केंद्र से राज्यों को अब तक 20.28 करोड़ मुफ्त कोविड वैक्सीन 19 तक 51 लाख और,

केंद्र ने राज्यों को मुफ्त में दी 20 करोड़ से ज्यादा Covid वैक्सीन, अब तक इतने लोगों को लगा टीका

नई दिल्ली 16मई । देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है। कोरोना वायरस के कारण हर रोज लाखों लोग देश में संक्रमित हो रहे हैं। वहीं कई लोगों की जान भी कोरोना के कारण जा रही है। इस बीच देश में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान भी जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार (मई 16, 2021) को कहा है कि 20 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त में दी गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, “भारत सरकार के जरिए अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 20 करोड़ से अधिक (20,28,09,250) वैक्सीन डोज मुफ्त दी गई है। 1.84 करोड़ से अधिक (1,84,41,478) वैक्सीन डोज अभी भी उनके पास उपलब्ध हैं। इसके अलावा अगले 3 दिनों में उन्हें लगभग 51 लाख डोज मिल जाएगी।”

केंद्र द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि जो राज्य उन्हें दिए गए टीकों की तुलना में अधिक खपत (अपव्यय सहित) दिखा रहे हैं, उन्होंने सशस्त्र बलों को आपूर्ति किए गए टीकों का मिलान नहीं किया है। राज्यों को अगले तीन दिनों में 50,95,640 वैक्सीन की खुराक और मिलने वाली है।

बता दें कि जनवरी के महीने से देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। देश में अब तक 18.2 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। वहीं 4.1 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज अब तक दी जा चुकी है। पिछले 24 घंटों में 17 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई है।

देश में कितने कोरोना के मरीज?

वहीं देश में अब तक 2.46 करोड़ से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 2 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं। वहीं 2.7 लाख लोगों की कोरोना कारण जान भी जा चुकी है। देश में फिलहाल कोरोना वायरस के 36 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं।

हीलाहवाली: राज्यों में वैक्सीन पर हायतौबा, वैक्सीन की उपलब्धता के बावजूद टीकाकरण लक्ष्य से बहुत पीछे

चिंताजनक: समझ से परे है कई राज्यों का वैक्सीन प्रबंधन।
स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर टीकाकरण में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है। युवाओं को हर दिन औसतन लगभग 14 लाख डोज लगनी चाहिए थी लेकिन हकीकत यह है कि पिछले 15 दिनों में महज 48 लाख युवाओं को ही पहली डोज दी गई।
कई राज्यों में वैक्सीन की कमी का रोना जारी है। वैक्सीनेशन सेंटर भी बंद किए जा रहे हैं। पर सच्चाई यह है कि कुछ राज्य सरकारें उपलब्ध वैक्सीन लगाने में भी तत्परता नहीं दिखा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रविवार की सुबह तक राज्यों को मुफ्त भेजी गई वैक्सीन में 1.84 करोड़ डोज बची हुई थीं। इसके अलावा अगले तीन दिन में 51 लाख डोज पहुंचने वाली हैं। वैक्सीन की इतनी उपलब्धता के बावजूद शनिवार को केवल 17 लाख 22 हजार डोज दी गई।

सबसे अधिक वैक्सीन यूपी के पास 18 लाख 60 हजार डोज, दिल्ली में पांच लाख 33 हजार डोज उपलब्ध

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों की पूरी सूची जारी कर बताया है कि किन-किन के पास कितनी वैक्सीन बची हुई हैं और अगले तीन दिन में कितनी वैक्सीन पहुंचने वाली हैं। देश में सबसे अधिक वैक्सीन उत्तर प्रदेश के पास 18 लाख 60 हजार, मध्य प्रदेश के पास नौ लाख 86 हजार, झारखंड के पास सात लाख 85 हजार, छत्तीसगढ़ में सात लाख 62 हजार, बिहार में सात लाख 48 हजार और दिल्ली में पांच लाख 33 हजार डोज उपलब्ध हैं।

टीकाकरण अभियान गति नहीं पकड़ रहा

अगले तीन दिन में उत्तर प्रदेश को छह लाख, मध्य प्रदेश को पांच लाख 26 हजार, झारखंड को दो लाख 21 हजार, छत्तीसगढ़ को चार लाख 22 हजार और दिल्ली को एक लाख 74 हजार डोज मिलने वाली हैं, लेकिन इन राज्यों में उपलब्ध वैक्सीन के अनुसार टीकाकरण अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है।

राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई लगातार जारी, लेकिन टीकाकरण लक्ष्य से बहुत पीछे

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मई महीने में कुल आठ करोड़ डोज वैक्सीन का उत्पादन होना है। एक मई से इसकी सप्लाई भी लगातार जारी है। वैक्सीन के उत्पादन के हिसाब से पूरे देश में हर दिन औसतन 25 से 26 लाख डोज लगने चाहिए, लेकिन हालत यह है कि पिछले 15 दिन से औसतन 20 लाख डोज प्रतिदिन भी नहीं लग पा रही हैं। शनिवार को 17 लाख से कुछ अधिक डोज ही दी जा सकीं।

15 दिनों में महज 48 लाख युवाओं को पहली डोज दी गई

सबसे ज्यादा रहस्य राज्यों और निजी क्षेत्र को मिलने वाली वैक्सीन को लेकर है। दो दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मई महीने में राज्यों और निजी क्षेत्र को कुल 4.39 करोड़ डोज मिलेंगी। इस वैक्सीन का इस्तेमाल 18 से 44 साल के युवाओं के लिए किया जा रहा है। इतनी वैक्सीन में युवाओं को हर दिन औसतन लगभग 14 लाख डोज लगनी चाहिए थी, यानी 15 दिन में डेढ़ करोड़ से कुछ ज्यादा, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले 15 दिनों में महज 48 लाख युवाओं को ही पहली डोज दी गई।

वैक्सीन एक राजनीतिक मुद्दा बन गया

वैक्सीन की उपलब्धता के दावे और असल में वैक्सीन लगाए जाने में भारी अंतर के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहते हुए कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया कि यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। वे राज्यों के साथ मिलकर टीकाकरण में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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