 घंटे 14 मिनट चली. इस तरह से 5 दिनों में सदन की कार्यवाही कुल 37 घंटे 49 मिनट चली. कुल 526 सवालों के जवाब दिए गए, जिसमें से 30 अल्प सूचित सवाल थे और 496 तारांकित और अतारांकित प्रश्न पूछे गए
बजट सत्र में भू-कानून संशोधन विधयेक समेत ये 13 बिल पास हुए:
उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्राविधान (संशोधन) विधेयक, 2025.
उत्तराखंड निक्षेपक (जमाकर्ता) हित संरक्षण (वित्तीय अधिष्ठानो में) (निरसन) विधेयक 2025.
उत्तराखंड राज्य विधान सभा (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) (संशोधन) विधेयक, 2025.
उत्तराखंड राज्य कीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2025.
उत्तराखंड निरसन विधेयक, 2025.
उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक, 2025.
उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाड़ियों के लिये क्षैतिज आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2025
उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम,1993) (संशोधन) विधेयक,2025.
उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) (संशोधन) विधेयक,2025 उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025.उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025.उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024 प्रवर समिति द्वारा मूलरूप में यथासंस्तुत.
उत्तराखंड विनियोग विधेयक, 2025.
सख्त भू-कानून से प्रदेश में क्या बदलेगा?: सदन में पास हुए विधयेक में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 भी पास किया गया, जिसकी प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा रही. क्योंकि यह संशोधन बिल सरकार सख्त भू-कानून के तौर पर लाई है. इस नए कानून में अब बाहरी राज्यों के लोग उधम सिंह नगर और हरिद्वार को छोड़कर बाकी के 11 जिलों में कृषि और बागवानी की जमीन नहीं खरीद सकते .
एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट पास : उत्तराखंड सरकार अपने इतिहास में अब तक सबसे बड़ा,गत वर्ष से 13.38% अधिक 101175.33 लाख करोड़ रुपए का बजट लाई है. सरकार ने बजट ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये बजट राज्य गठन के समय से 24 गुना ज्यादा है. बजट उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में विकास की नई गाथा लिखेगा..
बजट के कुछ खास बिंदू अवस्थापना निर्माण पूंजीगत परिव्यय में ₹14763.13 करोड़ का प्रविधान है, जो अब तक सर्वाधिक है. ग्रामीण रोजगार हेतु मत्स्य विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना-₹146 करोड़. यूआईआईडीबी को हरिद्वार ऋषिकेश विकास हेतु परामर्शी सेवा हेतु-₹168.33 करोड़. स्टार्टअप वेंचर फंड-₹20 करोड़. प्रवासी उत्तराखंड परिषद-₹1 करोड़. रिवर फ्रंट डेव्लपमेंट परियोजना (शारदा कॉरिडॉर)-₹10 करोड़. स्मार्ट सिटि के अंतर्गत इलैक्ट्रिक बसो के संचालन हेतु-₹6.5 करोड़. होमेगार्ड कल्याण कोष रिवोलविंग फंड-₹1 करोड़. रेशम फैडरेशन को रिवोलविंगफंड-₹5 करोड़. समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन हेतु-₹30 करोड़. स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजुविनेशन हेतु-₹125 करोड़. पेयजल तथा सिंचाई विभाग की योजनाओं के बिजली के भुगतान हेतु-₹490 करोड़. पुलिस विभाग में मादक पदार्थ से सम्बन्धित मुखबिरों के उत्साहवर्द्धन हेतु- ₹10 लाख. भारतीय न्याय संहिता हेतु-₹20 करोड़. जलवायु परिवर्तन शमन हेतु-₹60 करोड़.
पहाड़-मैदान पर महासंग्राम: पांच दिन तक चले इस बजट सत्र में पहाड़-मैदान को लेकर के पहले दिन से ही पटकथा लिखनी शुरू हो गई थी. जब विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया था. इस दौरान कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट की संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के साथ कुछ कहासुनी हो गई थी. इस दौरान सदन में संसदीय कार्य मंत्री अग्रवाल और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की तीखी नोकझोंक भी हुई थी.
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने तो कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट पर सदन में शराब पीकर आने तक का आरोप लगाया . इस मामले पर भी दोनों के बीच काफी बयानबाजी हुई. कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर पहाड़ विरोध होने के आरोप लगाया था.
सदन में बिफरे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल: बजट सत्र से चौथे दिन सदन में कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आपा खो दिया और उनके सदन में दिए बयान पर पूरे प्रदेश में बवाल मचा. जिसका असर सदन के पांचवें दिन भी दिखा. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान से लोगों को नाराज देख मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी बोलना पड़ा. वहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को भी मीडिया में सफाई देनी पड़ी.
पांचवें दिन जैसे ही सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री को घेर लिया. बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला भी संसदीय कार्य मंत्री अग्रवाल के बयान से काफी गुस्से में नजर आए. विधानसभा अध्यक्ष भी मामले को शांत करते-करते काफी गुस्से में दिखी. आखिरकार प्रेमचंद अग्रवाल को इस मामले पर माफी मांगनी पड़ी.
