केंद्रीय अमृत बजट 2023-24: सबको साधने का उपक्रम पूरा बजट समझाने को ये रहे 23 बिंदू

 

बजट की फाइनल पिक्चर: कहीं खुशी-कहीं गम, 23 प्वाइंट में 2023 का पूरा बजट

वित्त मंत्री ने बजट 2023 के जरिए लगभग हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। इनकम टैक्स के जरिए उन्होंने मिडिल क्लास को राहत की बड़ा उपहार दिया तो वहीं इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर कुछ को झटका भी दिया है। वित्त मंत्री ने बजट में महिला से लेकर बुजुर्गों, बच्चों से लेकर युवाओं को समेटने की कोशिश की है।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज 1 घंटे 27 मिनट के बजट भाषण में उन्होंने सौगातों की बरसात कर दी। उन्होंने लगभग हर वर्ग को समेटने की कोशिश की। बजट में उन्होंने 61 बार भारत, सिर्फ दो बार गरीब, 59 बार टैक्स शब्द का जिक्र किया, हालांकि उनके भाषण से अस्पताल और अल्पसंख्यक जैसे नाम गायब रहे हैं। 38 पेजों के अपने बजट भाषण के आखिरी में उन्होंने इनकम टैक्स को लेकर जो ऐलान किया, उसके बाद 30 सेकेंड तक मेज पर तालियां पीटने की आवाज आती रही। इसके बाद सदन में मोदी-मोदी के नारे लगने लगे। इस बजट का कहां कुछ लोगों ने स्वागत किया तो कुछ ने कमियां निकाली। हम इस पूरे बजट को 23 बिंदुओं में समेटने की कोशिश कर रहे हैं।

कहीं खुशी कहीं गम

वित्त मंत्री ने लगभग हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। 7 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करके उन्होंने युवाओं और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी है। वहीं न्यू टैक्स रिजीम में सरचार्ज को 37 % से घटाकर 25 % करके बड़े सैलरीड क्लास को भी खुश किया है। महिलाओं, छात्रों, किसानों को खुश करने की कोशिश की है।

बजट का पूरा लेखा जोखा

अगर बजट से गम की बात करें तो सिगरेट मार्केट, ज्वैलर्स, ऑयल रिफाइनर्स और विदेशी कार मेकिंग कंपनियां इस बजट से नाखुश रही। वहीं मनरेगा के आवंटन में 30 प्रतिशत की कटौती से विपक्ष नाराज दिखा।

7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री

23 बिंदुओं में 2023 का पूरा बजट

बजट में 7 लाख तक के इनकम को टैक्स फ्री कर दिया गया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के सबसे आखिरी में डायरेक्ट टैक्स को लेकर अहम घोषणा की। न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया गया। वहीं टैक्स स्लैब को 6 से घटाकर 5 कर दिया गया।
क्या सस्ता-क्या महंगा: बजट में इंपोर्ट ड्यूटी को ऊपर-नीचे किया गया, जिसके कारण कुछ चीजें सस्ती होगी तो कुछ चीजें महंगी हो जाएगी। वित्त मंत्री बैटरी बनाने के सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई। इसके अलावा टीवी पैनल, मोबाइल फोन के पार्ट्स, हीट कॉइल लैब में बनने वाले हीरों में इस्तेमाल होने वाले सीड पर कस्टम ड्यूटी कम कर दी गई। इसके अलावा श्रिंप फीड , ग्लिसरीन, डीनेचर्ड इथाइल अल्कोहल से कस्टम ड्यूटी को बिल्कुल खत्म कर दिया। कस्टम ड्यूटी कम होने से ये सामान सस्ते हो जाएंगे।
महंगा: बजट में सिगरेट, गोल्ड बार, प्लेटिनम , चांदी, कंपांउडेड रबर चिमनी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई। जिसके कारण अब ये महंगे हो जाएंगे।

 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटन को 66 फीसदी बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है.
रेल बजट: बजट में रेलवे को नई परियोजनाओं के लिए 75000 करोड़ रूपए का फंड और कुल 2.4 लाख करोड़ का बजट मिला।
वन स्टॉप केवाईसी: वित्त मंत्री ने डिजिलॉकर और आधार केवाईसी के लिए वन-स्टॉप केवाईसी मैनेजमेंट सिस्टम की घोषणा की।
बजट में 50 नए एयरपोर्ट के निर्माण की घोषणा की गई। इसके साथ ही हेलिपोर्ट बनाने का ऐलान किया गया।
वित्त मंत्री ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी को कम करने का ऐलान किया। जिससे हवाई सफर सस्ता होगा।
हेल्थ सेक्टर: वित्त मंत्री ने बजट में 157 नए नर्सिंग कॉलेज, मेडिकल फील्ड में निजी निवेश को बढ़ावा देने की घोषणा की गई। इसके अलावा 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेविंग लिमिट को दोगुना कर जिया। अब उनकी लिमिट 4.5 लाख से बढ़ाकर 9 लाख कर दी गई है।
बजट में महिलाओं के लिए नई बचत स्कीम की घोषणा की गई। महिला सम्मान बचत पत्र स्कीम का ऐलान किया गया। जिसकी मदद से महिलाएं 2 लाख रुपये तक की बचत पर सालाना 7.5 फीसदी तक का ब्याज पा सकती है।
बजट में डिफेंस सेक्टर के बजट को 13 फीसदी बढ़ाया गया है।
सीवेज सिस्टम: बजट में सीवेज सिस्टम में सुधार करते हुए इसे पूरी तरह मशीनरी करने की घोषणा की गई। बजट ऐलान के बाद 10 हजार करोड़ मैनहोल को मशीनहोल में बदला जाएगा।

किसान और कृषि सेक्टर: वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कई घोषणाओं का ऐलान किया। बजट में 20 लाख करोड़ के लोन, मत्स्य संपदा योजना के लिए 6 हजार करोड़, सहकारी समितियों के लिए 2516 करोड़ की घोषणा की गई। वहीं कृषि क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए एग्रीकल्चरल एक्सिलेटर फंड का ऐलान किया गया।
मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए इंस्‍टीट्यूट्स ऑफ मिलेट्स बनेगा
शिक्षा: बजट में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की बात कही गई। देशभर में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और वहां 38 हजार 800 शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की गई।
बजट में वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना में 66 फीसतदी की बढ़ोतरी की। इसे 79 हजार करोड़ का स्कीम बनाया गया।
पैन कार्ड को ताकतवर बनाया गया। सहकारी योजनाओं के लिए पैन कार्ड को मान्यता मिली।
वित्त मंत्री ने बजट में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा दिया। ऊप्जा सुरक्षा के लिए 35000 करोड़ का बजट आवंजिट किया।
ग्रीन एनर्जी कैपेसिटी को बढ़ावा देने के लिए 20700 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सरकार ने बजट में इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी फोकस रखा। 5G के लिए 100 ऐप डेवलपिंग लैब, स्मार्ट क्लास, हेल्थकेयर पर जोर दिया गया ।
सरकार ने बजट में गरीबों के लिए मुफ्त राशन स्कीम को एक और साल के लिए बढ़ा दी है।
वित्त मंत्री ने विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज की घोषणा की, जिसके तहत इन कारीगरों को एमएसएमई सेक्टर से जोड़ा जाएगा।

KYC होगी आसान, बजट 2023-24 में सीतारमण ने जानिए क्‍या किया इंतजाम

Budget 2023 Final Picture: Who Gained And Who Lost In Budget 23 Points

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में केवाईसी (नो योर कस्‍टमर) प्रक्रिया को आसान बनाने का इंतजाम किया है। उन्‍होंने इसे जोखिम के आधार पर बनाने का प्रस्‍ताव किया है। डिजिलॉकर के जरिये पहचान और पते को अपडेट करने की व्‍यवस्‍था भी की है। कस्‍टमर वेरिफिकेशन के लिए इसकी जरूरत पड़ती है।

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को ‘जोखिम-आधारित’ नजरिए को अपनाकर केवाईसी प्रक्रिया सरल बनाने का प्रस्ताव रखा। इस समय केवाईसी की ‘सबके लिए एक जैसी’ व्यवस्था लागू है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में डिजिलॉकर सेवा के जरिए पहचान और पते को अपडेट करने के लिए ‘एक जगह समाधान’ पेश करने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने यह घोषणा भी की कि व्यावसायिक प्रतिष्ठान सरकारी एजेंसियों की डिजिटल प्रणाली के लिए पैन को साझा पहचानकर्ता के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे।

सीतारमण ने कहा, कि केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) प्रक्रिया को सरल बनाते हुए इसे ‘सभी के लिए एक जैसा’ के बजाय ‘जोखिम आधारित’ नजरिया वाला बनाया जाएगा।’
डिजिटल इंडिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय क्षेत्र के नियामकों को भी केवाईसी प्रणाली के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कह कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों, नियामकों और विनियमित संस्थाओं द्वारा जारी किए गए व्यक्तियों की पहचान और पते के मिलान और उन्हें अपडेट करने के लिए एक जगह समाधान उपलब्ध कराया जाएगा। इसे डिजिलॉकर सेवा और आधार को मूलभूत पहचान के रूप में इस्तेमाल करके स्थापित किया जाएगा।

 

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नई इनकम टैक्‍स व्‍यवस्‍था में एक्‍जेम्‍पशन लिमिट बढ़ाई है। इसे बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। इनकम टैक्‍स की नई व्‍यवस्‍था में तमाम तरह के एक्‍जेम्‍पशन का लाभ नहीं मिलता है। यह सभी इनकम टैक्‍स की पुरानी व्‍यवस्‍था में उपलब्‍ध है। कोई चतुराई से टैक्‍स प्‍लानिंग करें तो 10 लाख रुपये से ज्‍यादा की इनकम होने के बाद भी वह टैक्‍स के दायरे से बाहर रह सकता है।

हाइलाइट्स
इनकम टैक्‍स की नई व्‍यवस्‍था में बढ़ाई गई छूट की सीमा
बजट में सरकार ने इसे 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया
जानकार देखते हैं पेंच, 10 लाख से ज्‍यादा इनकम रख सकते हैं टैक्‍स फ्री

सरकार ने इनकम टैक्‍स की नई व्‍यवस्‍था में सात लाख रुपये तक की इनकम को टैक्‍स फ्री कर दिया है। यानी अगर आप 7 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई इनकम टैक्‍स देने की जरूरत नहीं है। लेकिन, इसमें पेच है। पेच यह है कि एक्‍जेम्‍पशन की यह लिमिट नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था पर लागू होती है। इसका मतलब यह हुआ है कि अगर आपकी इनकम 7 लाख रुपये से ज्‍यादा होगी तो आपको इनकम टैक्‍स देना पड़ेगा। इनकम टैक्‍स की नई व्‍यवस्‍था में एक्‍जेम्‍पशन और डिडक्‍शन उपलब्‍ध नहीं हैं। इसके उलट सच यह है कि थोड़ी चतुराई की जाए तो कोई बड़ी आसानी से पुरानी व्‍यवस्‍था में 10 लाख रुपये तक की इनकम को भी टैक्‍स फ्री रख सकता है। किसी की इनकम 9.5 लाख रुपये तक है तो फिर इसमें बहुत ज्‍यादा जुगाड़ भी लगाने की जरूरत नहीं है। बड़ी आसानी से यह बचत की जा सकती है। ऐसे में जो लोग वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के नए ऐलान से बहुत खुश हो रहे हैं, उन्‍हें इसे थोड़ा थाम के रखना चाहिए। उन्‍हें चीजों के और साफ होने का इंतजार करना चाहिए।

इनकम टैक्‍स को लेकर वित्‍त मंत्री सीतारमण के ऐलान को कई जानकार आंकड़ों की बाजीगरी बता रहे हैं। उनका कहना है कि कोई व्‍यक्ति थोड़ी चतुराई से 10 लाख रुपये से ज्‍यादा की इनकम होने पर भी इनकम टैक्‍स नेट के दायरे से बाहर रह सकता है। इनकम टैक्‍स की पुरानी व्‍यवस्‍था में इस तरह के एक्‍जेम्‍पशन और डिडक्‍शन है जिनका इस्‍तेमाल करके यह किया जा सकता है। ऐसे में अगर आप बजट अनाउंसमेंट सुनकर पुरानी व्‍यवस्‍था को फिजूल समझ रहे हैं तो आपको सोचने की जरूरत है। इस पूरे मामले को उदाहरण से समझते हैं।

