गाय के गोबर से बने एक लाख दियों से जगमगाया गोमती तट
गाय के गोबर से बने एक लाख दीये, जगमगा उठा लखनऊ, देखें आसमानी नजारा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को अद्भुत नजारा देखने को मिला। लखनऊ में पहली बार हुए गोमय दीपोत्सव से पूरा गोमती घाट जगमगा उठा। इस दीपोत्सव की खास बात यह थी कि गाय के गोबर से बने एक लाख दियों से भगवान लक्ष्मण की नगरी के गोमती घाट को सजाया गया था। नगर निगम के कान्हा उपवन में निर्मित एक लाख दियों से दीपोत्सव की शुरुआत हुई। इस दौरान लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि गोबर के दीये ना सिर्फ वातावरण के लाभकारी है बल्कि एक लाख दीयों को निर्मित करने में कई लोगों को रोजगार भी मिला है। इसमें कई स्वयं सेवी संस्थाओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। यह पूरा कार्यक्रम गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंदन के निर्देशन और मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और नगर विकास मंत्री गोपाल टंडन जी ने मेयर संयुक्ता भाटिया को इस दिव्य आयोजन के लिए बधाई दी। कार्यक्रम का समापन महंत दिव्या गिरी के नेतृत्व में मां गोमती, भगवान राम,लक्ष्मण और माता सीता की आरती के साथ संपन्न हुआ।
कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच मनाई गई दीपावली, इस बार कम जले पटाखे
लखनऊ समेत कई जिलों में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध की वजह से पटाखे काफी कम जले. कोविड-19 के प्रोटोकॉल के बीच दीपावली का त्यौहार मनाया गया.
कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच मनाई गई दीपावली, इस बार कम जले पटाखे
उत्तर प्रदेश में दीपावली का त्यौहार कोविड-19 के कड़े प्रोटोकॉल के बीच शनिवार को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. दीपावली पर लोगों ने शाम को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की और दिए जलाए, साथ ही अन्य तरीकों से रोशनी भी की. अनेक इमारतें झालरों की रोशनी से जगमगाती नजर आईं.
कम जले पटाखे
प्रदूषण के कारण राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध की वजह से पटाखे जलाने का सिलसिला काफी कम रहा. पिछले वर्षों की तुलना में इस बार बाजारों में रौनक नहीं दिखी और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों ने बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज किया.
मुख्यमंत्री ने मनाई दिवाली
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया समुदाय के लोगों के साथ दीपावली मनायी. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन में वनवासियों के बीच दीवाली मनाते हुए कहा कि गरीबों के चेहरे पर खुशहाली लाना ही दिवाली की सार्थकता है.
भावुक हुए मुख्यमंत्री योगी
अपने संबोधन के दौरान वनटांगियों के लिए अपने संघर्ष को याद कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भावुक हो उठे. उन्होंने कहा कि देश को आजादी 1947 में ही मिल गई लेकिन वनटांगियों को वास्तविक आजादी पाने में उसके बाद भी 70 साल लग गए. उन्होंने कहा कि वनटांगिया गांवों में लोग झोपड़ी में, ढिबरी की रोशनी में रहने को मजबूर थे. यहां सिर्फ गरीबी दिखती थी. वो यहां की समस्याओं से वाकिफ थे. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद इन वनवासियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया।