मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का त्यागपत्र, नये नेता का चुनाव कल 10 बजे
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने दिया त्यागपत्र, कहा- सामूहिक विचार के बाद ही होता है भाजपा में फैसला
चार दिनों से उत्तराखंड की राजनीति में चल रही हलचल मंगलवार को परिणाम तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने राजभवन पहुंचकर अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।
देहरादून 09 मार्च। आखिरकार भाजपा में चार दिन की राजनीतिक हलचल के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पद से त्यागपत्र दे दिया। मंगलवार शाम राजभवन पहुंचकर उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना त्यागपत्र सौंपा। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को राज्य के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभाली थी। त्रिवेंद्र को अपना चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने से नौ दिन पहले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके अलावा त्रिवेंद्र भी उत्तराखंड के उन पूर्व मुख्यमंत्रियों में शामिल हो गए हैं, जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाए। उत्तराखंड में केवल कांग्रेस से नारायण दत्त तिवारी ही अब तक पांच साल का कार्यकाल पूर्ण करने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि मैंने नए मुख्यमंत्री के बनने तक त्रिवेंद्र रावत को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।
पत्रकार वार्ता करते त्रिवेन्द्र सिंह रावत
बाद में अपने सरकारी आवास पर मीडिया से पांच मिनट की संक्षिप्त बातचीत में त्रिवेन्द्र ने कहा कि पार्टी ने एक छोटे से सात-आठ परिवारों के गांव और साधारण सैनिक परिवार के व्यक्ति को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा जो सिर्फ भाजपा में ही हो सकता है। मुख्यमंत्री की हैसियत से महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण, बच्चों की शिक्षा, किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लाए। उन्होंने अपने त्यागपत्र के संदर्भ में कहा कि भाजपा में सामूहिक विचार के बाद ही निर्णय होते हैं । कभी सोचा नहीं था पार्टी उन्हें इतना सम्मान देगी और यह भाजपा में ही संभव है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को त्यागपत्र सौंपते मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री ने बताया कि नये नेता के चयन को कल सुबह 10 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पर पार्टी विधायक दल की बैठक होगी। उन्होंने अपने कार्यकाल में मीडिया से मिले सहयोग के लिए भी धन्यवाद दिया। अपने हटने के पीछे का कारण पूछे जाने पर कहा कि यह जानने को मीडिया को दिल्ली संपर्क करना चाहिए।
वार्ता और राज्यपाल से भेंट में उनके साथ पार्टी अध्यक्ष बंशीधर भगत,सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक,हरबंस कपूर, पार्टी प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान, विधायक केदार सिंह रावत,मेयर सुनील उनियाल गामा आदि भी थे।
बैठक के लिए पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम आज ही देहरादून पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे दिल्ली से देहरादून पहुंचे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर समर्थकों ने उनका स्वागत किया। हालांकि एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली से से लौटे विधायक मुन्ना सिंह चौहान के अलावा कोई विधायक या मंत्री नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री दोपहर लगभग 12 बजे देहरादून में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां धीरे-धीरे उनके समर्थक जुटने लगे। मुख्यमंत्री आवास पर उनके समर्थकों ने काफी देर तक नारेबाजी भी की।