New Income Tax Slabs 2023-24: ₹10 लाख सैलरी पर कितना इनकम टैक्‍स? बजट की नई दरें जानिए
आपको सब समझ आ जाएगा

मान लेते हैं कि आपकी सैलरी 10 लाख रुपये है। 20,000 रुपये इंटरेस्‍ट इनकम भी है। सबसे पहली बात है कि सैलरीड क्‍लास के लिए 50,000 रुपये का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन उपलब्‍ध है। यह टैक्‍सेबल इनकम को घटाकर 9.7 लाख रुपये (10,20,000- 50,000) कर देगा। फिर आता है सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स सेविंग इंवेस्‍टमेंट। इससे टैक्‍सेबल इनकम 1.5 लाख रुपये और घट सकती है। और 50,000 रुपये सेक्‍शन 80सीसीडी (1बी) के तहत निवेश करके घटाए जा सकते हैं। ये दो डिडक्‍शन मिलाकर आपकी टैक्‍सेबल इनकम को घटाकर 7.7 लाख रुपये पहुंचा देंगे। होम लोन डिडक्‍शन कुछ टैक्‍सेबल इनकम को और कम कर देगा। अगर आप किराये के मकान में रहते हैं तो एचआरए के लिए एक्‍जेम्‍पशन क्‍लेम कर सकते हैं।
मान लेते हैं कि होम लोन या एचआरए टैक्‍सेबल इनकम को और 2 लाख रुपये घटाता है। इससे आपकी टैक्‍सेबल इनकम 5.7 लाख रुपये पर पहुंच जाती है। मेडिकल इंश्‍योरेंस कोविड के बाद फोकस में आ गई है। अगर आपकी उम्र 60 लाख रुपये से कम है तो हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक डिडक्‍शन क्‍लेम कर सकते हैं। सीनियर सिटीजन पैरेंट्स के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस का प्रीमियम देकर 50,000 रुपये तक और डिडक्‍शन क्‍लेम किया जा सकता है। सीनियर सिटीजंस के लिए इंश्‍योरेंस लेने की बढ़ती लागत को देखते हुए यह लिमिट बड़ी आसानी से क्रॉस हो जाएगी। अगर दोनों ही डिडक्‍शन क्‍लेम किए जाते हैं तो टैक्‍सेबल इनकम घटकर 4.95 लाख रुपये रह जाती है। यह लिमिट ही महत्‍वपूर्ण है। अगर टैक्‍सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो वैसे भी सेक्‍शन 87ए के तरह फुल टैकस रिबेट मिलती है। दूसरे शब्‍दों में कह सकते हैं कि आपको कोई टैक्‍स देने की जरूरत नहीं पड़ती है।

अब जानते हैं वित्‍त मंत्री ने क्‍या किया है?

वित्त मंत्री ने बिना छूट वाली इनकम टैक्‍स की नई व्यवस्था व्यवस्था को ‘डिफॉल्ट’ बनाने का प्रस्ताव किया है। ‘डिफॉल्ट’ का मतलब है कि अगर इनकम टैक्‍स रिटर्न भरते समय आपने ऑप्‍शन नहीं चुना तो अपने आप नई व्यवस्था में आप चले जाएंगे। बजट प्रस्ताव के तहत नई व्‍यवस्‍था में 7 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा। पुरानी टैक्‍स व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यानी 2.5 लाख रुपये की इनकम पर शून्य टैक्‍स लगेगा। 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये की इनकम पर पांच फीसदी, पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ज्‍यादा की इनकम पर 30 फीसदी टैक्‍स लगेगा।

इनकम टैक्‍स की नई व्यवस्था में आयकर स्लैब के में तीन लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा। वहीं, तीन लाख रुपये से छह लाख रुपये पर पांच प्रतिशत, छह से नौ लाख रुपये पर 10 %, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 % और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक 20 % और 15 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर 30 % टैक्‍स लगेगा।

Income Tax Slabs Budget 2023: बजट में मिडल क्‍लास की लॉटरी लगी, 7 लाख तक इनकम टैक्‍स नहीं, नए रेट देखिए

 