Uttarakhand Budget Session 2025 Fifth day budget passed ,assembly postponed for indefinitely
एक लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पास, सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल को स्थगित
बजट पास होने के बाद अब विधानसभा बजट सत्र वर्ष 2025 की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई .
बजट पास होने के बाद सदन में नियम-54 चर्चा शुरू हुई। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने स्कूलों के जर्जर भवनों का मुद्दा उठाया।
अनुसूचित जनजातियों के बजट में कटौती का प्रस्ताव
कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह राणा ने अनुसूचित जनजातियों के बजट में कटौती के प्रस्ताव पर कहा कि एक लाख करोड़ से ज्यादा के बजट में से अगर 3 प्रतिशत भी जनजाति को दें तो उनका उद्धार हो सकता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद का कहीं पता नहीं है और केवल एक उपाध्यक्ष को बना दिया जाता है, जबकि जनजातियों के प्रतिनिधि नहीं होते। उन्होंने जनजातीय निदेशालय के गठन की बात भी की, लेकिन उसमें सचिव की नियुक्ति की आवश्यकता पर भी जोर दिया। दूसरी ओर, संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 717 करोड़ 89 लाख रुपये का बजट था, जिसे इस बार 821 करोड़ 41 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद की प्रक्रिया गतिमान है।
परिवहन विभाग के बजट पर कांग्रेस विधायक ने सवाल उठाए
उत्तराखंड विधानसभा में परिवहन विभाग के बजट पर कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने कटौती का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में रोडवेज डिपो घाटे में चल रहे हैं और बसों में ड्राइवरों की कमी है। उन्होंने यह भी पूछा कि एनजीटी के निर्देश के बावजूद कितनी पुरानी बसें हटाई गईं और कितनी नई बसें खरीदी गईं। उन्होंने परिवहन विभाग के पुराने ढर्रे और संविदा कर्मचारियों की नौकरी पक्की न होने की समस्या को भी उठाया।
विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि विभाग ने फिटनेस सेंटर जैसे लूट सेंटर खोल दिए हैं और उन्हें बंद किया जाना चाहिए। भाजपा विधायक दिलीप रावत ने वाहनों की फिटनेस की मैनुअल प्रक्रिया पर जोर दिया, जबकि बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने चारधाम यात्रा के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की। बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने आईएसबीटी को री-डिजाइन करने और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए अलग बस अड्डे बनाने का सुझाव दिया। कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने पहाड़ी क्षेत्रों में बसों की कम संख्या और मुआवजे में असमानता की समस्या को उठाया।
परिवहन मंत्री अग्रवाल ने बताया कि ई-बसों के लिए बजट की व्यवस्था की गई है और पीएम बस सेवा को 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था है।
ऊर्जा विभाग के बजट पर विधानसभा में गरमागरम बहस
विधानसभा में ऊर्जा विभाग के बजट पर कांग्रेस विधायक विक्रम नेगी ने कटौती का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सोलर योजना शुरू की, लेकिन यूपीसीएल की लाइनों की क्षमता पर्याप्त नहीं है। बिजली विभाग ने टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीएफआर) देना बंद कर दिया है, जिससे रोजगार के अवसर खत्म हो गए हैं। टिहरी में सोलर प्रोजेक्ट काम लटका हुआ है। उन्होंने मांग की कि सोलर सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के खातों में दी जाए। उन्होंने बताया कि टिहरी में 600 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने केवल 485 को ही टीएफआर दी। टिहरी में 100 करोड़ रुपये की लागत से डीपीआर लाइनों के उन्नयन की योजना भेजी गई , लेकिन बजट में इसको पर्याप्त राशि नहीं है। उन्होंने मांग की कि राशि बढ़ाई जाए .
भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप
विधायक वीरेंद्र जाती ने बजट कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि बिजली विभाग में भारी भ्रष्टाचार है। मीटर जंपिंग बढ़ रही हैं और उपभोक्ता परेशान है। नए ट्यूबवेल कनेक्शन में कई महीनों का समय लग रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली विभाग अपनी क्षमता बढ़ाने में पूरी तरह विफल है। किसानों की बिजली रोककर कंपनियों को बिजली दी जा रही है। विभाग बिजली चोरी के मुकदमे जबरदस्ती लिखा रहा हैं। विधायक काजी निजामुद्दीन ने उत्तराखंड में बिजली विभाग के घाटे पर सवाल किया कि 2021-22 में विभाग को 21 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो 2022-23 में बढ़कर 1224 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने पूछा कि यह नुकसान इतना अधिक कैसे हो गया?
