सीबीआई के 40 जगह छापों में गृह मंत्रालय के अफसर भी फंसे
एनजीओ को FCRA सर्टिफिकेट्स देने के मामले में 40 ठिकानों पर CBI की रेड, गृह मंत्रालय के अधिकारी भी रडार पर
Curated by उत्कर्ष गहरवार
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई ने पूरे देश में NGO को FCRA सर्टिफिकेट देने का मामले में मंगलवार को भी छापेमारी जारी रखी। सीबीआई ने अपनी कार्रवाई में 40 ठिकानों पर दबिश दी जिसमें दिल्ली, राजस्थान चेन्नई और मैसूर में मौजूद ठिकाने शामिल रहे। एजेंसी ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली 10 मई: देश भर में NGO को एफसीआरए सीटिफिकेट्स देने के मामले में सीबीआई लगातार छापेमारी ( CBI Raid FCRA Violation) कर रही है। सीबीआई ने अपनी कार्रवाई में मंगलवार को देश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की है जिसमें दिल्ली, राजस्थान, चेन्नई, हैदराबाद, मैसूर में मौजूद ठिकानें भी शामिल हैं। इस मामले में सीबीआई ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जिसमें अधिकारियों और एनजीओ के प्रतिनिधि शामिल हैं। सर्च के दौरान 2 करोड़ रूपये भी बरामद किए गए हैं। माना जा रहा है कि यह हवाला के माध्यम से जुटाए गए हैं।
जांच के दौरान सीबीआई अधिकारियों ने क्या बताया
सीबीआई के अधिकारियों ने अपनी इस कार्रवाई में बताया कि इसमें गृह मंत्रालय के अनेक अधिकारियों, एनजीओ के प्रतिनिधियों और बिचौलियों ने FCRA 2010 का उल्लंघन किया है। अधिकारियों ने बताया कि इन्होंने विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए पैसों का लेनदेन किया था। सीबीआई ने इस मामले में सिलसिले में गृह मंत्रालय के अधिकारियों और एनजीओ के प्रतिनिधियों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने कब की छापेमारी
एजेंसी की तरफ से छापेमारी की कार्रवाई तब की गई जब खुद गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने अपने ही विभाग के कुछ अधिकारियों के शामिल होने का संदेह जताया था। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि हमने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री मोदी की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति में की है। एजेंसी मनी लांड्रिंग के नजरिए से भी इसकी जांच करेगी ।
छापे दिल्ली, राजस्थान, चेन्नई, हैदराबाद, कोयंबटूर, और मैसूर जैसे शहरों में मारे गए। एक रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 5 सरकारी अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि उन्होंने घूस लेकर कुछ एनजीओ को विदेशी चंदे की मंजूरी दी थी।
एक रिपोर्ट में सीबीआई सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने रिश्वत के बदले गैर-सरकारी संगठनों को अवैध विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम यानी एफसीआरए की मंजूरी दी।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गृह मंत्रालय के सरकारी अधिकारी, एनजीओ के प्रतिनिधि और बिचौलिए को विदेशी फंडिंग क्लीयरेंस हासिल करने के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
प्रमुख जांच एजेंसी ने कहा कि बारह गैर सरकारी संगठनों की जांच चल रही है। एजेंसी ने तलाशी के बाद कहा है कि हवाला चैनलों के ज़रिए करीब दो करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन पाया गया है। गृह मंत्रालय की सूचना के बाद सीबीआई ने छापेमारी की।
हालाँकि, द इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि गृह मंत्रालय के 6 अधिकारियों से घूस लेने के आरोपों को लेकर पूछताछ की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई सूत्रों ने दावा किया है कि लोक सेवकों सहित कुछ आरोपितों को रिश्वत लेते पकड़ा गया है। उन्होंने कहा, ‘लगभग आधा दर्जन लोक सेवकों और अन्य से पूछताछ की जा रही है। अब तक की तलाशी के दौरान हवाला चैनलों के जरिए करीब दो करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया है।’
गृह मंत्रालय का एफसीआरए विभाग, मंत्रालय के विदेश विभाग का हिस्सा है और एफसीआरए में गैर सरकारी संगठनों को विदेशों से धन प्राप्त करने की अनुमति देने को ज़िम्मेदार है। यदि वे कानून का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो पंजीकरण रद्द हो सकते हैं।
पिछले महीने डिवीजन ने एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए ईसाई इवेंजलिज़्म से जुड़े कुछ अन्य गैर सरकारी संगठनों के साथ अंतरराष्ट्रीय एनजीओ कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिये थे।
एक अधिकारी के अनुसार एजेंसी ने एफसीआरए डिवीजन में भ्रष्टाचार के बारे में एमएचए की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की है। शिकायत कुछ दिन पहले मिली थी और सत्यापन के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। अब रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय के उन अधिकारियों को गिरफ़्तार किया जा सकता है।