Income Tax Slab Changes In Budget 2023: पब्लिक को बजट 2023-24 में इनकम टैक्‍स पर बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आयकर स्‍लैब में बदलाव किए हैं।
बजट 2023 में मिडल क्‍लास की बल्‍ले-बल्‍ले हो गई है। इनकम टैक्‍स में छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इनकम टैक्‍स स्‍लैब की संख्‍या घटाकर 5 कर दी गई है। पर्सनल इनकम पर नए टैक्‍स स्‍लैब की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि 3 से 6 लाख रुपये सालाना आय वालों को 5% टैक्‍स देना होगा। 6 से 9 लाख रुपये आय पर इनकम टैक्‍स की दर 10% होगी। 9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15% टैक्‍स, 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20% और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्‍स लगेगा। इनकम टैक्‍स रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। बजट पेश करते हुए सीतारमण ने सीनियर सिटिजंस और महिलाओं को भी गुड न्‍यूज दी। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। वहीं, महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज मिलेगा।

Budget 2023 Income Tax Slab Changes (केंद्रीय बजट 2023 में आयकर स्‍लैब से जुड़े बदलाव)
बजट 2023: नया इनकम टैक्‍स स्‍लैब इस प्रकार है
सालाना इनकम टैक्‍स स्‍लैब
0 से 3 लाख रुपये 0%
3 से 6 लाख रुपये 5%
6 से 9 लाख रुपये 10%
9 से 12 लाख रुपये 15%
12 से 15 लाख रुपये 20%
15 लाख रुपये से ज्‍यादा 30%

7 लाख तक वार्षिक कमाने वालो को कोई कर नहीं देना होगा।
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

गैर-सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर तीन लाख रुपये के ‘लीव एनकैशमेंट’ पर मिलने वाली कर छूट को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। नौकरीपेशा कर्मचारियों एवं पेंशनधारकों के लिए नई कर व्यवस्था में मानक कटौती को बढ़ाकर 52,500 रुपया करने का प्रस्ताव किया है।

पुरानी टैक्‍स स्‍लैब क्‍या थी?

Budget Income Tax Slabs

इनकम टैक्‍स स्‍लैब का रेट (बजट 2022-23)

बजट 2023 की नई कर व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सात लाख रुपये की गई है। करदाताओं को राहत देते हुए सीतारमण ने कहा कि तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। महिला सम्मान बचत पत्र मार्च, 2025 तक उपलब्ध होगा, महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकेगा।

क्या सस्ता क्या महंगा बता रहे हैं विवेक बिंद्रा:इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन सस्ते; सिगरेट, चांदी और किचन चिमनी महंगी

आने वाले दिनों में मोबाइल फोन खरीदना सस्ता हो सकता है, वहीं सोना-चांदी खरीदना महंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है और सोना-चांदी पर ड्यूटी में इजाफा किया है। ऐसे में आम आदमी की जेब पर किन चीजों का बोझ बढ़ने जा रहा है और किससे उसे राहत मिलेगी, जानते हैं क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा…

 

सस्ता

लिथियम आयन बैटरी बनाने में इस्तेमाल सामान की इंपोर्ट ड्यूटी घटाई
टीवी पैनल के ओपन सेल के पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% की गई
मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई
हीट कॉइल पर कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 15% कर दी गई है
लैब में बने हीरों की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल सीड पर ड्यूटी कम की
एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए श्रिंप फीड पर कस्टम ड्यूटी कम करेगी
क्रूड ग्लिसरीन पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से घटाकर 2.5% की गई
क्लीनिंग एजेंट डीनेचर्ड इथाइल अल्कोहल से कस्टम ड्यूटी खत्म की गई
महंगा