मंत्री का जवाब
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली चोरी और मीटर जंपिंग रोकने कौ स्मार्ट मीटर लाए जा रहे हैं। विपक्ष बजट 1 रुपया करने की बात करता है, जबकि सरकार बजट बढ़ाने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि विभाग की मांग के अनुसार ही बजट आवंटित किया जाता है।
.भाजपा विधायकों का समर्थन
भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि ऊर्जा बिना जीवन संभव नहीं है। राज्य में बिजली खपत लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड में यह भ्रांति है कि हम ऊर्जा प्रदेश हैं। उन्होंने सरकार को सराहा कि पहाड़ों पर बंजर भूमि पर सोलर योजना से रोजगार अवसर पैदा हुए हैं। रूफ टॉप सोलर प्रोजेक्ट से लोगों को जीरो बिल मिल रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने को स्मार्ट मीटर प्रभावी नहीं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सोलर क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिये नजदीकी सबस्टेशन की क्षमता बढ़ाई जाए। विधायक विनोद चमोली ने कहा कि 200 किलोवाट सोलर प्रोजेक्ट में 33 केवी और 11 केवी का उपयोग किया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे केवल 33 केवी से किया जाए, जिससे बिजली उत्पादन अधिक होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की सोलर परियोजना में सब्सिडी बंद होने से लोग भटक रहे हैं।
सत्र के संचालन का टूटा रिकॉर्ड
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्र संचालन का रिकॉर्ड टूट गया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने शुक्रवार को एक दिन में बिना ब्रेक सबसे लंबा 11 घंटे 51 मिनट तक सदन की कार्यवाही का संचालन कर अपना ही पूर्व का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले 28 फरवरी, 2024 को 11 घंटे 20 मिनट तक सत्र संचालन का रिकॉर्ड था.
वित्त मंत्री ने अपने बयान के लिए प्रकट किया खेद
बीते रोज सदन में अपने बयान पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने खेद प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार हैं। परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है। सदन में उनकी कही बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। मैंने कहा था कि उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी। मेरे बयान में सारे शब्द को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे लगता है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंची है उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं.
आंदोलनकारियों और विपक्षी कार्यकर्ताओं ने मंत्री का पुतला फूंककर विरोध जताया।
संसदीय कार्यमंत्री की भाषा पहाड़ का अपमान- नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर संसदीय कार्य मंत्री प्रदेश की जनता से माफी मांग लेंगे तो जनता उन्हें माफ कर देगी। अगर संसदीय कार्य मंत्री इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं तो प्रदेश पर प्रश्न चिह्न खड़ा होता है।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की मांग- संसदीय कार्य मंत्री मांगे माफी
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने पहाड़ मैदान के मुद्दे को लेकर कहा कि संसदीय कार्यमंत्री को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि संसदीय कार्य मंत्री माफी मांगें।
पहाड़-मैदान की बात पर सदन में हंगामा
सदन में संसदीय कार्यमंत्री के बयान पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई करने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि मैंने सदन में ही अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था। पहाड़ मैदान की बात को लेकर सदन में हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष भड़क गईं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाई।कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने सदन में कागज फाड सदन से वॉकआउट कर दिया।
जमीन की खरीद फरोख्त रुकेगी-स धामी
धामी सरकार का सशक्त भू-कानून शुक्रवार को विधानसभा में पास हो गया। इसके साथ ही हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर छोड़कर अन्य 11 जिलों में जमीनों की अवैध, गैर कानूनी खरीद-फरोख्त पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया। यहां कृषि और औद्योनिकी के लिए बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में कहा कि यह तो अभी शुरुआत है, देवभूमि के भौगोलिक, सांस्कृतिक स्वरूप को कायम रखने के लिए बदलाव अनवरत जारी रहेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री आवास में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से शिष्टाचार भेंट की।
उत्तराखंड बजट सत्र का आज पांचवां दिन है। कल भू कानून समेत दस विधेयक पारित हुए थे। आज बजट पारित होगा।
संसदीय कार्यमंत्री की भाषा पहाड़ का अपमान- नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर संसदीय कार्य मंत्री प्रदेश की जनता से माफी मांग लेंगे तो जनता उन्हें माफ कर देगी। अगर संसदीय कार्य मंत्री इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं तो प्रदेश पर प्रश्न चिह्न खड़ा होता है।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की मांग- संसदीय कार्य मंत्री मांगे माफी
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने पहाड़ मैदान के मुद्दे को लेकर कहा कि संसदीय कार्यमंत्री को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि संसदीय कार्य मंत्री माफी मांगें।
पहाड़-मैदान की बात पर सदन में हंगामा
सदन में संसदीय कार्यमंत्री के बयान पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई करने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि मैंने सदन में ही अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था। पहाड़ मैदान की बात को लेकर सदन में हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष भड़क गईं। उन्होंने विपक्ष को फटकार लगा दी।
जमीन के क्रय-विक्रय पर होगा नियंत्रण -मुख्यमंत्री धामी
धामी सरकार का सशक्त भू-कानून शुक्रवार को विधानसभा में पास हो गया। इसके साथ ही हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर छोड़कर अन्य 11 जिलों में जमीनों की अवैध, गैर कानूनी खरीद-फरोख्त पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया। यहां कृषि और औद्योनिकी के लिए बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में कहा कि यह तो अभी शुरुआत है, देवभूमि के भौगोलिक, सांस्कृतिक स्वरूप को कायम रखने के लिए बदलाव अनवरत जारी रहेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री आवास में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से शिष्टाचार भेंट की
उत्तराखंड में विधानसभा सत्र का आज पांचवां दिन है। गुरुवार को प्रस्तुत बजट पर शुक्रवार को सदन में चर्चा हुई। साथ ही दस विधेयक भी पारित हुए।