मुम्बईया फिल्म अभिनेत्री करोड़ों के भूमि घोटाले की शिकार,बाहर निकलने को रास्ते की तलाश
बॉलीवुड अभिनेत्री मुमताज़ ने दिया उत्तराखंड सरकार को चकमा, गुपचुप तरीके से डेक्कन वैली में खरीदी 10 बीघा जमीन
RAJAT PRATAP SINGH
-स्टाम्प ड्यूटी की चोरी सहित मानक के विपरीत भूमि क्रय का मामला आया सामने
रजत प्रताप सिंह
ऋषिकेश। फिल्मी पर्दे पर लोगों को अपने डांस और अभिनय से मुरीद बनाने वाली गये जमाने की बॉलीवुड अभिनेत्री मुमताज़ एक जमीनी विवाद में फंस गई हैं। मामला टिहरी जनपद के तपोवन क्षेत्र का है। यहां डेक्कन वैली में उन्होंने सरकार की आखों में धूल झोंककर 10 बीघा जमीन खरीद ली। विक्रेता ने फिल्मी हीरोइन को सब्जबाग दिखाकर पैसे वसूले और किनारे हो गया। अब जमीनी हकीकत पता चली तो मुमताज़ खुद विवादित जमीन को बेचकर पिंड छुड़ाना चाह रही हैं। कुछ स्थानीय लोगों ने मुमताज़ को करोड़ो रूपये बयाना के रूप में देकर प्लाटिंग करने की सोची भी। नतीजा ये रहा कि भू उपयोग बदल नहीं पाया। साथ ही खरीददार तकनीकी खामी के चलते भाग खड़े हुए। अब बयाना का पैसा डूब चुका है। उधर मुमताज़ भी डेक्कन वैली की 10 बीघा जमीन खरीदकर खुद को ठगा महसूस कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन न जाने किस मौके की तलाश में चुप्पी साधे बैठा है।
क्या है मामला
नरेंद्र नगर तहसील अंतर्गत इस भूमि की खरीद फरोख्त वर्ष 2003 से शुरू हुई। उक्त कृषि भूमि कई खातेदारों के नाम दर्ज थी। साल 2008 में कुल आठ खातों में दर्ज भूमि को एससी मधुकर निवासी फ्लैट नंबर 3, 4 गंगा वाटिका, टिहरी गढ़वाल ने खरीद ली। 2008 में ही एससी मधुकर ने शिरीन टूरिज्म वेंचर के नाम से एक फर्म रजिस्टर करवा ली। इसमे कुल 10 बीघा भूमि निहित कर अभिनेत्री मुमताज़ को बेंच दिया।
कैसे और किस स्तर पर हुई अनियमितता
डेक्कन वैली स्थित 10 बीघा जमीन की रजिस्ट्री में राजस्व विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है। नियमानुसार कृषियोग्य भूमि किसी कंपनी के नाम पर पंजीकृत नहीं हो सकती है। इसके अलावा सम्पूर्ण भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी की चोरी भी उजागर हुई है। खास बात ये है कि उत्तराखंड से बाहर के निवासी को ढाई सौ वर्गमीटर से ज्यादा भूमि क्रय का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद अफसरों की मिलीभगत से अभिनेत्री मुमताज को 10 बीघा जमीन एकमुश्त बेच दी गई। दरअसल शिरीन टूरिज्म वेंचर के नाम से गठित कंपनी के नाम 10 बीघा जमीन की गई। इसके बाद पूरी कंपनी मुमताज़ को बेचने का खेल कर दिया गया।
करोडों की रकम डूबती देख अवैध प्लाटिंग की कोशिश
मुमताज़ ने देवभूमि में करोडों की रकम से बेशकीमती जमीन खरीद तो ली, लेकिन पचड़ा भांपकर स्थानीय लोगों के जरिये प्लाटिंग का मन बना लिया। ब्रोकर्स ने भी बेहतरीन लोकेशन देख बहती गंगा में हाथ धोने की ठान ली। इसके बदले में तीन करोड़ रुपये का बयाना भी मुमताज को भेंट कर दिया गया। दिक्कत ये हुई कि अब राजस्व विभाग भू उपयोग नहीं बदल रहा है। इसके चलते अवैध प्लाटिंग की कोशिशें परवान चढ़ने से पहले ही जमीदोज हो गई हैं। इसके साथ ही ब्रोकर्स के बयाना की रकम भी डूब गई है। फिलहाल मुमताज सहित कई स्थानीय बिल्डर मगजमारी में लगे हुए हैं कि कैसे 10 बीघा जमीन से सोना निचोड़ा जाए।
(उत्तराखंड का आदित्य से साभार)