कभी भी लागू हो सकता है सीएए, नियमावली तैयार

Citizenship Amendment Act Caa Know 10 Big Updates Today
हफ्तेभर में लागू हो जाएगा नागरिकता संशोधन कानून,ये रही CAA से जुड़ी 10 बड़ी बातें
चार साल से लागू होने की राह ताक रहा है नागरिकता संशोधन कानून फिर चर्चा में है। एक केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि अगले सात दिनों में CAA लागू हो सकता है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने भी इसके संकेत दिए थे।
मुख्य बिंदु
सात दिनों में लागू हो सकता है नागरिकता संशोधन कानून
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने किया बड़ा दावा
हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने भी दिए थे संकेत

नई दिल्ली 30 जनवरी 2024 : लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) चर्चा में है। अगले सात दिनों में सीएए लागू हो सकता है। उत्तराखंड में सबसे पहले नागरिकता कानून पारित होगा,इसके बाद अन्य राज्यों में भी नागरिकता संशोधन कानून लागू हो सकता है। CAA भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल प्रमुख विषयों में से एक रहा है। माना जा रहा है कि राम मंदिर के बाद भाजपा सरकार का अगला दांव नागरिकता कानून ही होगा। सीएए मोदी सरकार ने साल 2020 में संसद से पारित करवाया था। तब देशभर में इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन भी हुए थे। सरकारी सूत्रों का कहना है कि हफ्तेभर में सरकार इसे लागू कर देगी।
नागरिकता संशोधन कानून से जुड़े 10 बड़े अपडेट यहां जानिए।

1. केंद्रीय मंत्री ने बताया कब लागू होगा कानून
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 7 दिन में देशभर में लागू हो जाएगा। ठाकुर पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में राज्यमंत्री हैं। उन्होंने रविवार शाम एक जनसभा में कहा कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा हो गई है। एक सप्ताह में न सिर्फ पश्चिम बंगाल में, बल्कि पूरे देश में CAA लागू हो जाएगा। कोलकाता में सोमवार को उन्होंने गारंटी देते हुए इसे दोहराया। उन्होंने कहा, कि ‘राज्य सरकार दावा करती है कि आपके पास मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड हैं,तो आप इस देश के नागरिक हैं और वोट डाल सकते हैं। अगर ऐसा है,तो हजारों लोगों को मताधिकार से वंचित क्यों रखा गया है?’ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा अब CAA का शोर मचा रही है। यह उनकी राजनीति है।

2. पूरी योजना तैयार, कभी भी आ सकता है नॉटिफिकेशन
सूत्रों के मुताबिक, सीएए को लेकर सरकार ने पूरी योजना बना ली है। जल्द ही इसके नियम जारी हो सकते हैं। नियम जारी होने के बाद जो पात्र हैं, उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। यानी ये साफ है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम लोकसभा चुनाव से पहले ही लागू होगा। जैसा कि पहले ही साफ किया जा चुका कि नागरिकता को अप्लाई करने वाले आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। हालांकि आवेदकों को बिना यात्रा दस्तावेज भारत में प्रवेश करने का साल बताना होगा।

3. ऑनलाइन होगी पूरी प्रक्रिया
CAA से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भारत की नागरिकता आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार हो रहा है। ऐप्लिकेंट ऑनलाइन तरीके से ही देश में आने का समय बताते अप्लाई कर सकेंगे। CAA से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इसको लोग अपने मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।

4. कौन-कौन कर पाएगा नागरिकता के लिए अप्लाई?
अधिकारियों के अनुसार भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थी नागरिकता के लिए आवेदन कर पाएंगे। अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं, वही इसको अप्लाई कर पाएंगे। नागरिकता अप्लाई करने वालों में हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल होंगे।

5. 2014 के बाद आए शरणार्थियों का क्या होगा?
जैसा कि कहा जा रहा है कि केवल 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी, ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल है कि जो लोग इसके बाद भारत आए हैं,उनके साथ क्या होगा? इसका जवाब देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सीएए की कट ऑफ डेट बढ़ाई जा सकती है, लेकिन अभी तक इसके बारे में पक्का कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। इसे लेकर सरकार के नोटिफिकेशन के बाद तस्वीर साफ हो पाएगी।

6. सुप्रीम कोर्ट में भी दी गई CAA को चुनौती
नागरिकता संशोधन अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ताओं ने कानून के खिलाफ याचिका दायर कर कहा कि ये कानून पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से सिर्फ हिंदू,सिख,बौद्ध,जैन,पारसी और ईसाइयों को ही भारत की नागरिकता देता है,इसमें म्यांमार में सताए रोहिंग्या,चीन के तिब्बती बौद्ध और श्रीलंका के तमिलों को जगह नहीं दी गई, जोकि अन्याय है।

7. सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त की कानून पर रोक वाली याचिका
भले ही ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है,लेकिन अदालत 18 दिसंबर 2019 को ही नागरिकता संशोधन कानून पर रोक वाली याचिका निरस्त कर चुकी है। तब अदालत ने केंद्र सरकार को इस बाबत नोटिस भी जारी किया था और सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था। जानकारी के अनुसार कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 250 से ज्यादा याचिकाएं दी गई थीं।

8. CAA को लेकर सरकार के स्टैंड बिल्कुल क्लियर
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध हुए, सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचा,लेकिन केंद्र सरकार का रुख एकदम साफ है। सुप्रीम कोर्ट में दिए गए शपथपत्र में सरकार ने कहा था कि इस कानून में ‘उचित वर्गीकरण’ का आधार धर्म नहीं,बल्कि पड़ोसी देशों में ‘धार्मिक भेदभाव’ है। केंद्र सरकार ने कहा कि ये कानून दुनियाभर के विषय का समाधान नहीं है और न ही सरकार दुनियाभर में होने वाले उत्पीड़न का समाधान कर सकती है। जब कानून को लेकर संसद में बहस चल रही थी जब भी गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि कानून नागरिकता देने को है, किसी की नागरिकता लेने को नहीं।

9. गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में दिए थे CAA को लेकर संकेत
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी सरकार नागरिकता संशोधन कानून के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ममता दीदी अक्सर सीएए के बारे में हमारे शरणार्थी भाइयों को गुमराह करती हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि सीएए देश का कानून है और इसे कोई नहीं रोक सकता। सभी को नागरिकता मिलेगी, यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है।’

10. क्या है कानून और कब लागू हुआ?
नागरिकता संशोधन कानून 11 दिसंबर 2019 में संसद से पास हुआ था। इस दौरान देशभर में CAA के खिलाफ व्यापक आंदोलन और विरोध प्रदर्शन हुए थे। 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये कानून बन गया। ये कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता देने के लिए है। कानून लागू होने के बाद इन देशों से आए गैरमुस्लिम शरणार्थियों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकेगी।

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