आतंकी पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी के पिता ने भी फहराया तिरंगा,गाया राष्ट्रगान
आतंकी के पिता का मजहब तिरंगा:5 साल पहले मुठभेड़ में मारे गए बुरहान वानी के प्रिंसिपल पिता ने स्कूल में तिरंगा फहराया, आतंकवाद का पोस्टर बॉय था बेटा
बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर अहमद ने रविवार को त्राल के स्कूल में तिरंगा फहराया।
श्रीनगर 15अगस्त। आजादी के जश्न के दौरान कश्मीर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने साबित कर दिया है कि आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता। और, देशभक्त का एक ही मजहब होता है.. तिरंगा। जो बुरहान वानी कभी आतंकवाद का पोस्टर बॉय बन गया था, आज उसी के पिता मुजफ्फर अहमद वानी ने स्कूल में तिरंगा फहराया, राष्ट्रगान गाया। आतंकी संगठन हिज्बुल के कमांडर बुरहान वानी को 8 जुलाई 2016 में सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था।
मुजफ्फर अहमद त्राल के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। रविवार को उन्होंने यहां फ्लैग होस्टिंग की। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राष्ट्रगान की धुन पर मुजफ्फर अहमद समेत पूरा स्कूल तिरंगे को सलामी दे रहा है।
कौन था बुरहान वानी ?
22 साल का बुरहान वानी 15 साल की उम्र में आतंकी बना था। बुरहान साउथ कश्मीर में बहुत एक्टिव था। उसने यहां के कई पढ़े-लिखे युवाओं को बरगला कर आतंकी बनाया था।
कश्मीरी यूथ को रिक्रूट करने के लिए वह फेसबुक-वॉट्सऐप पर वीडियो और फोटो पोस्ट करता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्योरिटी फोर्सेस का मजाक उड़ाते नजर आता था।
वानी को भड़काऊ स्पीच देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था। वानी की मौत के बाद कश्मीर में करीब 90 दिन तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे थे।
तस्वीर 2016 की है, जब बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद कश्मीरी यूथ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे।
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वानी को उसकी गर्लफ्रेंड के जरिए घेरा गया था
आर्मी कैंप में 8 जुलाई की शाम सूचना आई थी कि बुरहान वानी कोकरनाग के पास बमडूरा गांव के एक मकान में पहुंचा है। उसके पास ज्यादा हथियार नहीं हैं। इन्फॉर्मेशन पक्की थी, क्योंकि खुद इंटेलिजेंस और आर्मी ने वानी को उस गांव में लाने का प्लान बनाया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को पहले ही उस गांव के पास बुलवा लिया गया था। वानी को उसकी एक गर्लफ्रेंड के जरिए बुलाया गया था। वानी अपने साथी सरताज के साथ ही चलता था। सरताज का फोन खुफिया एजेंसियों की रडार पर था। उस दिन भी वानी अपने दोस्त सरताज और परवेज के साथ ही था।
जहां वानी छुपा था वहां पहले आग लगाई गई
सुरक्षाबलों ने जब पक्का कर लिया कि वानी उस घर में ही छिपा हुआ है तो आर्मी ने 100 जवानों ने पुलिस SOG के 35-36 जवानों के साथ मिलकर कोकरनाग इलाके में डबल लेयर का घेरा डाल लिया। सेना वानी के खात्मे का ये सुनहरा मौका चूकना नहीं चाहती थी। सीधे फायरिंग करने के बजाय इलाके के जिस घर में बुरहान वानी छिपा था, वहां पीछे से आग लगाई गई। आग लगते ही वानी और उसके साथी बाहर भागे।
नशे में था बुरहान वानी
वानी उस वक्त नशे में था। उससे भागते भी नहीं बन रहा था। परवेज और सरताज ही उसका हाथ पकड़े थे। मौका देख जवानों ने उसे घेर लिया। वानी कुछ कहता या करता, इससे पहले ही महज 4 फीट की दूरी से उसे गोली मार दी गई। जवानों का पहला टारगेट सिर्फ वानी था। बाकी के दो आतंकियों को जिंदा पकड़ने का प्लान था, लेकिन परवेज और सरताज की तरफ से हरकत होते देख जवानों ने उन पर भी ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। तीनों का खात्मा हो गया। तलाशी में वानी के पास सिर्फ एक पिस्टल मिली थी। आमतौर पर वह बुलेटप्रूफ जैकेट और कॉम्बेट ड्रेस पहने रहता था। फिर चाहे वह अपने ठिकाने पर बैठकर सोशल मीडिया का वीडियो ही क्यों न रिकॉर्ड कर रहा हो।
बुरहान की मौत के बाद हिंसा में 76 लोग मारे गए थे
बुरहान के एनकाउंटर के बाद कश्मीर के 4 जिले पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में भारी हिंसा हुई थी। यहां 5 दिन के अंदर 2 पुलिसवालों समेत 76 लोगों की मौत हुई। अधिकारियों ने बताया था कि इन जिलों में आतंकियों को लोकल पब्लिक का सपोर्ट है, इसलिए तनाव ज्यादा रहता है। पुलवामा में आसपास घने जंगल भी हैं, जिसकी वजह से आतंकियों को हमला करने के बाद छिपना आसान होता है। बुरहान भी पुलवामा का ही रहने वाला था।