सिगरेट पर प्राकृतिक आपदा आपात ड्यूटी (NCCD) को 16% बढ़ाया
गोल्ड बार और प्लेटिनम से बने सामान की ड्यूटी बढ़ाई
चांदी की ड्यूटी 6% से 10% की। उससे बने सामान पर भी ड्यूटी बढ़ाई
कंपांउडेड रबर पर ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 25% किया
किचन इलेक्ट्रिक चिमनी पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से बढ़ाकर 15% की गई
अब बात GST की जिसके दायरे में 90% प्रोडक्ट आते हैं…
ऐसे कम ही प्रोडक्ट है जो बजट में सस्ते या महंगे होने जा रहे हैं। इसका कारण है गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST। 2017 के बाद लगभग 90% प्रोडक्ट की कीमत GST पर निर्भर करती है, जिसे GST काउंसिल तय करती है। वर्तमान में GST के टैक्स स्लैब में चार दरें – 5%, 12%, 18% और 28% हैं। आवश्यक वस्तुओं को इस टैक्स से छूट है या सबसे निचले स्लैब में रखा है। GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है।

आगे बढ़ने से पहले कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स…

इनसे पता चलता है कि 1950 और 2023 के बीच कुछ ऐसे प्रोडक्ट भी है जिन्हें खरीदना आम आदमी के लिए आसान हो गया है। ये भी कह सकते हैं कि इन प्रोडक्ट की महंगाई आय की तुलना में काफी कम बढ़ी है।

अब नजर बीते एक साल पर…

बीते साल आटा 23% बढ़ा तो लोन भी महंगा हो गया है। पिछले साल जनवरी में एक किलो आटा 26 रुपए में मिलता था। दिसंबर में तो इसकी कीमत बढ़कर 32 रुपए किलो हो गई। इसी तरह हर घर में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे तेल, दूध और चावल जैसी चीजों के दाम भी बढ़े हैं। 2022 में पहली बार घरेलू गैस सिलेंडर 1,000 रुपए के पार निकल गया। RBI की ओर से महंगाई को कंट्रोल करने के लिए बढ़ाई गई ब्याज दरों के कारण लोन भी महंगे हो गए हैं। नीचे दिए ग्राफिक्स से आप बीते एक साल की महंगाई को समझ सकते हैं…

 

टॉप 5 इकोनॉमी में महंगाई

केवल भारत ही नहीं है जो महंगाई का सामना कर रहा है। दुनिया की टॉप 5 इकोनॉमी अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी और भारत की बात करें तो दिसंबर 2022 में सबसे ज्यादा 8.6% महंगाई जर्मनी में रही। भारत में दिसंबर में रिटेल महंगाई (CPI) घटकर 5.72% पर आ गई। ये 12 महीनों का निचला स्तर है। यहां खाने-पीने का सामान खास तौर पर सब्जियों की कीमतों के घटने की वजह से महंगाई से कुछ राहत मिली है।

चलते-चलते महंगाई बढ़ने के कुछ कारण जान लीजिए। इसे पढ़ना थोड़ा बोझिल हो सकता है, लेकिन इससे महंगाई की इकोनॉमी को समझने में काफी आसानी होगी…

महंगाई के बढ़ने का सीधा-सीधा मतलब आपके कमाए पैसों का मूल्य कम होना है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो आपके कमाए 100 रुपए का मूल्य 93 रुपए होगा। ऐसे कई फैक्टर हैं जो किसी इकोनॉमी में कीमतों या महंगाई को बढ़ा सकते हैं। आमतौर पर, महंगाई प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने, प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिमांड में तेजी या सप्लाई में कमी के कारण होती है। महंगाई बढ़ने के 6 बड़े कारण होते हैं:

डिमांड पुल इन्फ्लेशन तब होती है जब कुछ प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिमांड अचानक तेजी से बढ़ जाती है।
कॉस्ट-पुश इन्फ्लेशन तब होती है जब मटेरियल कॉस्ट बढ़ती है। इसे कंज्यूमर को पास कर दिया जाता है।
यदि मनी सप्लाई प्रोडक्शन की दर से ज्यादा तेजी से बढ़ती है, तो इसका परिणाम महंगाई हो सकता है।
कुछ इकोनॉमिस्ट सैलरी में तेज बढ़ोतरी को भी महंगाई का कारण मानते हैं। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ती है।
सरकार की पॉलिसी से भी कॉस्ट पुश या डिमांड-पुल इन्फ्लेशन हो सकती है। इसलिए सही पॉलिसी जरूरी है।
कई देश इंपोर्ट पर ज्यादा निर्भर होते हैं वहां डॉलर के मुकाबले करेंसी का कमजोर होना महंगाई का कारण बनता है।

 

 

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