रामपुर तिराहा कांड: सीबीआई विवेचक की गवाही 17 सित. को
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मुजफ्फरनगर कोर्ट में FIR साबित करने को CBI अभियोजक की अर्जी स्वीकार, हथियारों की फर्जी बरामदगी का मामला
उत्तराखंड आंदोलन से जुड़े रामपुर तिराहा कांड के दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आंदोलनकारियों से हथियारों की फर्जी बरामदगी दर्शाने के आरोप में दर्ज मुकदमे की एफआईआर पर प्रदर्श डालने (एफआईआर साबित करने) संबंधी सीबीआई लोक अभियोजक के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया। इसके बाद सीबीआई के पूर्व विवेचक को गवाही के लिए 17 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया गया।
मुजफ्फरनगर07 सितंबर 2024: उत्तराखंड आंदोलन से जुड़े रामपुर तिराहा कांड के दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आंदोलनकारियों से हथियारों की फर्जी बरामदगी दर्शाने के आरोप में दर्ज मुकदमे की एफआइआर पर प्रदर्श डालने (एफआईआर साबित करने) संबंधी सीबीआई लोक अभियोजक के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद सीबीआइ के पूर्व विवेचक को गवाही के लिए 17 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया गया। जबकि आंदोलनकारी का शव गंग नहर में बहाए जाने संबंधी मामले में अभियोजन ने गवाह से जिरह की। इस दौरान बचाव पक्ष और अभियोजन के बीच कोर्ट में काफी गर्मा-गरमी हुई।
30 वर्ष पूर्व पृथक राज्य उत्तराखंड गठन के लिए पहाड़ी क्षेत्र में आंदोलन शुरू हो गया था। एक अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर आंदोलनकारी विभिन्न वाहनों में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे जिन्हें छपार थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर रोक लिया गया था। दो अक्टूबर की रात को पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प हुई थी। फायरिंग में सात आंदोलनकारी मारे गए थे। जबकि पुलिस और पीएसी पर तीन आंदोलनकारी महिलाओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ तथा लूट के आरोप लगे थे।
हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर सीबीआई ने अलग-अलग कई मुकदमे दर्ज किये थे। आंदोलनकारियों पर हथियारों की फर्जी बरामदगी दर्शाने तथा एक आंदोलनकारी का शव गंग नहर में बहाए जाने सहित दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले में विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी जिनमें सरकार बनाम ब्रजकिशोर एवं सरकार बनाम एसपी मिश्रा मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन डाक्टर देवेन्द्र फौजदार कर रहे हैं।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने बताया, कि आंदोलनकारियों से हथियारों की फर्जी बरामदगी दर्शाने के मामले में सरकार बनाम ब्रजकिशोर मामले की एफआइआर साबित करने के लिए कोर्ट में सीबीआई के पूर्व विवेचक यशपाल सिंह को बुलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था जिसे शुक्रवार को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए यशपाल सिंह निवासी मवाना रोड मेरठ को समन जारी करते हुए 17 सितंबर को गवाही के लिए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
वहीं कोर्ट में सरकार बनाम एसपी मिश्रा मामले में भी सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से गवाह अनिल कुमार से जिरह की गई। सीबीआई विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने बताया, बचाव पक्ष के हस्तक्षेप करने के कारण जिरह पूरी नहीं हो सकी जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तिथि निर्धारित कर दी। उन्होंने बताया, कि 17 सितंबर को रामपुर तिराहा कांड से जुड़े सरकार बनाम राधा मोहन द्विवेदी सहित तीन मामलों की सुनवाई होगी।