एनडीए की द्रोपदी मूर्मू हो सकती हैं पहली वनवासी महिला राष्ट्रपति, विपक्ष से यशवंत सिन्हा
द्रौपदी मुर्मू बनीं NDA की राष्ट्रपति कैंडिडेट:जीतने पर देश की पहली वनवासी राष्ट्रपति होंगी, प्रतिभा पाटिल के बाद इस पद पर पहुंचने वाली दूसरी महिला
द्रोपदी मुर्मु ओडिशा के मयूरभंज की निवासी हैं, वे झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल बनी थीं।
नई दिल्ली 21 जून। देश के अगले राष्ट्रपति पद के लिए NDA ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगा दी है। मंगलवार शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद उनके नाम पर सहमति बनी। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे। मुर्मु अपना नामांकन 25 जून को दाखिल कर सकती हैं।
द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान करने के साथ ही भाजपा ने उनकी उपलब्धियां भी बताई हैं।
मीटिंग के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मीटिंग में 20 नामों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तय किया गया था कि इस बार राष्ट्रपति कैंडिडेट के लिए पूर्वी भारत से किसी दलित महिला को चुना जाना चाहिए। इसके बाद मुर्मू के नाम को मंजूरी दी गई।
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनी थीं। वे ओडिशा में भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रही हैं।
ओडिशा की हैं 64 साल की मुर्मू
झारखंड की नौंवी राज्यपाल रहीं 64 साल की द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं। वे ओडिशा के ही रायरंगपुर से विधायक रह चुकी हैं। वह पहली उड़िया नेता हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया। इससे पहले भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में साल 2002 से 2004 तक वह मंत्री भी रहीं। मुर्मू झारखंड की पहली वनवासी महिला राज्यपाल भी रही हैैं।
मुर्मू के नाम देश की पहली वनवासी महिला गवर्नर का श्रेय भी है। 2015-2021 के बीच वह झारखंड की गवर्नर रही हैं। 20 जून 1958 में जन्मीं मुर्मू की पढ़ाई-लिखाई भुवनेश्वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से हुई है। वह स्नातक हैं। उनके पति श्याम चरण मुर्मू इस दुनिया में नहीं हैं। उनके एक बेटी है। उसका नाम इतिश्री मुर्मू है। इतिश्री का विवाह हो चुका है।
2013 से 2015 तक मुर्मू बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहीं। 2010 में उन्होंने मयूरभंज (पश्चिम) से बीजेपी की जिला अध्यक्ष की कमान संभाली। उन्हें 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 2006-2009 के बीच वह बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं। 2004-2009 के बीच मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर से विधानसभा सदस्य थीं। 2002-2009 के बीच मुर्मू ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर एस.टी. मोर्चा की जिम्मेदारी संभाली। 2000-2004 के बीच वह ओडिशा सरकार में परिवहन और वाणिज्य विभाग की मंत्री रही हैं। 2002-2004 के बीच उन्होंने ओडिशा सरकार के पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी संभाली।
विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को बनाया कैंडिडेट
इधर, विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय किया है। इसके बाद सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने इस बात के संकेत दिए थे कि वे राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं। नई दिल्ली में विपक्ष की बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम 27 जून को सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे।
सिन्हा ने लिखा- मैं ममता जी का आभारी हूं
सिन्हा ने पोस्ट में कहा, ‘ममता जी ने TMC में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है कि मैं एक बड़े उद्देश्य को पार्टी से अलग हो जाऊं ताकि विपक्ष एकजुट करने को काम कर सकूं। मुझे उम्मीद है कि ममता जी मेरे इस कदम को स्वीकार करेंगी।’
बड़े नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव से नाम वापस लिया
अब तक कई बड़े नेता राष्ट्रपति चुनाव की रेस से पीछे हट चुके हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव से अपना नाम वापस लिया था। उनसे पहले नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला ने भी विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था।
देश में अब तक किस वर्ग से कितने राष्ट्रपति बने
जीतने पर द्रौपदी मुर्मु देश की पहली वनवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। उनसे पहले दलित वर्ग से आने वाले केआर नारायणन ( हालांकि ईसाई होने से तकनीकी रूप से वेे दलित नहीं थेे ) और मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस पर पहुंचे हैं, लेकिन पहली बार वनवासी समुदाय से किसी को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है। वहीं, प्रतिभा पाटिल के बाद दूसरी बार कोई महिला इस पद पर पहुंचेगी।
नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून
15 जून को नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है। अगर चुनाव कराने की जरूरत पड़ती है, तो यह 18 जुलाई को कराए जाएंगे और 21 जुलाई को ही नतीजे आ जाएंगे।